बीएसपी सुप्रीमो मायावती द्वारा आकाश आनंद को BSP के सभी पदों से हटाने पर, आकाश आनंद ने क्या कहा!

आकाश आनंद ने बसपा के सभी पदों से हटाएं जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, कुछ विरोधी दल के लोग ये सोच रहे हैं कि पार्टी के इस फैसले से मेरा राजनीतिक करियर समाप्त हो गया, उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की लड़ाई है।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती और आकाश आनंद
बीएसपी सुप्रीमो मायावती और आकाश आनंद
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उत्तर प्रदेश: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती द्वारा रविवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर सहित सारे पदों से मुक्त करने के दूसरे दिन बाद सोशल मीडिया के माध्यम से आकाश आनंद की मामले पर पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। मायावती ने यह भी घोषणा की है कि उनके जीते जी कोई पार्टी का उत्तराधिकारी नहीं होगा।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के उक्त निर्णय पर सोमवार को आकाश आनंद ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि:

"मैं परमपूज्य आदरणीय बहन कु. मायावती जी का कैडर हूं, और उनके नेतृत्व में मैने त्याग, निष्ठा और समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक सीखे हैं, ये सब मेरे लिए केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं। आदरणीय बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के समान है, मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं उस फैसले के साथ खड़ा हूं। "

"आदरणीय बहन कु. मायावती जी द्वारा मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है, लेकिन साथ ही अब एक बड़ी चुनौती भी है, परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है। ऐसे कठिन समय में धैर्य और संकल्प ही सच्चे साथी होते हैं। बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह, मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा और अपनी आखिरी सांस तक अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा।"

"कुछ विरोधी दल के लोग ये सोच रहे हैं कि पार्टी के इस फैसले से मेरा राजनीतिक करियर समाप्त हो गया, उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की लड़ाई है। यह एक विचार है, एक आंदोलन है, जिसे दबाया नहीं जा सकता। इस मशाल को जलाए रखने और इसके लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए लाखों आकाश आनंद हमेशा तैयार हैं।"

क्या था पूरा मामला?

बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत के सभी छोटे-बड़े पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को सभी पद से हटा दिया है। अब आनंद कुमार और रामजी गौतम को पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। साथ ही दोनों के कार्यों का बंटवारा कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि "कांशीराम के पदचिन्हों पर चलकर ही अशोक सिद्धार्थ को, जो आकाश आनंद के ससुर भी हैं, अब पार्टी मूवमेंट के हित में पार्टी से निकालकर बाहर किया गया है। जिन्होंने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में पार्टी को गुटों में बांटकर इसे कमजोर करने का काम किया। जहां तक इस मामले में आकाश आनंद का सवाल है, तो आपको ज्ञात है कि अशोक सिद्धार्थ की लड़की के साथ इनकी शादी हुई है और अब अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकालने के बाद उस लड़की पर अपने पिता का कितना प्रभाव पड़ता है। आकाश पर भी उसकी लड़की का कितना प्रभाव पड़ता है, तो यह सब भी अब हमें काफी गंभीरता से देखना होगा, जो अभी तक कतई भी सकारात्मक नहीं लग रहा है।"

मायावती ने कहा कि "ऐसे में पार्टी के हित में आकाश आनंद को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया है, जिसके लिए पार्टी नहीं बल्कि पूर्ण रूप से इनके ससुर अशोक सिद्धार्थ ही जिम्मेदार हैं। जिन्होंने आकाश आनंद के राजनीतिक करियर को भी खराब कर दिया है। अब इसके स्थान पर पूर्व की तरह ही आनंद कुमार ही पार्टी का सभी कार्य करते रहेंगे।"

मायावती ने बताया कि आनंद कुमार, जो पार्टी में पिछले काफी वर्षों से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं, यह मेरी गैर-हाजिरी में और मेरे दिशा-निर्देशन में पार्टी का पूरा पेपर-वर्क, खासकर पार्टी का इनकम टैक्स एवं कोर्ट-कचहरी आदि से संबंधित तथा पूरे देश में चुनाव के दौरान मेरे चुनावी दौरे आदि का भी पूरा प्रबंधन का कार्य देखते रहेंगे। अब यह दिल्ली में पार्टी का सभी जरूरी कार्य देखने के साथ-साथ पूरे देश में पार्टी के लोगों से अपना पूरा संपर्क भी बनाकर रखते हैं, जिसकी पूरी जानकारी समय-समय पर यह मुझे देते हैं। इसलिए वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर अब इन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए रखने के साथ-साथ पार्टी में इन्हें पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर भी बना दिया गया है।

अब पार्टी ने दूसरा नेशनल कोऑर्डिनेटर रामजी गौतम को नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि आनंद कुमार के बारे में मैं यह भी अवगत कराना चाहती हूं कि वर्तमान में बदले हुए हालात में, पार्टी और मूवमेंट के हित में अब इन्होंने अपने बच्चों का रिश्ता भी गैर-राजनैतिक परिवार के साथ ही जोड़ने का फैसला लिया है ताकि अशोक सिद्धार्थ की तरह अब आगे कभी भी अपनी पार्टी को किसी भी प्रकार से कोई नुकसान आदि न हो सके।

मायावती ने कहा कि, अब मैंने यह फैसला लिया है कि मेरे जीते जी और मेरे आखिरी सांस तक भी अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा। जिस फैसले का पार्टी के लोगों ने दिल से स्वागत किया। मायावती ने अपनी उस बात को आज फिर से दोहराया है कि मेरे लिए पार्टी और मूवमेंट पहले है। भाई-बहन और उनके बच्चे तथा अन्य रिश्ते-नाते आदि सभी बाद में हैं।

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