सांसदों को संसद के बाहर का रास्ता दिखाने के दौरान क्या काम आएगा उपराष्ट्रपति धनखड़ का जातिकार्ड?

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष का पलटवार, कहा- जाति को हर मुद्दे में नहीं घसीटा जाना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे.

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने गत बुधवार को कहा कि जाति को हर मुद्दे में नहीं घसीटा जाना चाहिए। उन्होंने साथ ही यह सवाल भी किया कि क्या उन्हें हर बार राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर यह कहना चाहिए कि दलित होने के कारण ऐसा हुआ है। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद परिसर में उनकी, तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद द्वारा नकल उतारे जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उच्च सदन में कहा कि संसद परिसर में उनकी नकल उतारकर किसान समाज और उनकी जाति (जाट) का अपमान किया गया है।

खरगे ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सभापति का काम दूसरे सदस्यों को संरक्षण देना है, लेकिन वह खुद इस तरह का बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ”मुझे अक्सर राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है। क्या मुझे यह कहना चाहिए कि मैं दलित हूं। इसलिए उन्हें जाति के नाम पर बोल कर लोगों को नहीं भड़काना चाहिए।”

इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट ने द मूकनायक से कहा-"किसी जाति और समाज में गद्दार का पैदा होना उस जाति और समाज के लिए कलंक होता है। गद्दार के अपमान पर किसी जाती का अपमान नहीं होता। जाट समाज का और पूरे देश का असली अपमान उस समय हुआ था, जब ओलंपिक मेडलिस्ट हमारी बेटियों को सड़क पर घसीटा जा रहा था।" जाट ने कहा कि सरकार यह मुद्दा उठाकर संसद की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस यूपी प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने मामले में कहा- "तब जाटों का अपमान नजर नहीं आ रहा था, जब किसानों के ऊपर काले कानून थोपे, 700 से ज्यादा किसानों की जान गई। राकेश टिकैत रो रहे थे। भाजपा के मंत्री उन्हें पाकिस्तानी, अफगानिस्तानी, आईएसआई और न जाने क्या क्या कह रहे थे। किसानों का अपमान कर रहे थे। उस समय जाटों का अपमान नजर नहीं आया। इतनी ओछी और सस्ती राजनीति भारतीय जनता पार्टी करती है। ये अन्नदाता देख रहा है। आज तक किसानों को एमएसपी नहीं दे पाए। मिमिक्री करना कोई अपराध नहीं है।"

उन्होंने पूछा कि क्या अब हर किसी को अपनी जाति बताने वाला ठप्पा लगा कर घूमना चाहिए? खडगे ने सवाल किया कि संसद की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों सदनों में कुछ भी नहीं कहा, लेकिन संसद के बाहर उन्होंने अपनी बात रखी तो क्या प्रधानमंत्री और गृह गृहमंत्री को माफी नहीं मांगनी चाहिए।

संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना पर गृहगृमंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर हंगामा करने पर दोनों सदनों से 90 से अधिक विपक्षी सदस्यों को निलंबित किए जाने के विरोध में विपक्ष के सांसदों ने कल मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया और सदन की ‘मॉक कार्यवाही’ का आयोजन किया था।

निलंबित सांसदों ने संसद के नए भवन के मकर द्वार पर धरना दिया। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा के सभापति और लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा, सदनों की कार्यवाही का संचालन किए जाने की नकल उतारी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कल्याण बनर्जी द्वारा कार्यवाही के संचालन की नकल उतारे जाने का मोबाइल फोन से वीडियो बनाते देखे गए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष की नकल उतारे जाने की घटना पर मंगलवार को गहरी आपत्ति जताते हुए इसे अस्वीकार्य करार दिया था। सदन में तख्तियां लहराने और नारे लगाने के आरोप में पिछले कुछ दिनों के भीतर 141 सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में मंगलवार को 49 लोकसभा सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसद 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक की घटना को लेकर दोनों सदनों में गृहमंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री का वीडियो वायरल

तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कल्याण बनर्जी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे हाथों से किसी संसद सदस्य की भावभंगिमा का प्रदर्शन करते नजर आ रहे है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे अलग-अलग कैप्शन के साथ शेयर किया।

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