मायावती ने दलितों और ओबीसी के उत्थान के लिए राजनीतिक शक्ति पर दिया जोर

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि, अपमान से मुक्ति पाने के लिए बहुजन समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर अपनी राजनीतिक शक्ति को मजबूत करना होगा।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती
Published on

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा कि केवल राजनीतिक शक्ति ही दलितों और बहुजनों के लिए सही मायनों में प्रगति ला सकती है।

बीएसपी के ओबीसी पदाधिकारियों की राज्य स्तरीय विशेष बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "बहुजनों के लिए 'अच्छे दिन' लाने का एकमात्र तरीका राजनीतिक शक्ति प्राप्त करना है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि बहुजन समाज, विशेष रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), जातिवादी और संकीर्ण मानसिकता की राजनीति से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

मायावती ने दावा किया कि जिस तरह दलितों को उनके संवैधानिक आरक्षण के लाभों से वंचित किया गया है, उसी तरह ओबीसी को भी नीतियों के कारण उनका अधिकार नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने सभी वर्गों को संगठित होकर सामाजिक भेदभाव को खत्म करने के लिए राजनीतिक शक्ति हासिल करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, "अपमान से मुक्ति पाने के लिए बहुजन समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर अपनी राजनीतिक शक्ति को मजबूत करना होगा। हमें गांव-गांव में एक नया और आक्रामक अभियान शुरू करना होगा ताकि कांग्रेस, भाजपा और सपा की दलित एवं ओबीसी विरोधी नीतियों को उजागर किया जा सके।"

उन्होंने आगे कहा, "जातिवादी पार्टियों जैसे भाजपा, कांग्रेस और सपा को हराना और राजनीतिक शक्ति प्राप्त करना ही बहुजनों के 'अच्छे दिन' लाने का एकमात्र प्रभावी तरीका है।" उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि ओबीसी समुदाय ऐतिहासिक रूप से विभाजित और उपेक्षित रहा है, जब तक कि मंडल आयोग की सिफारिशें लागू नहीं की गईं।

बीएसपी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, "बीएसपी ही वह पार्टी थी जिसने ओबीसी को उनका संवैधानिक आरक्षण सुनिश्चित किया।"

प्रतिद्वंद्वी दलों पर बीएसपी के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा, "2012 में जातिवादी दलों ने मिलकर उत्तर प्रदेश में बीएसपी को सत्ता से हटाने की साजिश रची। तब से लेकर अब तक दलितों और ओबीसी का हाल और भी बदतर हो गया है।"

बैठक के दौरान, उन्होंने अपने चार कार्यकालों में किए गए विकास कार्यों का विस्तार से उल्लेख किया। एक महत्वपूर्ण पहल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "2011 में मेरी सरकार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर जातिगत जनगणना की मांग की थी।"

मायावती ने विपक्षी दलों पर बहुजन एकता को कमजोर करने के लिए छोटी जाति-आधारित पार्टियां और संगठन बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "इन संगठनों के कुछ नेता केवल अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक स्वार्थों की पूर्ति करते हैं, जबकि उनकी जातियां वंचित रह जाती हैं। केवल बीएसपी के नेतृत्व में ही पूरे समाज के हित सुरक्षित रह सकते हैं।"

उन्होंने कांग्रेस, भाजपा और सपा जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों पर दलितों और ओबीसी को गुमराह करने और उनका शोषण करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, "ये पार्टियां दलितों और ओबीसी को मीठी-मीठी बातों और झूठे वादों से बहलाती हैं, लेकिन वे कभी उनके उत्थान के लिए वास्तव में काम नहीं करेंगी। जितनी जल्दी लोग इस सच्चाई को समझेंगे और अपनी तकदीर खुद संवारेंगे, उतना ही बेहतर होगा।"

मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को 14 अप्रैल, डॉ. बी.आर. अंबेडकर की जयंती पर देशभर में जिला स्तर पर चर्चा आयोजित करने का निर्देश दिया। उन्होंने घोषणा की कि बीएसपी नेता लखनऊ और नोएडा में अंबेडकर की प्रतिमाओं का माल्यार्पण कर संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि देंगे।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती
ये क्या बोल गए भाजपा विधायक सुनील मणि तिवारी— "जय भीम गलत लोगों का नारा है.. क्रिमिनल पार्टी का नारा है...!"
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती
यूपी के हापुड़ में नशीला पदार्थ सुंघाकर दलित किशोरी से गैंगरेप, आक्रोशित लोगों की सख्त कार्रवाई की मांग, एक गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती
राजस्थान: न्याय की मांग को लेकर दलित समाज ने पैदल जयपुर किया कूच, क्या है पूरा मामला?

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com