मध्य प्रदेश: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी जीजीपी और जयस, आदिवासियों के इन मुद्दों पर लड़ेंगे चुनाव!

हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में इन दोनों ही दलों को सीट नहीं मिल पाई है। जबकि जीजीपी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था।
जीजीपी और जयस
जीजीपी और जयस

भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे मोर्चे ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) और जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन चुनावी मैदान में उतरेंगे। हालांकि, हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में इन दोनों ही दलों को सीट नहीं मिल पाई है। जबकि जीजीपी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था। 

निमाड़ और अन्य आदिवासी क्षेत्रों में जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) प्रत्याशियों को उतारने की तैयारी में है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी विभिन्न सीटों पर तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल अभी तक इन दोनों ही दलों का गठबंधन होगा या नहीं यह साफ नहीं है।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते ने कहा कि विधानसभा चुनावों में हार की समीक्षा कर रहे हैं। हार जीत लगी रहती है। "हमारा फोकस अब लोकसभा चुनावों पर है। पिछली बार 2018 के विधानसभा चुनाव से वोट इस बार ज्यादा मिला है। हमारी पार्टी को पांच लाख से भी ज्यादा वोट मिला है। लेकिन हम सीट नहीं जीत पाए।"

पोर्ते ने कहा कि बसपा से गठबंधन का फायदा नहीं हुआ है। हालांकि, लोकसभा में गठबंधन का निर्णय पार्टी के कोर सदस्य लेंगे। कभी गठबंधन जैसी कोई बात नहीं हुई है। 

जल-जंगल जमीन के मुद्दों पर लड़ेंगे चुनाव

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते ने बताया की वह जल, जंगल और जमीन के मुद्दे को केंद्र में रखेंगे। साथ ही, आदिवासियों के स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार के मुद्दे भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा भाजपा सरकार चुनावों में प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग करती है। हम इस पर भी नजर रखेंगे।

पांच सीटों पर लड़ेंगे

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) आदिवासी बहुल इलाकों की पांच संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जिसमें छिंदवाड़ा, मण्डला, शहडोल, सीधी और बैतुल लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा। आमान सिंह पोर्ते ने कहा कि चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। हम बूथ लेवल पर मीटिंग कर रहे है। जल्द ही बैठक कर पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय करेंगे। 

2003 में जीती थी तीन सीटें

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव साल 2003 में कुल तीन सीटें जीती थी। बाद में पार्टी के अंदर गुटबाजी और कार्यकर्ताओं की निष्क्रियता के कारण 2008 के चुनाव में शून्य सीट मिली थी। इसके बाद से 2023 में भी जीजीपी कोई भी सीट नहीं जीत पाई। 

कांग्रेस से मिलकर चुनाव लड़ेगी जयस!

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जयस का प्रभाव पश्चमी मध्य प्रदेश के निमाड़ इलाकें में हैं। द मूकनायक से बातचीत करते हुए जयस के संस्थापक सदस्य महेंद्र कन्नौज ने बताया कि "इस बार लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस से मिलकर चुनाव लड़ेंगे, जो कांग्रेस के सिंबल पर लड़ा जाएगा। चुनाव के लिए हमने तैयारी शुरू कर दी हैं।" महेंद्र ने कहा अगले सप्ताह में संगठन की बैठक है। सारे महत्वपूर्ण निर्णय तय हो जाएंगे।

यह सीटें हैं आरक्षित

मध्य प्रदेश में कुल 29 लोकसभा सीटें हैं। इनमें कुल 10 सीटें अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं। जिनमें भिंड, देवास, टीकमगढ़ और उज्जैन, ये चार सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। बैतूल, धार, खरगोन, मंडला, रतलाम और शहडोल, ये 6 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। विधानसभा के लिए प्रदेश में 47 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित है, वहीं 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं।

कुल 82 सीटें आरक्षित

मध्य प्रदेश में सात संभागों के अंतर्गत 20 जिले और 89 विकासखण्ड आदिवासी बाहुल्य हैं। मध्य प्रदेश देश में सर्वाधिक आदिवासी जनसंख्या वाला प्रदेश माना जाता है। इनमें बुरहानपुर, खंडवा, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़बानी, खरगौन, धार, मण्डला, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, डिंडौरी, होशंगाबाद, बैतुल, रतलाम, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, सीधी और श्योपुर जिले शामिल हैं।

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