मध्य प्रदेश: रबी की कुछ फसलों के लिए अमृत तो अन्य के लिए जहर बनी मावठ!

मावठ गिरने से मसूर, सरसों, आलू और प्याज की फसलों को नुकसान.
मावठा गिरने से बर्बाद हुई फसल
मावठा गिरने से बर्बाद हुई फसल

भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार मावठ (बारिश) गिरने से फसलों को भारी नुकसान है। पिछले तीन दिनों से प्रदेशभर के सभी संभागों में मानसून जैसी बारिश हुई है। दिन के 11 बजे तक कोहरा बना रहता है। लगातर बारिश से गेहूं की फसल को फायदा है बाकी चना, मसूर एवं सरसों और आलू की फसल को नुकसान हो रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक आगामी तीन दिनों तक मावठ गिरने का दौर जारी रहेगा, जिसके कारण किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है।

मध्य प्रदेश के विभिन्न भागों में पिछले सात-आठ दिन से भयंकर ठंड एवं शीतलहर के साथ रुक-रुक कर बारिश भी हो  रही है। इसके साथ-साथ गत 5-6 दिनों से भोपाल, ग्वालियर एवं चंबल समेत कुछ अन्य जिलों में घना कोहरा छाया रहता है और धूप नहीं निकल रही है। इसके कारण पौधों के विकास में बाधा पड़ने का खतरा है।

मध्य प्रदेश में रबी फसलों की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है और अब किसानों की नजर मौसम की ओर केन्द्रित थी। पिछले कुछ दिनों से हो रही वर्षा से गेहूं की फसल को लाभ होने की उम्मीद है, लेकिन घने कोहरे का प्रकोप ज्यादा दिन तक रहने से चना और मसूर की फसल को नुकसान हो सकता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि वर्षा का दौर थमने के बाद सरसों की फसल में माहू रोग का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए किसानों को सजग-सतर्क रहना होगा। मध्य प्रदेश मसूर का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है और इस बार यहां इसके क्षेत्रफल में कुछ इजाफा हुआ है। वहीं गेहूं, चना और सरसों का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है।

मावठा गिरने से फसलों को हुआ नुकसान
मावठा गिरने से फसलों को हुआ नुकसान

आलू, प्याज, लहसुन की फसल को नुकसान

प्रदेश में बारिश के कारण फसलों को नुकसान हो रहा है। प्रदेश के सागर, बड़वानी, ग्वालियर और गुना में आलू, प्याज, लहसुन की फसलों को नुकसान हो रहा है। बारिश के कारण यह फसलें पाला रोग के चपेट में आ रही हैं। द मूकनायक से बातचीत करते हुए भोपाल के कोडिया गाँव के किसान घनश्याम मेवाड़ा ने बताया कि उसने प्याज और आलू की खेती की है। मावठ बारिश के मौसम की तरह लगातार गिर रहा है। अगर जल्द ही धूप नहीं निकलती तो पूरी फसल खराब हो जागेगी। खेत में कुछ हिस्सों में प्याज खराब हो रही। मिट्टी ज्यादा मात्रा में गीली है। प्याज लगभग पक चुका है। आलू का पौधा सीत लहर के कारण खराब हो रहा है।

इधर, दतिया के किसान महेश केवट ने बताया कि वह गेहूँ, चने, सरसों की खेती करते हैं। 4 एकड़ के खेत में सिर्फ दो एकड़ में सरसों बुवाई की थी। गेहूँ और चने की फसल ठीक है पर लगातार बारिश के कारण सरसों के पौधे को नुकसान हो रहा है। अब खेतों को धूप की जरूरत है।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक मनोज कुमार ने बताया कि इस मौसम में मावठ गिरना आम बात है, लेकिन मावठ बारिश की तरह गिर रहा है। गेहूँ को छोड़कर सभी तरह की फसलों को नुकसान होगा। खासकर चना, मसूर को नुकसान होगा। प्रदेश में कई स्थानों पर पिछले एक सप्ताह से धूप नहीं निकली है। इससे भी फसल को नुकसान होता है। पौधौं पर अधिक मात्रा में पानी पड़ने से उन्हें नुकसान होता है। यदि खेतों में पानी भरा रहा जाए तब फसल सड़ जाती है।

इधर, मौसम विज्ञान केंद्र ने अभी तीन दिन और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बारिश जारी रहने का अनुमान लगाया है। द मूकनायक से बातचीत करते हुए मौसम वैज्ञानिक पीके शाह ने कहा कि दो सिस्टम एक्टिव है। प्रदेशभर में आगामी तीन दिनों तक बादल छाए रहेंगे। कहीं-कहीं वर्षा होगी। भोपाल, सागर, जबलपुर, ग्वालियर संभाग में बारिश होने के आसार है। कोहरा भी रहेगा।

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