लोकसभा चुनाव-2024: इंदौर में बीजेपी प्रत्याशी को 'नोटा' दे रहा टक्कर, जानिए कैसे?

कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम के नाम वापस लेने के बाद इंदौर लोकसभा सीट में नोटा के समर्थन में चल रहा है अभियान, बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया नकारात्मक राजनीति का आरोप.
ऑटो पर लगे पोस्टर।
ऑटो पर लगे पोस्टर। इंटरनेट.

भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में प्रदेश की आठ सीटों पर 13 मई को मतदान होना है, लेकिन इंदौर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के प्रत्याशी के नाम वापस लेने के बाद भी राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। पिछले दो दिन के भीतर शहर के ऑटो रिक्शे और सार्वजनिक स्थानों, दीवारों पर नोटा पर वोट करने की अपील करते हुए पोस्टर चस्पा किए गए हैं।

कांग्रेस उम्मीदवार के आखिरी समय में नाम वापस लेने के बाद इंदौर लोकसभा सीट में नोटा के लिए जोरदार अभियान चल रहा है। ऑटोरिक्शा और सार्वजनिक स्थानों और सामुदायिक उद्यानों पर नोटा के पोस्टर और बैनर लगाकर मतदाताओं से नोटा के बटन दबाने की अपील की जा रही है। देश में यह पहली घटना है, जब किसी चुनाव में नोटा के समर्थन में प्रचार हो रहा हो।

इधर, भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस नकारात्मक राजनीति कर रही है। किसी भी पोस्टर और बैनर पर कांग्रेस का नाम या पार्टी का चुनाव चिह्न नहीं है, लेकिन संदेश साफ है। 'लोकतंत्र को बचाने' के लिए नोटा दबाएं।

शहर में नोटा के पोस्टर लगने के बाद भाजपा के नेताओं में बेचैनी है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी जवाबी अभियान शुरू कर दिया है, कुछ ने ऑटो से पोस्टर फाड़ दिए हैं जो दर्शाता है कि नोटा का संदेश लोगों तक पहुंच रहा है। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की सड़कों पर 'संविधान बचाने' और 'लोकतंत्र के साथ व्यापार करने वालों को सबक सिखाने' के लिए नोटा पर वोट देने का आह्वान करने वाले पोस्टर और बैनर आम दृश्य बन गए हैं। इंदौर भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रहा है, जहां भाजपा ने तीन दशकों से भारी अंतर से जीत हासिल की है।

इंटरनेट

भाजपा ने इसके जवाब में पोस्टर लगाए हैं, जिन पर लिखा है, 'नोट चलाने वाले अब नोटा चला रहे हैं, राष्ट्रीय हित में मतदान करें।' पहली बार कांग्रेस के पास इंदौर में कोई उम्मीदवार नहीं है। कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना नाम वापस ले लिया था। वह उसी सुबह कांग्रेस के लिए प्रचार करने के बाद नाम बापस लेने गए थे, और फिर कैलाश विजयवर्गीय के साथ भाजपा में शामिल हो गए।

अक्षय कांति बम के कदम को कांग्रेस ने 'विश्वासघात' कहा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तुरंत इंदौर वासियों से नोटा का विकल्प चुनने का आग्रह किया। इंदौर के निवासियों का एक बड़ा वर्ग, पार्टी लाइन से ऊपर उठकर, बम के आखिरी समय में पद से हटने से स्तब्ध है और उनका मानना है कि इससे शहर की छवि धूमिल हुई है। नोटा बनाम वोट की लड़ाई सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक लड़ी जा रही है।

सुमित्रा महाजन की पार्टी से नाराजगी

कांग्रेस प्रत्याशी की भाजपा में जॉइनिंग के बाद पार्टी की दिग्गज नेता सुमित्रा महाजन, जिन्होंने 1989 से 2014 के बीच लगातार आठ बार इंदौर सीट जीती। उन्होंने कहा कि उन्हें इंदौर के प्रमुख लोगों के फोन आ रहे हैं, जो बम के कदम से नोटा पर विचार कर रहे हैं। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इस कदम को 'अनुचित' बताया। उन्होंने कहा कि इंदौर में मुख्य विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) के उम्मीदवार के नामांकन वापस लेने के बारे में जानकर मुझे आश्चर्य हुआ। ऐसा नहीं होना चाहिए था। इसकी कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि यह तो दीवार पर लिखा हुआ था कि इंदौर में भाजपा को कोई नहीं हरा सकता।

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें उन परिस्थितियों के बारे में पता नहीं है, जिसके कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई। उन्होंने कहा- "मुझे नहीं पता कि वास्तव में क्या हुआ। अगर यह सब हमारे लोगों ने किया है, तो यह गलत है। ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं थी। अगर कांग्रेस उम्मीदवार ने खुद ऐसा किया है, तो मैं उनसे भी कहूंगी कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्होंने अपनी पार्टी के साथ विश्वासघात किया है।"

पोस्टर लगाने की नहीं मिली अनुमति

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उन्हें शहरों में नोटा होर्डिंग्स लगाने की अनुमति नहीं दी गई। बुधवार को सोशल मीडिया पर एक कथित वीडियो सामने आया, जिसमें एक भाजपा कार्यकर्ता ऑटो से नोटा का बैनर फाड़ रही है। इस पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की है।

ऑटो पर लगे पोस्टर

इंदौर में सैकड़ों ऑटो पर नोटा संदेश चिपकाए गए हैं। कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने द मूकनायक से बातचीत में कहा- " हम पोस्टर लगा रहे हैं और नोटा के बारे में बात कर रहे हैं। यह एक जन आंदोलन बन गया है और हमारा लक्ष्य नोटा के लिए रेकॉर्ड वोट प्राप्त करना है। भाजपा ने लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन लिया है और उन्हें मतदान के प्रति हतोत्साहित किया है। हम और पोस्टर और होर्डिंग लगाना चाहते हैं, लेकिन हमें अनुमति नहीं दी जा रही है और भाजपा कार्यकर्ता बैनर फाड़ रहे हैं।"

ओझा ने आगे कहा- "हमने चुनाव आयोग को भाजपा की संध्या यादव द्वारा ऑटोरिक्शा से नोटा पोस्टर फाड़ने के बारे में लिखित शिकायत की है, लेकिन हमारी शिकायत दर्ज नहीं की गई और चुनाव आयोग ने हमें ऑटो चालक को अपने साथ लाने को कहा। नोटा एक वैध और कानूनी विकल्प है और मतदाता को इसे चुनने का अधिकार है, अगर उसे कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिलता है।"

ऑटो पर लगे पोस्टर।
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