उत्तर प्रदेश: कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार तड़के सुबह यूपी के हाथरस में रेप पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंच गए। इस मुलाकात में उन्होंने 45 मिनट तक परिवार से बातचीत की। राहुल के इस अचानक दौरे के प्लान पर भाजपा नेताओं के राजनीतिक बयान भी सामने आए हैं।
अचानक हाथरस पीड़ित परिवार से मिलने के राहुल गांधी के प्लान के पीछे वजह थी कि इसी साल, 2 जुलाई को लड़की के पिता ने राहुल को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने कहा था कि, "4 साल से कैद में हूं। न कोई रोजगार है। न ही रोजगार के लिए कोई बाहर जा पा रहा है। सरकार ने वादे भी पूरे नहीं किए।"
पीड़ित लड़की के भाई ने बताया कि, "SDM हाथरस नीरज शर्मा कल मेरे घर की पैमाइश करने आए थे। अभी तक हमारी दो मांगों पूरी नहीं हुई। पहली- हाथरस के बाहर एक घर, दूसरी- परिवार के एक सदस्य को नौकरी। इस मामले की जानकारी राहुल गांधी को मिली है। इसी को लेकर वह हमसे मिलने आ रहे हैं।"
सरकार ने जो वादे किए थे, उसे पूरे नहीं किए। परिवार CRPF की कड़ी सुरक्षा में कैद है। न कोई रोजगार है। न ही रोजगार के लिए कोई बाहर जा पा रहा है। घर में 3 बेटियां हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई तक नहीं हो पा रही। परिवार की मानसिक स्थिति बहुत ही खराब चल रही है। 14 सितंबर, 2020 को हुई घटना बहुत ही भयानक थी, जिसमें मेरी बेटी के साथ गैंगरेप हुआ। उसके रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई थी। जीभ काट दी गई। मेरी परमशिन के बिना प्रशासन ने रात में बेटी के शव को जलाया दिया। आज तक मुझे और मेरे परिवार को यह तक नहीं पता है कि बॉडी किसकी जलाई गई थी। हमारे केस में CBI जांच हुई थी। इसमें चारों आरोपी दोषी थे। मरने से बेटी ने चारों आरोपियों का नाम बताया था। घटना के बाद बेटी का मेडिकल नहीं कराया गया। CBI ने अपनी चार्जशीट में चारों को दोषी बताया था, लेकिन ट्रायल कोर्ट 3 आरोपियों सिर्फ SC-ST एक्ट में सजा सुनाई। सीएम योगी ने परिवार को घर और एक सदस्य को नौकरी देने लिखित आश्वासन दिया था। हाईकोर्ट लखनऊ ने नौकरी और घर देने के संबंध में यूपी सरकार को आदेश दिया था। लेकिन आदेश का पालन नहीं किया गया।
राहुल के परिवार से मुलाकात पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि, "राहुल हताश हैं। हाथरस मामले की जांच CBI ने की है। मामला कोर्ट में चल रहा है। राहुल यूपी को अराजकता और दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं।"
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के हाथरस दौरे पर योगी सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने कहा कि राहुल गांधी को चार साल बाद हाथरस की याद आई है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस के राज में दलितों की बस्तियों को जलाया जाता था। आज ऐसी घटनाएं नियंत्रण में हैं। कांग्रेस की सरकार में बड़े पैमाने पर दंगे हुए और कर्फ्यू लगाया गया। अब ये मुद्दे शांत हो गए हैं और ये लोग सत्ता के लिए बेताब हैं, उन्हें उम्मीद है कि फिर से सत्ता में वापसी होगी। लेकिन जनता के साथ जो उन्होंने व्यवहार किया, उसका जवाब जनता दे रही है। उन्हें हाथरस जाना है तो जाएं।
सदन में कार्यवाही स्थगित होने पर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपनी राजनीति करते हैं और समाजवादी पार्टी अपनी राजनीति करती है। समाजवादी पार्टी चाहती है जिन मुद्दों पर वह स्टैंड ले रही हैं कांग्रेस उन्हीं मुद्दों को उठाए। लेकिन, कांग्रेस को यह पसंद नहीं है। कांग्रेस खुद को राष्ट्रीय पार्टी मानती है जबकि सपा को क्षेत्रीय पार्टी मानती है। इस तरह के व्यवहार से बचना चाहिए, लेकिन उनके बीच अंदरूनी कटुता है।
14 सितंबर साल 2020, पीड़ित लड़की मां और भाई के साथ खेत गई थी। इसी दौरान उसके साथ रेप की वारदात हुई। लड़की को हाथरस जिला हॉस्पिटल ले जाया गया, वहां से अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
आरोप सवर्ण जाति के 4 लड़कों पर गैंगरेप का आरोप लगा। इससे बाद राजनीति शुरू हो गई। राहुल-प्रियंका गांधी समेत कई बड़े नेता पीड़ित परिवार से मिले। पीड़ितों को 25 लाख की सरकारी मदद मिली।
19 सितंबर को लड़की के बयान के आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपी संदीप को गिरफ्तार किया। इसके बाद 26 सितंबर को लवकुश सिंह, रामू और रवि सिंह को गिरफ्तार किया गया।
22 सितंबर को नायब तहसीलदार ने अलीगढ़ में लड़की का बयान (डाइंग डिक्लेरेशन) लिया, इसी दिन उसका मेडिकल टेस्ट हुआ।
28 सितंबर को पीड़ित लड़की हालत बिगड़ गई। उसे अलीगढ़ से दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल ले जाया गया। 29 सितंबर को लड़की की मौत हो गई।
29-30 सितंबर की देर रात पुलिस ने लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया।
2 अक्टूबर को SP विक्रांत वीर, सीओ राम शब्द, प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा ASI जगवीर सिंह और हेड कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया।
11 अक्टूबर को CBI ने केस की जांच शुरू की। 29 दिसंबर CBI ने कोर्ट में 2 हजार पन्नों की चार्जशीट फाइल की। पीड़ित परिवार के घर CRPF तैनात कर दी गई। फिर ढाई साल में 35 गवाही और 70 सुनवाई के बाद 2 मार्च, 2023 को फैसला आया।
तीन आरोपी (रामू, लवकुश, रवि) रिहा हुए। संदीप पर गैर इरादतन हत्या का दोष साबित। उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई। रेप या गैंगरेप का आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो पाया।
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