दलित CM की उम्मीदों पर लगा ब्रेक! सतीश जारकीहोळी बोले- 2028 से पहले नहीं होगा कोई फैसला

कर्नाटक के मंत्री सतीश जारकीहोळी ने दलित मुख्यमंत्री की मांग पर विराम लगाते हुए कहा कि अब यह मुद्दा 2028 विधानसभा चुनाव के बाद ही उठेगा; विपक्ष के आरोपों और स्टांपेड पर भी दिया करारा जवाब।
No More Talks of Dalit CM Till 2028, Says Karnataka Minister Satish Jarkiholi
अब 2028 तक नहीं होगी दलित मुख्यमंत्री पर कोई चर्चा: सतीश जारकीहोळीफोटो साभार- इंटरनेट
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कलबुर्गी: कर्नाटक के सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री सतीश जारकीहोळी ने रविवार को स्पष्ट किया कि राज्य में दलित मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर अब 2028 विधानसभा चुनाव तक कोई चर्चा नहीं होगी।

पत्रकारों से बातचीत में जारकीहोळी ने कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की जा रही पांच गारंटी योजनाओं पर भाजपा की आलोचना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "विपक्ष पिछले दो सालों से यही आरोप लगा रहा है और आने वाले तीन साल भी लगाता रहेगा। लेकिन जनता संतुष्ट है। सरकार न सिर्फ गारंटी योजनाएं लागू कर रही है, बल्कि कई विकास कार्य भी कर रही है।"

जारकीहोळी ने लोगों से अपील की कि वे पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की सरकार के बजट की तुलना मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की सरकार के बजट से करें और फर्क देखें।

उन्होंने केंद्र और राज्य के बीच के राजस्व विभाजन को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "कर्नाटक केंद्र सरकार को सालाना 2 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी देता है, लेकिन बदले में हमें सिर्फ 37,000 करोड़ रुपये मिलते हैं। हमारी राशि से केंद्र सरकार गंगा-यमुना एक्सप्रेसवे बना रही है, जिससे उत्तर प्रदेश और बिहार को फायदा होगा।"

भाजपा के एमएलसी ए.एच. विश्वनाथ द्वारा सितंबर में मुख्यमंत्री बदले जाने के दावे पर जारकीहोळी ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, राज्य के समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने इस बयान को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “मेरी जानकारी के अनुसार कांग्रेस हाईकमान की ऐसी कोई योजना नहीं है। सिद्धारमैया ही मुख्यमंत्री हैं और बने रहेंगे।”

व्यंग्यात्मक अंदाज़ में महादेवप्पा ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि हाईकमान ने नेतृत्व परिवर्तन की जानकारी विश्वनाथ को दी होगी।"

चिन्नास्वामी स्टेडियम में 4 जून को हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को जिम्मेदार ठहराने के भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र के आरोप को महादेवप्पा ने "बचकाना" बताया।

उन्होंने कहा, "यह एक बेहद दुखद घटना है और ऐसा नहीं होना चाहिए था। इसके लिए न्यायिक और कार्यकारी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। हमें जांच की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।"

महादेवप्पा ने इस मुद्दे पर राजनीति किए जाने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “ऐसी घटनाएं उत्तर प्रदेश में भी हुई हैं और हाल ही में अहमदाबाद में एक विमान हादसा भी हुआ है। क्या किसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफे की मांग की? ऐसी त्रासदियों में राजनीति नहीं होनी चाहिए।”

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