दलित बेटी के सवाल पर सब मौन क्यों? बृजभूषण सिंह ने नगीना सांसद पर साधा निशाना, एफआईआर की मांग

उन्होंने कहा, "अगर यह मामला किसी अन्य समाज की लड़की से जुड़ा होता, तो अब तक सोशल मीडिया और मुख्यधारा की मीडिया में हंगामा मच गया होता। लेकिन, यह दलित समाज की बेटी का सवाल है और कोई बोलने को तैयार नहीं।"
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि सरकार को इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए और एफआईआर दर्ज कर जांच करानी चाहिए।
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि सरकार को इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए और एफआईआर दर्ज कर जांच करानी चाहिए। फोटो- आईएएनएस
Published on

गोंडा- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को गोंडा में जनता से मुलाकात के दौरान स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद पर एक दलित लड़की द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को लेकर तीखा हमला बोला और उनके खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की।

उन्होंने कहा, "सरकार को इस मामले में चुप्पी नहीं साधनी चाहिए। दलित बेटी की आवाज को दबाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। गंभीरता से संज्ञान लेकर कार्रवाई होनी चाहिए।" उन्होंने जनवरी 2023 में अपने खिलाफ लगे आरोपों का जिक्र करते हुए कहा, "जब मुझ पर आरोप लगे थे, तब चंद्रशेखर आजाद ने कहा था कि मुझे घसीटकर ले जाएंगे। मेरे खिलाफ एफआईआर हुई, मैं न्यायपालिका का सामना कर रहा हूं। मैंने तब कहा था कि अगर एक भी आरोप साबित हुआ तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। आज मैं उनसे पूछता हूं, दलित बेटी के सवाल पर आपका बल कहां गया? उस समय जाट बेटियों का सवाल था, आज दलित बेटी का सवाल है। क्या चंद्रशेखर आजाद मीडिया के सामने जवाब देंगे?"

उन्होंने विपक्षी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर भी निशाना साधा। बृजभूषण ने पूछा, "कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, ममता बनर्जी, अशोक गहलोत, किसान नेता और न्याय के ठेकेदार कहां हैं? दलित बेटी के सवाल पर सब मौन क्यों हैं?" उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए और एफआईआर दर्ज कर जांच करानी चाहिए। जांच में जो सामने आए, उसके आधार पर कार्रवाई हो। दलित और कमजोर वर्ग की बेटी की आवाज को दबाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए और उसकी आवाज बाहर निकलनी चाहिए। बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया से भी अपील की कि इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाए। उन्होंने कहा, "अगर यह मामला किसी अन्य समाज की लड़की से जुड़ा होता, तो अब तक सोशल मीडिया और मुख्यधारा की मीडिया में हंगामा मच गया होता। लेकिन, यह दलित समाज की बेटी का सवाल है और कोई बोलने को तैयार नहीं।" (आईएएनएस)

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com