क्या ‘मोदी की गारंटी’ पर भारी पड़ सकती है कांग्रेस की ‘नारी न्याय गारंटी’?

कांग्रेस पहली ऐसी पार्टी होगी जिसने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सत्ता में आने पर महिलाओं को सरकारी नौकरी में 50 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया है.
राहुल गांधी और पीएम मोदी.
राहुल गांधी और पीएम मोदी.

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान बुधवार को महाराष्ट्र में महिलाओं के लिए जो चुनावी वादे किये हैं, उसके बारे में माना जा रहा है कि वह सत्तारूढ़ दल भाजपा के बहुप्रचारित ‘मोदी की गारंटी’ पर भारी पड़ सकती है. जहां भाजपा पीएम मोदी के चेहरे पर ‘मोदी की गारंटी’ का कैंपेन चला रही है, राशन वितरण के लिए लाभार्थियों को दिए गए झोले पर प्रिंटिंग से लेकर तमाम सामाजिक योजनाओं के लिए गली-चौराहों और शहरों के सरकारी व अर्ध सरकारी भवनों तक मोदी की गारंटी देखने को मिल रहा है. वहीं अब कांग्रेस भी भाजपा की गारंटी को चुनौती देते हुए चुनावी मैदान में उतर चुकी है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो पांच ‘नारी न्याय गारंटी’ दी जाएगी. जिनमें गरीब महिलाओं के बैंक खतों में एक लाख रुपए वार्षिक जमा किये जाने के साथ ही सरकारी नौकरियों में 50 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा.

राहुल गांधी ने वादा किया कि मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा), आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और मध्यान्ह भोजन योजनाओं में कार्यरत महिलाओं के लिए बजट में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी दोगुनी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने और उनके मामले में मदद के लिए एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा.

नारी न्याय की 5 गारंटियां

राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखते हुए ‘नारी न्याय’ की 5 गारंटियों से देश में महिलाओं की जिंदगी बदलने का दावा किया है। उन्होंने लिखा कि, “कांग्रेस का लक्ष्य देश की आधी आबादी को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और बराबरी का प्रतिनिधित्व देना है। यह 5 ऐतिहासिक कदम महिलाओं के लिए ‘समृद्धि का द्वार’ खोलने जा रहे हैं।”

1- महालक्ष्मी: सबसे गरीब परिवारों की एक महिला को हर वर्ष 1 लाख रुपए की गारंटी।

2- आधी आबादी, पूरा हक: केंद्र सरकार में सभी नई भर्तियों का आधा हिस्सा महिलाओं के लिए आरक्षित करने की गारंटी।

3- शक्ति का सम्मान: आशा, आंगनबाड़ी और मिड-डे मील बनाने वाली महिलाओं के वेतन में केंद्र सरकार का योगदान दोगुना करने की गारंटी।

4- अधिकार मैत्री: सभी पंचायत में एक अधिकार मैत्री की नियुक्ति की गारंटी, जो महिलाओं को जागरूक कर उन्हें उनके कानूनी अधिकार दिलाने में मदद करेंगे।

5- सावित्री बाई फुले छात्रावास: देश में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल की संख्या दोगुनी कर, हर ज़िले में कम से कम एक हॉस्टल सुनिश्चित करने की गारंटी।

नारी न्याय गारंटी से महिलाओं की जिंदगी में बदलाव का दावा

राहुल गांधी ने पांच गारंटियों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि देश के हर जिले में महिलाओं के लिए सावित्रीबाई फुले छात्रावास स्थापित किये जाएंगे. कांग्रेस नेता ने कहा कि वे अपनी पिछली भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कन्याकुमारी से श्रीनगर तक 4,000 किलोमीटर पैदल चले थे और उन्होंने लाखों लोगों से बातचीत की थी. 

“किसानों, युवाओं और महिलाओं ने मुझे बताया कि हिंसा और नफरत अन्याय के कारण फैलाती है, जिसके बाद ही मणिपुर से मुंबई तक की दूसरी यात्रा में ‘न्याय’ शब्द जोड़ा गया”, राहुल ने दावा किया कि देश के उद्योगपतियों के 16 लाख करोड़ रुपए माफ किए गए, लेकिन किसानों और युवाओं का कर्ज नहीं माफ किया गया. इससे बड़ा अन्याय और क्या हो सकता है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा ‘भागीदारी’ शब्द इस्तेमाल किए जाने का अर्थ है कि किसी भी निर्णय में सभी जातियों और समुदायों को शामिल किया जाए और उनकी आबादी के अनुसार ही संसाधनों का बंटवारा किया जाए. गांधी ने यह भी दावा किया कि केंद्र ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के नाम पर मूर्ख बनाया है. ये विधेयक संसद में तो पेश कर दिया गया है, लेकिन इसे लागू होने में 10 साल लगेंगे. लेकिन हमारी सरकार तुरंत महिला आरक्षण लागू करेगी.

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक वीडियो बयान में कहा था कि ‘महालक्ष्मी’ गारंटी के तहत गरीब महिलाओं के बैंक खातों में सालाना एक लाख रुपए जमा कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि आधी आबादी पूरा हक, जिसका मतलब है सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और मध्यान्ह भोजन योजनाओं में कार्यरत महिलाओं के लिए केंद्र सरकार का बजटीय हिस्सा दोगुना किया जाएगा. 

खरगे ने यह भी कहा कि ‘अधिकार मैत्री’ या एक नोडल व्यक्ति महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करेगा और उनके हितों की लड़ाई में मदद करेगा. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को हटाने के लिए संविधान में संशोधन करेगी. पिछली कांग्रेस सरकारों द्वारा शुरू की गई अनुसूचित जाति योजना और अनुसूचित जनजाति उप-योजना को नरेंद्र मोदी सरकार ने खत्म कर दिया था. 

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार सत्ता में आने पर विभिन्न जातियों और समुदायों की आबादी के अनुसार बजटीय हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए एक कानून लाएगी. देश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में ‘अधिकार मैत्री’ ग्रामीण क्षेत्रों में 2.5 लाख महिलाओं को रोजगार प्रदान करेगी. इसी के साथ महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित किया जाएगा और उनके हितों की लड़ाई लड़ी जाएगी.

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