राजस्थानः सरकारी अनदेखी से अटका अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों का विकास!

राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक मामला विभाग को दिया था सौ करोड़ का बजट, राज्यभर में सैकड़ों विकास कार्यों को मिली प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति, लेकिन अनदेखी के चलते कार्य एजेंसियों को राशि नहीं मिलने से काम शुरू नहीं हो सके।
विद्यालय परिसर में होना था पुस्तकालय भवन का निर्माण।
विद्यालय परिसर में होना था पुस्तकालय भवन का निर्माण।The Mooknayak

जयपुर। राजस्थान की मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध व पारसी बाहुल्य बस्तियों में बिजली, पानी, सड़क और जनसुविधाओं का विकास कर समाज से आने वाले लोगों का जीवन स्तर बेहतर बनाने की महती योजना परवान नहीं चढ़ पाई। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सौ करोड़ के बजट की घोषणा की थी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी से योजना का सफल क्रियान्वयन नहीं होने से अल्पसंख्यक समुदायों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।

राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के मलारना डूंगर उपखंड मुख्यालय पर अल्पसंख्यक विकास कोष से एक पुस्तकालय भवन का निर्माण किया जाना था। इसके लिए बाकायदा अल्पसंख्यक मामलात विभाग ने 15 लाख रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की थी, लेकिन कार्य एजेंसी को बजट नहीं दिया गया। इससे यह कार्य शुरू नहीं हो सका।

कांग्रेस नेता हाजी मतीन मिस्त्री ने कहा - "कांग्रेस सरकार ने अल्पसंख्यकों के समग्र विकास के लिए सौ करोड़ का बजट आवंटित किया था। इसी के तहत मलारना डूंगर कस्बे में विभाग की आवंटित भूमि पर पुस्तकालय भवन बनाना था ताकि अल्पसंख्यक समाज के विद्यार्थी पुस्तकालय में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर सकें, लेकिन कहीं न कहीं अधिकारियों की अनदेखी के कारण ऐसा नहीं हो सका।"

वित्त विभाग की सहमति से की थी गाइडलाइन जारी

मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2021-23 के तहत राज्य में अल्पसंख्यकों के समावेशी विकास के लिए अलग से कोष का गठन किया गया था। इसके बजट घोषणा 2022-23 में जन सहभागिता के तहत वक्फ संपत्तियों के संरक्षण एवं विकास की घोषणा की गई थी। राज्य सरकार ने वित्त विभाग की सहमति के बाद योजनाओं के दिशा-निर्देश (गाइडलाइन) जारी की थी।

अल्पसंख्यक मामला विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार योजना के तहत वक्फ भूमि / सार्वजनिक भूमि में बने कब्रिस्तान / मदरसों / विद्यालयों की चारदीवारी निर्माण, अल्पसंख्यक बस्तियों में आधारभूत संरचना के विकास के कार्य, अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों में जन सहभागिता के आधार पर आधारभूत संरचना विकास कार्य, जन सहभागिता के तहत राज्य की वक्फ संपत्तियों के संरक्षण एवं विकास कार्य शामिल किए हैं।

विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभागों को 5 से 30 नवम्बर 2022 तक विकास कार्यों के प्रस्ताव बनाकर निदेशालय अल्पसंख्यक मामलात विभाग को भिजवाया था। प्रस्ताव मिलने के बाद योजना अंतर्गत जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए बजट प्रावधानों के अनुरूप निदेशालय ने निर्धारित समयावधि में प्रशासनिक स्वीकृति भी जारी कर दी थी, लेकिन कार्य एजेंसियों को बजट आवंटित नहीं किया गया।  ऐसा राजस्थान के अधिकतर जिलों में हुआ है।

यह कार्य भी करवाने थे

सरकार इस योजना के तहत अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों में पेयजल हेतु टंकी (जीएलआर) का निर्माण अनुमत लागत अधिकतम 20 लाख रुपए, सड़क निर्माण, नाली निर्माण, अनुमत अधिकतम लागत 50 लाख रुपए, र्सावजनिक हित में अल्पसंख्यक आबादी क्षेत्र में सामुदायिक भवन, कौशल विकास केन्द्र, कॉमन सर्विसेंटर (सीएससी), भवन निर्माण, आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण अनुमत अधिकतम लागत 15 लाख रुपए के कार्य करवाए जाने थे।

इसीप्रकार सार्वजनिक पुस्तकालय भवन निर्माण, अल्पसंख्यक क्षेत्रों में स्थित राजकीय विद्यालयों/ महाविद्यालयों / पंजीकृत मदरसों में अतिरिक्त कक्षा कक्ष, पुस्तकालय, विज्ञान लेब, शौचालय, पेयजल सुविधा, किचन शेड व आवश्यकता अनुरूप निर्माण कार्य भी करवाया जाना प्रस्तावित था। इसके अलावा दस्तकार वर्किंग शेड मय  बिक्री काउंटर (कशीदाकारी, हस्तशिल्प कार्य व अन्य कार्य)। सार्वजनिक भवन उपयोग के विकास संबंधी कार्य जैसे चारदीवारी एवं अन्य मरम्मत संबंधी कार्य। पूर्व के कार्यों, भवनों का अनुरक्षण एवं मरम्मत सहित अन्य कार्य करवाए जाने थे।

जन सहभागिता के तहत वक्फ संपत्तियों के संरक्षण एवं विकास करना, पूर्व में स्थिति निर्मित वक्फ संपत्तियों का अनुरक्षण एवं मरम्मत करना, सामुदायिक भवन निर्माण, मुसाफिर खाना निर्माण, मजलिस खाना निर्माण, वक्फ संपत्तियों तक पहुंच हेतु  इंटरलॉकिंग, सीसी रोड, वजू खाना, कब्रिस्तान में शेड निर्माण आदि विकास कार्य भी किए जाने थे, लेकिन इन कार्यों के प्रस्ताव या तो भिजवाए नहीं गए। यदि कहीं से प्रस्ताव भिजवाया गया तो, स्वीकृत नहीं हुआ।  

राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में इस योजना के तहत जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मनोज मीना ने जिला वक्फ कमेटी अध्यक्ष एवं ईदगाह कमेटी अध्यक्षों के नाम  9 नवम्बर 2022 को एक पत्र जारी कर प्रस्ताव मांगे थे। इस एक दर्जन से अधिक विकास कार्यों के प्रस्ताव भेजे गए। राज्य स्तर पर अनुमोदन के बाद जिले में अलग-अलग शहर, कस्बा व गांव में आधा दर्जन से अधिक विकास कार्यों को प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई, लेकिन कार्य एजेंसियों को स्वीकृत राशि नहीं मिलने से कार्य आरंभ नहीं हो सके।

कार्य जो स्वीकृत राशि के अभाव में नहीं हुए शुरू

सवाईमाधोपुर शहर में कब्रिस्तान चारदीवारी निर्माण के लिए 21 फरवरी 2023 को 10 लाख, सीसी सडक निर्माण के लिए 10 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई। इसी तरह मलारना डूंगर उपखण्ड मुख्यालय पर सार्वजनिक पुस्ताकालय भवन निर्माण के लिए 17 अप्रैल 2023 को 15 लाख रुपए, सीसी रोड निर्माण कार्य के लिए 8 लाख रुपए, लईक शाह के मकान से जामा मस्जिद तक सीसी रोड के लिए 10 लाख रुपए, ग्राम पंचायत मुख्यालय फलसावटा में नोलखा के मकान से सरताज हाजी के मकान की ओर सीसी रोड के लिए 10 लाख रुपए स्वीकृति जारी की गई। जैतपुर गांव में मदरसा दर्सगाह इस्लामी  की चारदीवारी निर्माण के लिए 12 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई, लेकिन संबंधित कार्य एजेंसियों के खातों में पैसा नहीं आने से कार्य शुरू नहीं हो सका।  

इस संबंध में सवाई माधोपुर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने कहा कि योजना के तहत हमने प्रस्ताव तैयार कर निदेशालय को भेजे थे। इसके बाद इन कार्यों की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति भी जारी कर दी गई थी, लेकिन संबंधित कार्य एजेंसियों को राशि नहीं मिलने से काम शुरू नहीं हो सके। यह राशि क्यों नहीं दी गई। मेरी जानकारी में नहीं है। यह निर्णय विभाग में उच्च स्तर होता है।  

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