उत्तर प्रदेशः LGBTQ कम्यूनिटी को जल्दी ही जारी होंगे ट्रांसजेंडर कार्ड, मिलेंगी सभी सरकारी सुविधाएं

केन्द्र सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय की कॉलोनियों में उचित सड़क, पानी और बिजली कनेक्शन जैसे विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए लेटर संबंधित राज्य के अन्य विभागों को लिखा था।
दिल्ली क्वीर प्राइड, 2022
दिल्ली क्वीर प्राइड, 2022फोटो- द मूकनायक

कानपुर। कानपुर जिले में जल्दी एलजीबीटीक्यू कम्यूनिटी के लोगों को सरकारी सुविधाएँ मिलना आसान हो जाएंगी। समूह को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उनको ट्रांसजेंडर (टी) कार्ड की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह जानकारी कानपुर क्वीर फाउंडेशन के संस्थापक अनुज पांडेय ने द मूकनायक को दी। उन्होंने ने बताया कि फाउंडेशन से जुड़े पदाधिकारियों ने कानपूर जिलाधिकारी विशाखा जी अय्यर से मिलकर टी कार्ड बनाए जाने की मांग की थी। जिलाधिकारी ने जल्दी ही कार्ड जारी करने का आश्वासन दिया है.

जानकारी के मुताबिक, समाज कल्याण विभाग से एलजीबीटीक्यू कम्यूनिटी सदस्यों के लिए टी-कार्ड बनाए जाते हैं, वहां ट्रांसजेंडर का कोई डाटा ही नहीं है। इसकी वजह से भी दिक्कत आ रही है। यही वजह है कि कम्यूनिटी के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना, पीएम स्वनिधि योजना, आयुष्मान कार्ड जैसी अनेक योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। कानपुर में ट्रांसजेंडर (उभयलिंगी) को सरकारी योजनाओं का लाभ लम्बे समय से नहीं मिल रहा था। इसका मुख्य कारण उनके पास निर्धारित टी कार्ड ही नहीं है। इस कार्ड के बनने के बाद ही इनका आधार कार्ड, वोटर आईडी, आयुष्मान कार्ड आदि बनना संभव है। शहर में ट्रांसजेंडर की संख्या करीब तीन हजार है।

इधर, अनुज पांडेय ने बताया कम्यूनिटी की आवाज उठाने के लिए कानपुर क्वीर वेलफेयर फाउंडेशन की स्थापना की गई है। फाउंडेशन के माध्यम से लगातार इस समाज से जुड़े लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई जा रही है। अभी इन लोगों को मुख्यधारा में नहीं जोड़ा जा सका है।

सर्टिफिकेट बनाएगा समाज कल्याण विभाग

बिना किसी मेडिकल के ट्रांसजेंडर सर्टिफिकेट बनाए जाने के मामले में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस जो मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड इंपावरमेंट ऑफ इंडिया से जुड़ा हुआ संगठन है, उसकी ओर से एक पत्र जिलाधिकारी को भेजा गया था। नियमानुसार किसी भी ट्रांसजेंडर का सर्टिफिकेट बिना मेडिकल परीक्षण के बनाया जाता है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को पूरे मामले की जांच करने के लिए कहा था। समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र सिंह का कहना है कि इस संबंध में जितने भी आवेदन आए हैं, उनकी पड़ताल करके सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

एक लाख से अधिक है समुदाय के लोग

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडरों की 137465 है। इनकी वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा बताई जा रही है। राज्य सरकार ने अभी हाल में कम्यूनिटी को लेकर सर्वे किया है। हालांकि अभी सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है।

बुजुर्ग ट्रांसजेंडरों के लिए बना गरिमा गृह

केन्द्र सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय की कॉलोनियों में उचित सड़क, पानी और बिजली कनेक्शन जैसे विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए लेटर संबंधित राज्य के अन्य विभागों को लिखा था। इसकी पालना में यूपी की राजधानी लखनऊ में ट्रांसजेंडर समुदाय के बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम की तर्ज पर गरिमा गृह शुरू किया गया है। ताकि उन्हें एक आरामदायक और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद मिल सके.

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