ट्रांसजेंडर महिला कैसे बनी पहली ट्रान्स स्टैंड अप कॉमेडियन

रितु श्री स्टैंड अप कॉमेडी में पूर्णकालिक करियर बनाना चाहती है.
रितु श्री स्टैंड अप कॉमेडी में पूर्णकालिक करियर बनाना चाहती है.
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नई दिल्ली। महिला दिवस के दिन हम सभी महिलाओं के बारे में बात करते हैं आज हम बात करेंगे ट्रांसजेंडर महिला के बारे में जो भारत की पहली ट्रांसजेंडर महिला स्टैंड अप कॉमेडियन हैं. रितु श्री स्टैंड अप कॉमेडी में पूर्णकालिक करियर बनाना चाहती है. क्योंकि यह उनका जुनून है. उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया है। आइए हम उनसे उन्हीं के बारे में जानते हैं.

रितु श्री का जन्म और पालन पोषण ओडिशा में हुआ और वहीं पर उनकी स्कूली शिक्षा और कानून की पढ़ाई हुई. इनकी दो बहनें हैं जो इन से बड़ी है. यह सबसे छोटी है. ओडिशा में कुछ वर्षों तक रहने के बाद रितु श्री काम के लिए अहमदाबाद चली गईं.

बचपन

द मूकनायक ने रितु श्री से उनके बचपन के बारे में बात की. रितुश्री बताती है कि बचपन से ही उन्हें अपनी बहनों जैसे कपड़े पहनने का बहुत शौक था. परंतु उस टाइम तक उनको पता नहीं था कि वह ऐसा क्यों महसूस करती हैं. उन्हें मेकअप करना फ्रॉक पहनना, सूट पहनना, अपनी बहनों के जैसा ड्रेसअप रहना बहुत पसंद था. कुछ समय तक उनको समझ नहीं आया कि वह अपने आपके साथ क्या करें. जो उन्हें पसंद है वह करें या जो समाज चाहता है वो. कुछ समय तक वह अपने आप से बहुत लड़ी कि नहीं मुझे लड़का बनकर ही रहना है और यह सब कुछ बहुत समय तक चलता रहा फिर उन्होंने चोरी से ही सही पर वह अपने आप को अंदर से अकेले में जी पाती थी. उनके स्कूल में उनको काफी परेशान भी किया जाता था लोग उनको चिढ़ाते भी थे. फिर वह लड़का बनकर रहने लगी. लेकिन जब भी रितुश्री घर पर अकेली होती थी ना चाह कर भी वह अपनी बहनों और मम्मी के साड़ी भी पहनकर मेकअप किया करती थीं. उनको लगता था कि काश मैं लड़की ही होती.

आप क्या है पहले आप स्वीकार कीजिए

रितु श्री दो रूप में बट गई थीं, रितु बताती है कि "मेरे लिए बहुत मुश्किल था दो रूपों में रहना, लेकिन मैंने महसूस किया कि मुझे ट्रांसजेंडर महिला बनकर ही रहना. क्योंकि औरों के लिए मैं अपने अंदर के सच्चाई को नहीं मार सकती." रितु श्री आगे बताती है कि "2019 में दिल्ली में प्राइड हो रहा था फिर मैं वहां गई वहां जाने से पहले मैं गाड़ी के अंदर बैठकर यही सोच रही थी कि क्या होगा. मैं जैसे ही बाहर निकली मुझे शांति और सुकून मिला हजारों लोग थे. हजारों लोगों के बीच में लड़की बनकर खड़ी थी, और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. उस दिन मुझे महसूस हुआ कि रितु जो तुम कर रही हो, जो तुम सोच रही हो, वह सब सही है और तुम एक लड़की ही हो. और तब से मेरा नया सफर शुरू हुआ."

परिवार का व्यवहार

परिवार के बारे में रितु श्री बताती है कि, जब मैं 17 साल की थी, तो मेरी मम्मी नहीं रही. मेरी दो बड़ी बहनें हैं, जिन्होंने मुझे बहुत प्यार के साथ बड़ा किया है. इसके बाद एक ऐसा समय आया कि मेरे घरवाले मुझे शादी के लिए बोलने लगे. मैं उनको किसी ना किसी बहाने टालती रही और कहती रही कि मैं शादी नहीं करूंगी. मेरे बड़े जीजा जी ने कहा कि ठीक है अगर नहीं करना चाहता है, कोई बात नहीं उसको जैसे रहना है रहने दो. मेरी बड़ी बहन बहुत परेशान हुई और बोलने लगी कि तू गे है. फिर धीरे-धीरे कुछ टाइम बाद सारी बातें खुलने लगी. मैंने उनको बताया कि मैं गे नहीं हूं एक ट्रांसजेंडर महिला हूं. फिर मेरी बहन ने मुझे गले लगाया और कहा कि तू इतने दिन तक अकेले ही सहते रहे. रितु श्री आगे कहती हैं कि मेरे परिवार ने मुझे उस दिन के बाद से बहुत साथ दिया. शायद यह बात मैं उनको पहले भी बता देती, तो भी वह मेरा साथ देती.

दोस्त के बारे में

रितु श्री बताती है कि, जब तक उन्हें यह सब कुछ पता चला तो वह अपने बचपन के दोस्तों से दूर हो चुकी थी. उस समय में सब कुछ छुपा कर ही रखती थी. आप किसी के सामने खुल के ही नहीं रह पाओगे तो वह आपके दोस्त कैसे हुए. उन दोस्तों की तरफ मैंने मुड़कर दोबारा कभी नहीं देखा. मेरे जो दोस्त बने वह आज हैं, जिन्होंने मेरा कॉमेडी में साथ दिया और मुझे हर तरह से सपोर्ट किया. एक ऐसा समय था जब मैं आदमी बनकर ही कॉमेडी किया करता था और अपने कुछ ही दोस्तों के सामने में रितु श्री बनकर रहा करती थी. लेकिन मेरे दोस्तों ने मुझे समझाया कि ऐसा क्यों है. जो तुम हो वही बनकर तुम कॉमेडी करो. उस दिन के बाद से मैंने रितु श्री बनकर ही कॉमेडी शोज किए. तो ऐसे में मुझे अपने कॉमेडी कैरियर में ही बहुत अच्छे दोस्त मिले.

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स्टैंड अप कॉमेडी के बारे में

रितु श्री बताती है कि कॉमेडी तो मेरा फुल टाइम नहीं है. क्योंकि कॉमेडी से मैं इतना कमा नहीं सकती हूं. मैंने कॉमेडी शुरू की थी 2017 में वैसे मुझे बचपन से ही कॉमेडी से थोड़ा प्यार था. मैं सबको हंसाती रहती थी और सब को हंसा कर रखना यही सबसे बड़ी बात होती है. लोग आपकी बातों पर हंसते हैं, मुस्कुराए और क्या चाहिए. स्टैंड अप कॉमेडी कि मैं प्रशंसक थी. उस समय मुझे लगा की कॉमेडी में लोग मुझे कैसे लेंगे. क्योंकि उस समय स्टैंड अप कॉमेडी में कोई ट्रांसजेंडर महिला नहीं थी. तो मैंने अपने डर की वजह से कॉमेडी में काम करना बंद कर दिया. इसके बाद मैं बहुत परेशान रही. ना ही किसी चीज में मन लगता था और ना ही कुछ करने का मन करता था. फिर मैंने स्टैंड अप कॉमेडी स्टार्ट कर दी. कॉमेडी स्टार्ट करने के लिए ओपन माइक होता है. मैं ज्यादातर राजनीतिक कॉमेडी करती हूं. तो जब हम एक बार ओपन माइक पर गए. तो मेरा नंबर आने वाला था. उस समय किसी के कॉमेडी पर लोग हंस नहीं रहे थे फिर मैं माइक पर पहुंची तो मेरे जोक सुनकर लोग बहुत हंसे और वह इतने पसंद किए गए कि सभी लोग हंस-हंसकर खुश हो गए. तब से मैंने कॉमेडी में अपना वजूद ढूंढ लिया.

थोड़ा और रितु श्री के बारे में

रितु श्री वैसे तो एक बैंकिंग वकील और DE&I पेशेवर है. वह आउटकास्ट कलेक्टिव ए डायवर्सिटी इक्विटी एंड इंक्लूजन और POSH कंसल्टेंसी फर्म का सह-संस्थापक है, जो कॉरपोरेट्स के साथ काम कर रहा है ताकि सभी हाशिए के समुदाय के सभी लोगों के लिए कार्यस्थल को अधिक समावेशी और सुरक्षित बनाया जा सके।

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