नई दिल्ली। आमतौर पर LGBTQIA+ समुदाय की पहचान और उनके अधिकारों को समाज अलग और कमजोर रूप में देखता चला आ रहा है। अधिकांश मुख्य धारा के समाचार समूहों ने LGBTQIA+ समुदाय के लोगों की कहानियां, उनके मुद्दों, परेशानियों को कम और गलत तरीके से पेश किया है। इन्हीं समुदाय को भारतीय मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र में स्थापित करने के लिए, LGBTQIA+ ट्रांसपर्सन की पहचान और उनके अधिकारों को समझने के लिए, उनके मसलों को और संवेदनशील बनाने में मदद करने के लिए तीन न्यूज समूह — द न्यूज मिनट, क्वीर चेन्नई क्रॉनिकल्स और क्वीरबीट ने "इनक्लूसिव न्यूज़रूम" नाम का एक प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए एक साथ आए हैं। यह प्रोजेक्ट Google न्यूज पहल द्वारा समर्थित है।
इनक्लूसिव न्यूज़रूम ने "इनक्लूसिव न्यूज़रूम मीडिया फेलोशिप 2023" के लिए पूरे भारत से 13 पत्रकारों का चयन किया है। चयनित लोग अगले महीने LGBTQIA+ मुद्दे और समुदाय से जुड़ी कहानियों पर काम करेंगे। इनक्लूसिव न्यूज़रूम टीम और जूरी विचार इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। फेलो का चयन लगभग 250 प्राप्त आवेदकों में से जूरी द्वारा किया गया, जिसमें समाचार मिनट के मुख्य संपादक धन्या राजेंद्र, हिंदुस्तान टाइम्स के वरिष्ठ संपादक ध्रुबो ज्योति, द मूकनायक की फाउन्डर -मीना कोटवाल, रंजथा गुणसेकरन असिस्टेंट रेजिडेंट एडिटर तमिलनाडु द न्यूज एक्सप्रेस भी शामिल थे।
इनक्लूसिव न्यूज़रूम मीडिया फॉलोज़ 2023 के विजेता— चारिस्टी राज, गफिरा कलिर, इनिन बी, जीतेंद्र, नासिर, रेयान मानकी, सोनाली समर्थ, सोनिया मकवाना, सौमिया, सुंगीथ सारंगराज, उथरा वीआर, विक्रम राज, वैवब दास विजेता हैं।
आपको बता दें कि इनक्लूसिव न्यूज़रूम मीडिया फेलोशिप 2023 में द मूकनायक की पत्रकार सोनिया मकवाना का भी चयन हुआ है।
यह सभी विजेता अपनी स्टोरी में LGBTQIA+ की परेशानियों को उजागर करेंगे। उनसे बात करके, उनसे मिलकर, उनके बारे में जानेंगे। वह कोशिश करेंगे कि उनके अहम मुद्दों पर बात की जाए। सेक्स रिसाइटमेंट सर्जरी से लेकर सभी प्रकार की जानकारी इन विजेताओं द्वारा प्राप्त की जाएगी। सेक्स डिसाइडमेंट सर्जरी द्वारा उनको किन-किन परेशानियों से या दर्द से गुजरना पड़ता है, इन सब के बारे में जाना जाएगा।
LGBTQIA+ के अंतर्गत हर जाति के पर्सन आते हैं। लेकिन जो एससी, एसटी से ट्रांसपर्सन आते हैं। उनके साथ कैसा व्यवहार होता है। उनको कैसे देखा जाता है, इसके बारे में भी जानकारी ली जाएगी। उनकी जीविका क्या आम स्त्री पुरुष जैसी चलती है। यह जानना भी बहुत जरूरी होगा। उन्हें समाज से बिल्कुल अलग समझ जाता है, कैसे LGBTQIA+ को समाज के मुख्य धारा से जोड़ा जाए। इस पर भी उनसे बात होगी। यह सारी बातें और उनके मुद्दों पर किए गए कार्य उनके भविष्य में सुधार लाने की ओर केंद्रित होंगे। जिससे समाज में उनके प्रति स्थापित नजरिए में बदलाव हो सकेगा।
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