राजस्थान: बिना सेफ्टी किट के 25 फीट गहरे सीवर चैंबर में उतारे गए मजदूर, तीन की मौत

आरयूआईडीपी अधिकारियों की अनदेखी से हुआ हादसा.
सांकेतिक फोटो
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जयपुर। राजस्थान के कोटा शहर में सीवर लाइन की सफाई कर रहे आदिवासी मजदूरों की जिंदगी सरकारी सिस्टम की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। बिना सेफ्टी किट के गहरी सीवर लाइन में सफाई के लिए उतारे गए तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत ने सरकारी सिस्टम की पोल खोल कर रख दी। यहां सीवर लाइन में उतरे कमल कुमार (25), गालिया (24) और किरे सिंह (26) मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के जूनापानी के रहने वाले थे।

कुन्हाड़ी थानाधिकारी गंगासहाय के अनुसार यह सभी अपने अन्य साथियों के साथ गुजरात की बी.आर. अग्रवाल नामक कम्पनी में काम करते थे। वर्तमान में कोटा में राजस्थान अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरयूआईडीपी) के तहत चल रहे सीवर कनेक्शन और सफाई का कार्य कर रहे थे।

घटना के बाद मृतकों के पारिवारिक सदस्य देवी लाल पुत्र नंदू डामोर निवासी जूनापानी झाबुआ मध्य प्रदेश की तहरीर पर कुन्हाड़ी थाना पुलिस ने अहमदाबाद गुजरात की बीआर अग्रवाल कम्पनी के खिलाफ लापरवाही सहित विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस के अनुसार कम्पनी के एक कार्मिक को घटनास्थल से हिरासत में लिया गया है। हालांकि अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं होने की बात कही गई है।

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खास बात यह है कि इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से अभी तक न तो मृतकों को मुआवजा राशि दी गई है, न लापरवाह लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए कोई कड़ा कदम उठाया गया है। यह बात अलग है कि सीवर सफाई कार्य एजेंसी की तरफ से मृतक आश्रितों को 10-10 लाख रुपए आर्थिक मदद कर खानापूर्ति कर दी गई। इस बात की पुष्टि राजस्थान अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट के अधीक्षण अभियंता राकेश कुमार अग्रवाल ने की है।

घटना के बाद से सफाई श्रमिक संगठनों में रोष है। लोगों की मांग है कि इस प्रकरण में केवल मृतक के परिवार की तरफ से प्राथमिकी दर्ज की गई है। जबकि इसके अलावा राज्य सरकार की तरफ से राजस्थान अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट के जिम्मेदार अधिकारियों और निजी कम्पनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जिम्मेदार अफसरों व कार्मिकों की गिरफ्तारी जरूरी है।

आजाद समाज पार्टी कोटा जिलाध्यक्ष अतहर मिर्जा ने राजस्थान सरकार से मृतक आश्रितों को एक-एक करोड़ आर्थिक मदद देने। कम्पनी से मृतक आश्रितों को आजीवन रोजगार की गारंटी और आरयूआईडीपी तथा कार्य एजेंसी (निजी कम्पनी) के जिम्मेदारों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सीवर लाइन में मजदूरों को बिना सेफ्टी किट के उतारना हत्या करने समान है।

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यह है घटनाक्रम

पुलिस के अनुसार राजस्थान के कोटा शहर में कुन्हाड़ी थाना इलाके में बालिता रोड पर सीवर लाइन में सफाई के साथ ही नए कनेक्शन का कार्य चल रहा है।

मंगलवार शाम साढ़े चार बजे के लगभग सीवर के चैंबर की सफाई के लिए मजदूर 20 से 25 फिट गहरे चैंबर में उतारे गए थे। ऊपर खड़े मजदूर इन्हें रस्सी के सहारे एक एक कर नीचे उतार रहे थे। नीचे जाने के बाद मृतक तीनों मजदूरों की कोई हलचल नहीं हुई। इस पर चौथे मजदूर को उतारा गया, रास्ते में चौथे मजदूर देवलाल का दम घुटने लगा तो उसने वापस ऊपर खींचने का इशारा किया और साथियों ने सुरक्षित ऊपर खींच लिया।

इसके बाद चैंबर के बाहर खड़े मजदूरों ने चैंबर में साथी मजदूरों के फंसने की जानकारी कम्पनी और विभाग के उच्च अधिकारियों को दी।

सूचना पर कोटा नगर निगम उत्तर के चीफ फायर ऑफिसर मोहम्मद अजहर खान गोताखोर और रेस्क्यू टीम के साथ घटना स्थल पहुंचे। जहां गोताखोर असीम खान को सेफ्टिकिट के साथ 25 फिट गहरे सीवर चैंबर में फंसे तीनों श्रमिकों को बारी बारी से क्रेन की मदद से बाहर निकाला।

तीनों श्रमिकों को अचेत अवस्था में एमबीएस हॉस्पिटल लाया गया। जहां चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। जबकि चौथे मजदूर का उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

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25 फिट गहराई की सीवर चैंबर में 20 मिनट रहा गोताखोर आसिम

नगर निगम कोटा उत्तर के चीफ फायर ऑफिसर मोहम्मद अजहर खान ने मीडिया को बताया कि उन्हें मंगलवार शाम 4:53 बजे हादसे की सूचना दी गई थी। सूचना पर सेफ्टी किट के साथ मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू शुरू किया गया।

गोताखोर आसिम हुसैन को सेफ्टी किट के साथ चेंबर में उतारा। 20 मिनट तक चैंबर में रहकर आसिम ने तीनों मजदूरों को निकाला। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह सीवर लाइन अभी तक उपयोग नहीं हुई है। एक वर्ष से अधिक समय से काम चल रहा है। चैंबर बन्द था। इसलिए सम्भव है कि बन्द सीवर लाइन में जहरीली गैस बनी होगी। गैस के कारण ही मजदूरों की मौत हुई है।

लगातार होते रहे हैं हादसे

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोटा शहर में आरयूआईडीपी की तरफ से 300 करोड़ रुपए से भी ज्यादा लागत की सीवरेज लाइनें डाली जा रही है। कोटा शहर में 500 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी सीवर लाइन डाली जा चुकी है। सीवर लाइन कार्य के दौरान शहर भर में करीब आधा दर्जन से ज्यादा हादसे हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि इस दौरान आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत अब तक हो चुकी है, जिनमें सीवर लाइन काम करने वाले मजदूर और स्थानीय लोग भी शामिल है। साथ ही सड़कों के खराब होने और कार्यस्थल पर डायवर्टेड रोड को सही नहीं रखने के चलते दुर्घटनाएं भी काफी हुई हैं।

कोटा शहर में सीवर लाइन सफाई में तीन श्रमिकों की मौत को लेकर द मूकनायक ने राजस्थान अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरयूआईडीपी) के अधीक्षण अभियंता राकेश कुमार गर्ग से बात की। गर्ग ने बताया कि कोटा शहर में गुजरात के अहमदाबाद की बीआर अग्रवाल कम्पनी के माध्यम से सीवर लाइन डालने का काम करवा रहे हैं। कुन्हाड़ी इलाके में जिस जगह हादसा हुआ है। यहां अभी लाइन चालू नहीं हुई है। गर्ग ने बताया कि अभी तक इस लाइन में घरों से सीवर कनेक्शन का काम चल रहा है। इस लिए साथ ही उपयोग से पहले इसकी सफाई भी करवाई जा रही है। ताकी उपयोग करने पर अवरोधक नहीं हो। उन्होंने कहा कि यह लाइन एक डेढ़ साल पुरानी लाइन है। कई दिनों से चैंबर बन्द था। सम्भवतः कोई गैस बनी होगी। इसी लिए दम घुटने से मौत हुई है। मजदूरों को सेफ्टी किट के बिना सीवर लाइन में उतारने के सवाल को अग्रवाल टाल गए।

जांच कमेटी गठित

राजस्थान अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरयूआईडीपी) के अधीक्षण अभियंता राकेश कुमार गर्ग ने बताया कि इस प्रकरण की जांच के लिए विभाग ने मुख्य अभियंता के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की है।

कुन्हाड़ी थानाधिकारी गंगासहाय ने बताया कि घटना के बाद पीड़ी परिवार के सदस्य देवीलाल भील की ओर से कार्य कर रही निजी कम्पनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है थानाधिकारी ने द मूकनायक को बताया कि अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। मौके से कम्पनी के एक कार्मिक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

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