भारत: आयुर्वेद के जरिए किशोरियों से दूर होगा एनीमिया, सुधरेगी सेहत

पांच राज्यों में 'मिशन उत्कर्ष' के तहत शुरू होगा एनीमिया मुक्त भारत मिशन.
भारत: आयुर्वेद के जरिए किशोरियों से दूर होगा एनीमिया, सुधरेगी सेहत

नई दिल्ली. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और आयुष मंत्रालय 'मिशन उत्कर्ष' के तहत पांच जिलों में आयुर्वेद हस्तक्षेप का उपयोग करके किशोरियों में एनीमिया नियंत्रण" के लक्ष्य के साथ एक संयुक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। मिशन के तहत असम में धुबरी, छत्तीसगढ़ में बस्तर, झारखंड में पश्चिम सिंहभूम, Maharashtra में गढ़चिरौली और Rajasthan में Dholpur में विशेष अभियान चलाया जाएगा।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय धौलपुर राजस्थान के डिप्टी डायरेक्टर भूपेश द मूकनायक को बताते हैं कि "अभी तक सरकार की तरफ से एनीमिया को लेकर फ्लोरिक एसिड की दवाई दी जाती थी। हम आंगनवाड़ी में यह दवा पहुंचा देते हैं। धौलपुर में हर मंगलवार को शक्ति दिवस मनाया जाता है। शक्ति दिवस पर उन बच्चियों को यह दवा दी जाती है। अब फ्लोरिक एसिड की दवाई के साथ सरकार ने इसमें आयुर्वेद को भी शामिल किया है। आयुर्वेद में जो चीजे हैं, एनीमिया को उनके साथ देखा जाएगा।"

10 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को कवर

आयुष मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लगभग 94 प्रतिशत पोषण सुधार के उद्देश्य से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह परियोजना पांच जिलों के लगभग 10,000 आंगनबाड़ी केंद्रों को कवर करेगी। पांच जिलों में जिला प्रशासनिक अधिकारी, सीडीपीओ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इस कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने की सुविधा देनी है। माना जा रहा है कि मिशन से लगभग 95,000 किशोरियों के पोषण में सुधार होगा। 

एनीमिया मुक्त भारत की ओर

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 'एनीमिया मुक्त भारत' हासिल करने की दिशा में दोनों मंत्रालयों की संयुक्त प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने मिशन उत्कर्ष के महत्व पर प्रकाश डाला, जो भारत के प्रधान मंत्री द्वारा शुरू किए गए आकांक्षी जिलों में प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) को बढ़ाने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय प्रयास है।

मंत्री स्मृति ईरानी ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साक्ष्य द्वारा समर्थित आयुष प्रणालियों को शुरू करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के हस्तक्षेप एनीमिया से निपटने के लिए लागत प्रभावी समाधान प्रदान करते हैं, जो वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। यह पहल न केवल लागत दक्षता का वादा करती है बल्कि दुनिया भर के चिकित्सा समुदायों को इसके परिणामों का अध्ययन करने और सीखने का अवसर भी प्रदान करती है।

क्या होता है एनीमिया?

एनीमिया एक ऐसी स्थिति है। जो तब विकसित होती है। जब आपका रक्त सामान्य से कम मात्रा में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है। यदि आपको एनीमिया है तो आपके शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिल पाता है। ऑक्सीजन की कमी से आपको थकान या कमजोरी महसूस हो सकती है। आपको सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, सिरदर्द या अनियमित दिल की धड़कन भी हो सकती है।

भारत: आयुर्वेद के जरिए किशोरियों से दूर होगा एनीमिया, सुधरेगी सेहत
राजस्थानः तकनीकी मदद, सेवा भाव से सुधार रहे ग्रामीण भारत की सेहत
भारत: आयुर्वेद के जरिए किशोरियों से दूर होगा एनीमिया, सुधरेगी सेहत
उत्तर प्रदेश: सुरक्षित होने के बावजूद फसलों पर जैविक कीटनाशकों के उपयोग से क्यों दूर हैं किसान, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
भारत: आयुर्वेद के जरिए किशोरियों से दूर होगा एनीमिया, सुधरेगी सेहत
7वें धर्म का आह्वान: क्या सरना धर्म होगा भारत के स्वदेशी समुदायों का नया आध्यात्मिक मार्ग?

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com