राजस्थानः शराब ठेकेदारों के ठिकानों पर चला बुलडोजर, दलित युवक की हत्या के हैं आरोपी

झुंझुनूं एसपी बोले- सभी पर होगी कार्रवाई,बुलडोजर एक्शन के दौरान बलौदा में पुलिस और प्रशासन का भारी जाब्ता मौजूद रहा.
बालोदा में कार्रवाई करती पुलिस प्रशासन की टीम।
बालोदा में कार्रवाई करती पुलिस प्रशासन की टीम।

जयपुर. राजस्थान के झुंझुनूं जिले में बीते दिनों शराब ठेकेदार और उसके साथियों ने एक दलित युवक के हाथ-पैर बांधकर बेरहमी से पिटाई की थी. इस पिटाई में दलित युवक की मौत हो गई थी. पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ था. जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है. इस बीच गुरुवार को इस मामले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई. आरोपियों के ठिकानों पर बुलडोजर चला.

बालोदा में कार्रवाई करती पुलिस प्रशासन की टीम।
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यह मामला झुंझुनूं जिले के बलौदा से सामने आया था. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस की कार्रवाई शुरू हुई फिर गुरुवार को प्रशासन बुलडोजर लेकर आरोपियों के ठिकानों पर पहुंची. बुलडोजर एक्शन के दौरान बलौदा में पुलिस और प्रशासन का भारी जाब्ता मौजूद रहा.

‘बुलडोजर कार्रवाई’ के तहत प्रशासन आरोपियों के अवैध कब्जों को हटा रहा है. बंधड़ी जोहड़ी में बुलडोजर चलाने के बाद अब टीम दताणा जोहड़ पहुंची. जहां शराब ठेकेदार सुशील कुमार के अवैध कब्जे पर की कार्रवाई की गई. यहां शराब ठेकेदार ने अवैध कब्जा कर कमरा आदि बना रखा था. जिसे तोड़ दिया गया.

शराब ठेकेदार का लाइसेंस किया रद्द

बुलडोजर एक्शन पर एसपी ने बताया कि एक-एक कर सभी आरोपियों के अवैध निर्माण और कब्जों पर कार्रवाई होगी. मालूम हो कि इस मामले में शराब ठेकेदार सुशील कुमार का लाइसेंस पहले ही रद्द कर दिया गया है. जिला आबकारी अधिकारी ने बुधवार देर शाम आदेश जारी करते हुए बताया कि जब आरोपी सुशील कुमार की शराब की दुकान का निरीक्षण किया गया तो रिकॉर्ड रजिस्टर गायब मिला. इसके बाद, दलित युवक की मौत के मामले में और बुनियादी मानदंडों के उल्लंघन के लिए कुमार का लाइसेंस रद्द कर दिया गया.

जानिए क्या है पूरा घटनाक्रम

14 मई को बलौदा में शराब कारोबार से जुड़े कुछ बदमाशों ने रामेश्वर नाम के एक दलित युवक का अपहरण कर लिया और उसकी पिटाई की, जिसकी बाद में मौत हो गई. युवक की बेरहमी से पिटाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसके कारण राज्य प्रशासन को आलोचना का सामना करना पड़ा.

कई सामाजिक संगठनों ने एसपी से मुलाकात कर आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्य कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला सहित राजनेताओं ने भी राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर राज्य सरकार पर सवाल उठाया.

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