भोपाल। मध्य प्रदेश में अर्थव्यवस्था को गति देने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी (MSME) के उद्योगों पर विशेष ध्यान दे रही है। केंद्र सरकार ने महिला, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के नव उद्यमियों के लिए आगामी पांच वर्षों में दो करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण देने की योजना बनाई है। इससे राज्य के नए उद्यमियों को बड़ा लाभ मिलेगा और वे अपने व्यवसाय को मजबूती से स्थापित कर सकेंगे।
केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) की परिभाषा में बदलाव कर निवेश और टर्नओवर की सीमा बढ़ा दी है। अब 12.5 करोड़ रुपये तक निवेश और 100 करोड़ रुपये तक का टर्नओवर वाले उद्योग भी MSME की श्रेणी में आएंगे। इससे उन उद्यमियों को लाभ होगा जो पहले इस दायरे में नहीं आते थे। पहले यह सीमा क्रमशः 5 करोड़ और 50 करोड़ रुपये थी।
सरकार का मानना है कि इस बदलाव से न केवल उद्यमियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा बल्कि उन्हें भुगतान के लिए भी अधिक समय उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त, उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत उद्योगों को पांच लाख रुपये तक के कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड मिलेंगे, जिनका उपयोग वे अपनी जरूरतों के अनुसार कर सकेंगे।
राज्य सरकार स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए नई नीति तैयार कर रही है, जिससे युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा सके। इसके लिए केंद्र सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये का कोष बनाने की घोषणा की है, जिससे स्टार्टअप को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
ऑल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन मंडीदीप के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने बताया कि इस बार के बजट में MSME और स्टार्टअप्स के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। स्टार्टअप्स को 10 से 20 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता, और आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत 27 फोकस क्षेत्रों में ऋण के लिए गारंटी शुल्क घटाकर केवल 1% कर दिया गया है। इससे नए उद्योगों को कम ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा और वे अपनी व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ा सकेंगे।
केंद्र सरकार ने औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विशेष औद्योगिक क्षेत्रों पर फोकस किया है। फुटवियर और लेदर उद्योग की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए विशेष उत्पाद योजना की घोषणा की गई है। इससे इस क्षेत्र में काम कर रहे उद्यमियों को निर्यात बढ़ाने और घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए मदद मिलेगी।
सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए उद्यमियों को उद्यम पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। इसके तहत वे सरकार की विभिन्न योजनाओं, ऋण सुविधाओं और अन्य प्रोत्साहनों के लिए पात्र हो जाएंगे। राज्य सरकार भी इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नए औद्योगिक क्लस्टर विकसित कर रही है, जिससे निवेशकों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिल सकें।
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