भोपाल। मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था लगातार दबाव में है और राज्य सरकार पर कर्ज का बोझ तेजी से बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे बन चुके हैं कि सरकार को योजनाओं के संचालन और कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। जुलाई माह में ही दूसरी बार मोहन सरकार 4300 करोड़ रुपए का भारी-भरकम लोन लेने जा रही है। यह लोन 30 जुलाई को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के माध्यम से लिया जाएगा।
इससे पहले 8 जुलाई को सरकार ने 4800 करोड़ रुपए का लोन लिया था। इस तरह केवल जुलाई महीने में सरकार कुल 9100 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी होगी। इस कर्ज के बाद राज्य पर कुल बकाया कर्ज का आंकड़ा बढ़कर 4,40,340 करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रक्षाबंधन पर्व पर ‘लाड़ली बहना योजना’ के अंतर्गत पंजीकृत महिलाओं को 250 रुपए अतिरिक्त देने की घोषणा की थी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि हर माह दी जा रही 1543 करोड़ रुपए की राशि के अलावा अब 317.50 करोड़ रुपए और जोड़कर महिलाओं के खातों में राशि ट्रांसफर की जाएगी। यह ट्रांसफर अगस्त के पहले सप्ताह में होगा, और इसी कारण जुलाई में ही 4300 करोड़ रुपए का नया कर्ज लिया जा रहा है।
सरकार जो नया कर्ज 29 जुलाई को लेने जा रही है, वह दो हिस्सों में होगा, एक 17 साल और दूसरा 23 साल की अवधि के लिए। इस कर्ज की अदायगी 30 जुलाई को की जाएगी। इसके पहले इसी वित्त वर्ष में सरकार सात मई, चार जून और आठ जुलाई को भी लोन ले चुकी है।
यह कर्ज आरबीआई के माध्यम से गवर्नमेंट सिक्योरिटीज बेचकर लिया जा रहा है, जिसकी अदायगी साल में दो बार कूपन रेट के हिसाब से ब्याज के रूप में की जाएगी।
नवीनतम 4300 करोड़ के कर्ज के साथ यह चालू वित्त वर्ष 2025-26 का सातवां और आठवां कर्ज होगा। इस प्रकार पूरे वर्ष में कर्ज का कुल आंकड़ा 18600 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसी रफ्तार से कर्ज लिया जाता रहा, तो सरकार के लिए इसे चुकाना और भी कठिन हो जाएगा।
4 जून 2025: दो कर्ज: 2000 करोड़ (16 साल के लिए, भुगतान: 4 जून 2041) और 2500 करोड़ (18 साल के लिए, भुगतान: 4 जून 2043)
7 मई 2025: दो कर्ज: 2500 करोड़ (12 साल के लिए, भुगतान: 7 मई 2037) और 2500 करोड़ (14 साल के लिए, भुगतान: 7 मई 2039)
सरकार का दावा है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश 12487.78 करोड़ रुपए के रेवेन्यू सरप्लस में रहा। आय 234026.05 करोड़ रुपए और खर्च 221538.27 करोड़ रुपए बताया गया। इसी तरह 2024-25 में रिवाइज्ड आमदनी 262009.01 करोड़ और खर्च 260983.10 करोड़ होने का अनुमान है। ऐसे में सरकार का तर्क है कि वह रेवेन्यू सरप्लस की स्थिति में है, इसलिए कर्ज लेना कोई समस्या नहीं है।
12 जुलाई को सरकार ने प्रदेश की 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में 1543.16 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। इनमें से करीब 30 लाख महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस सिलेंडर रिफिलिंग के लिए 46.34 करोड़ रुपए की सब्सिडी भी दी गई थी। बाकी बची राशि लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत दी गई।
आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि सरकार लोकलुभावन योजनाओं के नाम पर कर्ज पर कर्ज ले रही है, जो भविष्य में प्रदेश की वित्तीय स्थिति को और कमजोर कर सकता है। खासकर तब, जब कर्ज की वापसी 16 से 23 साल की लंबी अवधि में करनी है और ब्याज का बोझ अलग से हर साल राज्य के बजट को प्रभावित करेगा।
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