हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह हुई भगदड़ में 6 लोगों की जान चली गई। बताया जा रहा है कि इस भगदड़ का कारण करंट लगने की अफवाह थी। हालांकि, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन ने करंट की अफवाहों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि इस हादसे का कारण करंट लगना नहीं है। हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ पर उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन के अधीक्षण अभियंता प्रदीप चौधरी ने कहा, "यह बहुत दुखद हादसा है। शुरुआत में ऐसी रिपोर्ट आई कि घटनास्थल पर लोगों को करंट लगा है। इसके बाद मौके पर हमारी टीम पहुंची और उन्होंने जांच की। यहां किसी भी तरह के करंट या झटके की कोई संभावना नहीं है, न ही ऐसी कोई खबर हमें मिली है। हादसे की वजह के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता सकते, लेकिन घटनास्थल पर करंट लगने की कोई संभावना नहीं है।"
इस घटना में 6 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। घटना में 5 व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश भेज दिया गया है। साथ ही 23 अन्य सामान्य घायल हैं, जिनमें 20 व्यक्तियों का उपचार हरमिलाप मिशन राजकीय चिकित्सालय, हरिद्वार में किया जा रहा है।
इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मनसा देवी भगदड़ मामले में जांच का आदेश दिया है और मृतकों-घायलों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "रविवार सुबह 9 बजे एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है। एक अफवाह के कारण मनसा देवी मंदिर में भगदड़ में 6 लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हो गए हैं। सभी घायलों को अस्पताल भेज दिया गया है और बचाव अभियान जारी है। ईश्वर मृतकों के परिवारों को यह दुख सहने की शक्ति दे। इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं और ये अफवाह क्यों फैली? इसकी जांच की जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। घायलों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।"
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया, "सीएम पुष्कर सिंह धामी आज दोपहर करीब 2 बजे हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में मची भगदड़ में घायल हुए लोगों से मिलने हरिद्वार जिला अस्पताल जाएंगे और इलाज करा रहे घायलों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।" सीएम धामी ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "प्रदेश सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए एवं घायलों को 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही घटना के मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश भी दिए हैं।" बता दें कि मनसा देवी में रविवार सुबह हुई भगदड़ के बाद प्रशासन ने प्रभावित लोगों और उनके परिजनों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। प्रशासन के मुताबिक, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर खोज एवं बचाव का कार्य कर रही है। घटनास्थल से भीड़ को हटा दिया गया है और वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है।
मनसा देवी मंदिर में हर रोज श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। रविवार का दिन होने के कारण मंदिर में अधिक भीड़ पहुंच गई। बताया जा रहा है कि भारी भीड़ के बीच मंदिर परिसर में रविवार को अफरा-तफरी मची। धक्का-मुक्की होने के बाद वे एक-दूसरे पर गिरने लगे। इससे वहां भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। मंदिर में भगदड़ की सूचना मिलने पर पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को संभालने की कोशिश की।
प्रशासन के मुताबिक, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर खोज एवं बचाव का कार्य कर रही है। घटनास्थल से भीड़ को हटा दिया गया है और वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है। उत्तराखंड के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव विनोद कुमार सुमन ने एक पत्र जारी कर हेल्पलाइन के बारे में जानकारी दी। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र, हरिद्वार में स्थापित 01334-223999, 9068197350, 9528250926 हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, देहरादून में स्थापित हेल्पलाइन नंबर 0135-2710334, 2710335, 8218867005, 9058441404 पर संपर्क किया जा सकता है।इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दुख व्यक्त किया है। (आईएएनएस)
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