घर और खेत-खलिहान बचाने की जंग-5: तनाव ने लील ली डेढ़ दर्जन से ज्यादा किसानों की जिंदगी

खिरियाबाग में आन्दोलनरत किसान परिवार अपनी ज़मीन और घर खोने के ख़्याल से इतने ग़मज़दा हैं कि तनाव व सदमे के कारण बीस से अधिक लोगों की हार्टअटैक से मृत्यु हो गई है।
मृतकों की तस्वीर के साथ उनके परिजन
मृतकों की तस्वीर के साथ उनके परिजन फोटो- सत्य प्रकाश भारती

उत्तर प्रदेश। यूपी में आजमगढ़ के मन्दूरी के खिरियाबाग में पिछले 106 दिनों से सैकड़ों किसान अपने मकान और जमीन बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। अपना घर और अपनी जमीन अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की भेंट चढ़ने के ख़्याल ने कई बुजुर्ग और गरीब किसानों की नींदे उड़ा दी है। लोगों में मानसिक तनाव लगातार बना हुआ है, जिसके कारण 20 से भी अधिक किसानों की हार्ट-अटैक से मौत भी हो गई है। वहीं अन्य बुजुर्ग किसानों ने खाना-पीना भी कम कर दिया है। इधर, चिकित्सा महकमा इन बातों को निराधार बताते हुए दावा करता है कि तनाव से हार्ट अटैक नहीं होते हैं और इन मौतों के पीछे बीमारी या अन्य कोई वजह होगी।

मृतकों की तस्वीर के साथ उनके परिजन
घर व खेत-खलिहान बचाने की जंगः आजमगढ़ का खिरिया बाग आंदोलन, जमीन के लिए जान देने को तैयार महिलाएं

जानिए क्या है पूरा मामला?

यूपी के आजमगढ़ जिले में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की कवायद चल रही है। एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर सरकार ने कुल 670 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में सरकार 360 एकड़, जबकि दूसरे चरण में 310 एकड़ जमीन को अधिग्रहित करने के लिए कार्यवाही चल रही है। इस जमीन को अधिग्रहित करने में कुल 8 गांवों के रहवासियों की जमीनें व घर-मकान जा रहे हैं। इन 8 गांवों में लगभग दस हजार परिवार रहते हैं, यहां लगभग चार हजार घर मौजूद हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे कुल पचास हजार की आबादी प्रभावित होगी। यही नहीं यह आंकड़ा केवल जनगणना में दर्ज लोगों के हैं। इन लोगों के साथ इनके पूर्वजों द्वारा बनाई गई गृहस्थी और उनके पशु भी हैं। इसके विरोध में जिला मुख्यालय से लगभग 18 किमी दूर खिरिया बाग में पिछले 104 दिनों से किसान घरों की महिलाएं धरना प्रदर्शन कर रही हैं, जिसमें पुरुष भरपूर साथ दे रहे हैं।

अपने ससुर शिवचरण राम की तस्वीर दिखाती जमुआ हरीराम पुर निवासी बिंदु
अपने ससुर शिवचरण राम की तस्वीर दिखाती जमुआ हरीराम पुर निवासी बिंदुफोटो- सत्य प्रकाश भारती

लगभग 20 से अधिक किसानों ने तोड़ा दम

एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए 670 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। इस जमीन के लिए 8 गांवों में रहने वाले किसानों की जमीन और घरों को अधिग्रहित करने के लिए सरकार रणनीति बना रही है। क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है, "जिला प्रशासन ने 12 अक्टूबर को देर रात गुपचुप तरीके से नपाई करने का प्रयास भी किया था। वहीं इसे लेकर आजमगढ़ के सांसद दिनेश लाल निरहुआ के विवादित बयान सार्वजनिक होने पर ग्रामीणों में तनाव व्याप्त हो गया। इस तनाव से युवा किसान दीपक शर्मा (31) अपनी जान गवां बैठे। उसकी मृत्यु हार्ट अटैक से हो गई।

अपने पिता महंगी राम (60) की तस्वीर दिखाते प्रेम कुमार
अपने पिता महंगी राम (60) की तस्वीर दिखाते प्रेम कुमारफोटो- सत्य प्रकाश भारती

इसी तरह अन्य इलाकों से भी सूचनाएं प्राप्त हुई, जिसमें कुलदीप यादव (82), सुभाष उपाध्याय (74), महंगी राम (60), सीता देवी (90), शिवचरन राम (75), राज देवी (65), जवाहर यादव (65), लल्लन राम (60), गुलाब चंद (60), तिलक धारी, राम लखन, लोचन यादव, भगवत राय, परमा देवी, नौमी गौड़, झिनकी देवी, वसन्ता, कुलदीप यादव, चंद्रा देवी, नायक राम और कालिंदी देवी आदि की भी मृत्यु हार्ट अटैक से होना बताया गया है। इन सभी परिवारों की औसतन वार्षिक आय ढाई लाख रुपए से कम है।

तनाव में सुबाष उपाध्याय की भी मौत हो गई
तनाव में सुबाष उपाध्याय की भी मौत हो गईफोटो- सत्य प्रकाश भारती

मौत से पहले इन किसानों की क्या थी स्थिति?

आजमगढ़ के मन्दूरी के रहने वाले किसान सुभाष उपाध्याय (74) को एयरपोर्ट में घर और जमीन जाने की बात को सुनकर उन्हें गहरा धक्का लगा। उनके बेटे आशीष उपाध्याय (40) बताते हैं, "मेरे पिता रोज आन्दोलन में जाते थे। 10 दिसम्बर को वह धरना स्थल पर गए थे। फिर अगले दिन भी दोपहर को वह जाने वाले थे। अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई। वह सीना पकड़कर बैठ गए। अस्पताल ले जाते समय उन्होंने दम तोड़ दिया। पिछले कई दिनों से उन्होंने खाना बंद कर दिया था। नींद कम ले रहे थे।"

अपने इकलौते बेटे दीपक शर्मा (31) की मौत के बाद तस्वीर दिखाते जिगना करमनपुर गांव के रहने वाले 72 वर्षीय फूलबास शर्मा
अपने इकलौते बेटे दीपक शर्मा (31) की मौत के बाद तस्वीर दिखाते जिगना करमनपुर गांव के रहने वाले 72 वर्षीय फूलबास शर्माफोटो- सत्य प्रकाश भारती

आजमगढ़ के मन्दूरी के कमरनपुर के रहने वाले फूलबास शर्मा (72) का सिर्फ एक इकलौता बेटा था। उनकी एक बेटी भी है। फूलबास बताते हैं, "मेरा बेटा आंदोलन में गया था। वहां उसने सांसद दिनेश लाल निरहुआ का भाषण सुना जिसमें सांसद ने गांव वालों की 'टांग तोड़ देने" की बात कही थी। यह 22 दिसम्बर की बात है। वह आंदोलन में शामिल होने के बाद घर आकर छत पर बैठा था। वह सांसद की बातों को लेकर परेशान था। अचानक उसके सीने में दर्द उठा। हम उसे अस्पताल ले जा रहे थे और उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। हमारे परिवार की मासिक आय 6 हजार से भी कम है," फूलबास शर्मा रोते हुए बताते हैं, "मेरे घर मे अब कोई कमाने वाला नहीं बचा है। मेरा ईकलौता बेटा चला गया। अभी एक बेटी की शादी करनी है। मेरे बेटे का भी डेढ़ साल का एक बेटा है। मेरे पास केवल 10 बिस्सा जमीन है। एक छोटा घर है, यह भी चला जायेगा तो हम कहां जाएंगे?"

मृतकों की तस्वीर के साथ उनके परिजन
आजमगढ़ के खिरिया बाग में आंदोलन स्थल पर पहुंचे जिलाधिकारी के इन वादों पर किसानों को भरोसा नहीं..

क्या कहना है चिकित्सा अधिकारी का?

इस मामले को लेकर जब द मूकनायक ने मुख्य चिकित्साधिकारी इन्द्रनारायण तिवारी से बात की, तो उन्होंने पूरी बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "घर जमीन जाने से ऐसा कोई तनाव पैदा नहीं होता है। मौत का सम्भवतः कोई और कारण होगा।"

इस मामले में पूर्व मुख्य चिकित्साधिकारी लखनऊ डॉक्टर अनिल कुमार शुक्ला का कहना है, "जब किसी की जमीन-घर आदि जाता है तो ऐसे में मानसिक तनाव तेजी से बढ़ता है। मानव मस्तिष्क में कई तरह के हार्मोन रिलीज होने लगते हैं। ऐसे में दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है।"

मृतकों की तस्वीर के साथ उनके परिजन
घर और खेत-खलिहान बचाने के लिए किसान-मजदूर परेड, खिरियाबाग में झण्डारोहण कर आजमगढ़ कलक्टरी रवाना हुए लोग; Latest Live Update

मानसिक तनाव से कमजोर स्वास्थ्य वालों को हो सकता है हार्ट अटैक- स्टडी

सामान्य तौर पर दिल संबंधी बीमारियों के पीछे हाई बीपी, स्मोकिंग, डायबिटीज और मोटापे को बड़ी वजह माना जाता है। फिजिकल वर्किंग में कमी भी हार्ट से जुड़ी बीमारियों का कारण मानी जाती है। लेकिन जानकार बताते हैं कि मानसिक तनाव (Mental Stress) भी हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी घातक बीमारियों की बड़ी वजह बन सकती है।

जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जामा) द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार, कम हेल्दी हार्ट वाले लोगों में अटैक, स्ट्रोक या फिर कार्डियोवस्कुलर डिजीज के लिए शारीरिक से ज्यादा मानसिक तनाव जिम्मेदार होता है। स्टडी के दौरान हार्ट से जुड़ी बीमारियों के शिकार 900 से ज्यादा लोगों पर शारीरिक और मानसिक तनाव के प्रभाव का आंकलन किया। इस दौरान नजर आया कि मानसिक तनाव से मायोकार्डियल इस्किमिया का जोखिम बढ़ गया। स्टडी में बताया गया है कि मानसिक तनाव धमनियों में समस्या पैदा कर देता है। जिस वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

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