किसान आंदोलन: 2 गिरफ्तार और 50 किसान नेताओं के घरों के बाहर नोटिस, बोले- “हम डरने वाले नहीं, तेज होगा आंदोलन”

द मूकनायक से बात करते हुए 75 वर्षीय किसान नेता रणवीर सिंह डुगरी कहते हैं, “सरकार ऐसा करके हमें डराना चाहती है, लेकिन हम इस गिरफ़्तारी और नोटिस से डरने वाले नहीं हैं। हम सरकार की हर कार्रवाई का डटकर मुक़ाबला करेंगे। नवदीप और गुरुकीरत पर झूठी धाराएं और आरोप लगाए गए हैं। हमलोग क़ानूनी लड़ाई लड़ेंगे और उन्हें बाहर निकालेंगे।”
पंजाब-हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान।
पंजाब-हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान।सौम्या राज, द मूकनायक

नई दिल्ली। किसान आंदोलन को शुरू हुए आज 48 दिन हो गए। किसान अपनी माँगों को लेकर अब भी पंजाब-हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस बीच हरियाणा पुलिस ने फरवरी में किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के दौरान दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर किसान कार्यकर्ता नवदीप सिंह जलबेरा और गुरुकीरत सिंह को मोहाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही हरियाणा पुलिस ने किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी शुरू कर दी है और करीब 50 किसान नेताओं के घरों के बाहर पुलिस के सामने पेश होने के नोटिस चिपका दिए हैं।

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मुक्ति मोर्चा ने आज यानी 31 मार्च को बठिंडा के 21 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए सभा आयोजित की है। यह गिरफ़्तारियां इस सभा से ठीक पहले की गई है। युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत 21 फरवरी को हरियाणा-पंजाब सीमा के खनौरी बॉर्डर पर सिर में गोली लगने से हुई थी। इसके बाद शहीद शुभकरण को श्रद्धांजलि देने के लिए किसानों ने 15 मार्च को उनके पैतृक गांव बलोह (बठिंडा जिला) से 'कलश यात्रा' शुरू की थी जिसका आज समापन है और इसके लिए अंबाला में एक सभा आयोजित की गई है। ऐसे में इस सभा से पहले दोनों युवा किसानों की गिरफ़्तारी पर किसान कई सवाल उठा रहे हैं।

“हम डरने वाले नहीं है, आंदोलन और तेज होगा”

द मूकनायक से बात करते हुए 75 वर्षीय किसान नेता रणवीर सिंह डुगरी कहते हैं, “सरकार ऐसा करके हमें डराना चाहती है, लेकिन हम इस गिरफ़्तारी और नोटिस से डरने वाले नहीं हैं। हम शांतिपूर्ण तरीक़े से यहाँ बैठे हुए हैं लेकिन सरकार लगातार हमारे ख़िलाफ़ कार्रवाई किए जा रही है। हम सरकार की हर कार्रवाई का डटकर मुक़ाबला करेंगे। नवदीप और गुरुकीरत पर झूठी धाराएं और आरोप लगाए गए हैं। हमलोग क़ानूनी लड़ाई लड़ेंगे और उन्हें बाहर निकालेंगे।”

48 वर्षीय किसान हरविंदर सिंह जो अपनी माँगों को लेकर किसान आंदोलन के पहले दिन से आज तक लगातार शंभु बॉर्डर पर डटे हुए हैं, हमसे बात करते हुए कहते हैं, “यह गिरफ़्तारियां किसान आंदोलन को कुचलने के लिए की जा रही है। सरकार किसानों को डरा-धमका रही है, ताकि किसी भी तरह आंदोलन ख़त्म हो जाए। लेकिन हम सरकार को यह बता देना चाहते हैं कि हम चुपचाप बैठे रहने वाले नहीं हैं, हम सारी कार्रवाइयों का मुँहतोड़ जवाब देंगे। आंदोलन और ज़्यादा मज़बूत और बड़ा हो रहा है। कल यानी 1 अप्रैल को पंजाब के एक-एक गाँव से किसान यहाँ शंभु बॉर्डर पहुँच रहे हैं, हम यहाँ डटे रहेंगे।”

कई किसानों के खिलाफ एफआईआर, ये हैं आरोप

बता दें कि अंबाला पुलिस द्वारा 2020 के किसान आंदोलन के ​​वाटरकैनन बॉय उर्फ नवदीप जलबेरा को मोहाली से गिरफ्तार करने के एक दिन बाद शुक्रवार को अंबाला की एक अदालत में पेश किया गया और दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पुलिस ने कहा कि जलबेरा को 13 फरवरी को हत्या के प्रयास और पुलिसकर्मियों पर हमले समेत अन्य अपराधों के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एक मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।

अंबाला पुलिस ने एफआईआर में दावा किया है कि किसान यूनियन नेताओं ने धारा 144 लागू होने की जानकारी होने के बावजूद आंदोलन में हिस्सा लिया, बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की और शंभू टोल प्लाजा के पास तैनात सुरक्षा बलों पर पथराव किया। इस एफआईआर में शीर्ष किसान नेता सरवन सिंह पंधेर, अमरजीत मोहरी, जय सिंह जलबेरा, नवदीप जलबेरा, सुखचैन बडोग, गुरकीरत शाहपुर, तेजवीर सिंह और कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

किसान नेताओं के घरों के बाहर पुलिस ने लगाए नोटिस

इस कार्रवाई को लेकर किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और SKM (गैर-राजनीतिक) की ओर से जारी एक प्रेस नोट के मुताबिक़, “हरियाणा सरकार 31 मार्च को होने वाली श्रद्धांजलि कार्यक्रम को मिली प्रतिक्रिया से हतप्रभ है। हरियाणा पुलिस ने किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी शुरू कर दी और करीब 50 किसान नेताओं के घरों के बाहर पुलिस के सामने पेश होने के नोटिस चिपका दिए गए। छापेमारी करने और नोटिस चिपकाने गई पुलिस को गांवों में भारी विरोध का सामना करना पड़ा। कई गांवों में महिलाएं, बूढ़े और जवान एकजुट होकर पुलिस को गांवों में घुसने से रोकने में कामयाब रहे और पुलिस को मुंह की खानी पड़ी। हरियाणा के गांवों में चल रही किसानों की मुहिम को बाधित करने के इरादे से हरियाणा पुलिस ने मोहाली एयरपोर्ट से पंजाब की सीमा में बी.के.यू. (शहीद भगत सिंह) के युवा किसान नेता नवदीप सिंह जलबेरा पुत्र जय सिंह गांव जलवेड़ा जिला अंबाला और गुरुकीरत सिंह पुत्र जसवीर सिंह गांव शाहपुर जिला अंबाला को गिरफ्तार कर लिया।”

“बेशर्मी की सारी हदें पार कर रही है सरकार और पुलिस”

मीडिया को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि “बीजेपी सरकार और हरियाणा पुलिस बेशर्मी की सारी हदें पार कर रही है, पहले तो निहत्थे किसानों पर सीधे फायरिंग की जिसमें जवान शुभकरण सिंह शहीद हो गए और अब शहीद के श्रद्धांजलि कार्यक्रम को रोकने के लिए नीच हरकतों पर उतर आई है।”

नेताओं ने आगे जोड़ा कि हरियाणा पुलिस द्वारा पंजाब से गिरफ्तार किए गए युवा किसानों के बारे में पंजाब सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। किसान नेताओं ने हरियाणा पुलिस को चेतावनी दी है कि अगर गिरफ्तार युवाओं को जल्द रिहा नहीं किया गया और श्रद्धांजलि समागम कार्यक्रम को रोकने के लिए अपनी घटिया हरकतों से बाज नहीं आए तो आने वाले दिनों में रेल और सड़क यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। क्योंकि हरियाणा-पंजाब के किसान कभी भी सरकारी जबर-जुल्म के आगे ना कभी झुके है ना ही झुकेगें।

“सवाल करने पर किसान-मजदूरों का दमन कर रही है सरकार”

किसान नेताओं ने कहा- “किसान-जवान-मजदूर अब अपने हकों के लिए सवाल कर रहे हैं कि हमारे किसान नौजवानों पर गोली क्यों चलाई, जिससे सरकार पूरी तरह बौखला चुकी है और चुनावों को भूल कर किसानों-मजदूरों का दमन करने शुरू कर दिया है। किसान नेताओं ने लोगों से सरकार और पुलिस की दमनकारी नीतियों का कड़ा जवाब देने के लिए 31 मार्च को श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान अंबाला की मोहडी मंडी में बड़ी संख्या में आने की अपील की है।”

बता दें कि पंजाब-हरियाणा के किसान पिछले 48 दिन से अपनी माँगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। बीते 13 फ़रवरी से किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर लगातार डटे हुए हैं। अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि जबतक उनकी मांगे नहीं मान ली जाती वे आंदोलन जारी रखेंगे।

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