राजस्थान: गेहूं, सरसों और चना की बढ़वार के लिए यूरिया की जरूरत, किसानों को नहीं मिल रही खाद

रबी की फसल में बुवाई के लिए किसानों को नहीं मिल रही खाद
रबी की फसल में बुवाई के लिए किसानों को नहीं मिल रही खाद

सवाईमाधोपुर जिले में 46000 मैट्रिक टन यूरिया आया, वितरण में खामी बता किसान कर रहे प्रदर्शन।

जयपुर। राजस्थान के सवाईमाधोपुर सहित आस-पास के जिलों में किसानों ने हजारों हैक्टेयर कृषि भूमि पर रबी की प्रमुख फसल गेहूं, सरसों और चना की बुवाई कर ली है। बीज अंकुरित होकर पौधे की शक्ल में तब्दील हो गए है। अब फसल की बढ़वार के लिए यूरिया खाद और पहली सिंचाई की जरूरत है, लेकिन किसानों को यूरिया खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

सवाईमाधोपुर जिले में गत वर्ष 44000 मैट्रिक टन, और इस वर्ष नवम्बर माह तक 46000 मैट्रिक टन यूरिया खाद आ चुका है। यह दावा उपनिदेशक कृषि विस्तार सवाईमाधोपुर रामराज मीना का है। मांग से अधिक यूरिया आपूर्ति के बावजूद किसानों तक क्यों नहीं पहुंचा इसका जवाब किसी के पास नहीं है। जिले भर में किसान खाद के लिए कतार में खड़ा है। एक किसान को एक यूरिया का बैग दिया जा रहा है। जबकि जरूरत अधिक यूरिया खाद की है। खाद वितरण में बदइंतजामी का आलम यह है कि किसान एक एक बैग के लिए 10 से 12 घण्टे कतार में खड़े रहने को मजबूर है। जिले में कई जगह हाइवे जाम कर जिला कलक्टर व एसपी का घेराव भी किया गया, लेकिन किसानों को आश्वासन से अधिक कुछ नहीं मिला।

यूरिया के लिए धरने पर बैठे किसान [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
यूरिया के लिए धरने पर बैठे किसान [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]

तीन दिन से टोकन लेकर घूम रहा किसान

सवाईमाधोपुर जिले के बिलोली नदी गांव में रहने वाले कृषक फरीद खान बताते हैं कि उन्होंने 2 बीघा में गेहूं व 3 बीघा में सरसों की बुवाई की है। दोनों फसलों में सिंचाई करना है, लेकिन यूरिया नहीं मिल रहा है। सिंचाई में देरी के कारण फसल सूखने का भी डर है।

फरीद खान ने द मूकनायक को बताया कि, "3 दिन पहले 12 घण्टे कतार में खड़े रहने के बाद मलारना स्टेशन पुलिस चौकी से एक यूरिया खाद के कट्टे का टोकन मिला था। टोकन लेकर अगले दिन सम्बन्धित अधिकृत खाद विक्रेता के पास गया तो खाद नहीं दिया। दो दिन से चक्कर लगा रहा हूं। खाद नहीं मिल रहा है। इस संबंध में अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। अब यूरिया नहीं होने से गेहूं की सिंचाई भी नहीं कर पा रहा हूं।"

यह दर्द अकेले फरीद खान का नहीं है। इन दिनों सवाईमाधोपुर जिले के ज्यादातर किसानों के साथ ऐसा ही हो रहा है। एक राशन कार्ड पर 45 किलो यूरिया का बैग दिया जा रहा है। जबकि जरूरत ज्यादा की है।

राजस्थान में रबी सीजन में फसल बुवाई के बाद सिंचाई का समय आ गया। सवाईमाधोपुर जिले में गेहूं व सरसों सहित अन्य फसलों में सिंचाई का समय निकला जा रहा है। लेकिन किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल रहा है। यह बात अलग है कि सम्बन्धित अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठ कर जिले में पर्याप्त यूरिया उपलब्ध होने का दावा कर रहे हैं। द मूकनायक ने जब जिम्मेदार अधिकारियों को खाद के लिए गांव-गांव कतार में लगे किसानों की पीड़ा बताई तो सभी ने चुप्पी साधली।

यूरिया के लिए आए किसान [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
यूरिया के लिए आए किसान [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]

जिले में 46000 मैट्रिक टन यूरिया आया है

उपनिदेशक कृषि विस्तार सवाईमाधोपुर रामराज मीना ने द मूकनायक को बताया कि, जिले में गत वर्ष नवम्बर माह तक केवल 44000 मैट्रिक टन यूरिया आया था। इस वर्ष अब तक 46000 मैट्रिक टन यूरिया आ चुका है। जिले में खाद की किल्लत कतई नहीं है। जब किल्लत नहीं है तो किसानों को जरूरत के मुताबिक यूरिया क्यों नहीं दिया जा रहा? इस सवाल पर मीना ने कहा कि वितरण हो रहा है। बेवजह हंगामा किया जा रहा है। अधिक यूरिया की डिमांड भेज दी गई है। जल्द ही सभी को मांग के अनुरूप यूरिया उपलब्ध कराया जाएगा।

कालाबाजारी की आशंका पर उन्होंने सहकारी समिति के जिम्मेदारों से बात करने को कहा। यह भी सच है कि सरकारी अधिकारी किसानों के लिए यूरिया खाद की उपलब्धता के चाहे जो दावे करें, लेकिन यहां खाद वितरण व्यवस्था गड़बड़ा गई है। कहीं सहकारी समिति से खाद गायब होने की खबरें आ रही है, तो कहीं अधिकारियों के नहीं पहुंचने के कारण खाद वितरण नहीं किया जा रहा। मकसूदनपुरा गांव के किसान रामफूल भगत ने बताया कि वह सुबह 6 बजे घर से 5 किलोमीटर पैदल चलकर मलारना स्टेशन आ गया था। यहां खाद डीलर के गोदाम के बाहर लाइन में खड़ा रहा। 8 घण्टे भूखे प्यासे खड़े रहने के बाद एक यूरिया बैग का टोकन देकर अगले दिन आने के लिए कह दिया।

जीएसएस अध्यक्ष ट्रॉली में भर ले गया 70 कट्टे!

सवाईमाधोपुर जिले की ग्राम सेवा सहकारी समिति शेषा अध्यक्ष बाबूलाल मीना पर जबरदस्ती दो ट्रैक्टर ट्रॉलियों में भरकर यूरिया के 70 कट्टे ले जाने के आरोप लगे हैं। इस सम्बंध में किसानों ने हाइवे से निकल रहे जिला कलक्टर सुरेश ओला के काफिले को रोक कर शिकायत भी की है। शिकायत पर जिला कलक्टर के निर्देश पर मलारना डूंगर से तहसीलदार सत्यप्रकाश गुप्ता व थानाधिकारी राजकुमार मीना जीएसएस के रसूलपुरा गोदाम पर पहुंचे। जहां किसानों सहित व्यवस्थापक से खाद वितरण की जानकारी ली। इस दौरान 70 कट्टे कम मिले। व्यवस्थापक अलामुद्दीन ने कहा कि वह पुलिस जाब्ता लेने के लिए भाड़ौती पुलिस चौकी गया था। पीछे से अध्यक्ष ट्रक से सीधे ही ट्रॉली में लोड करवा कर ले गया। ग्रामीणों के विरोध के बाद जीएसएस अध्यक्ष बाबू लाल मीना ने 70 कट्टे किसानों को बांटने की बात कही है।

मलारना चौड़ में खाद चोरी के मामले को दबाने का आरोप

मलारना चौड़ सहकारी समिति गोदाम से सौ से अधिक यूरिया खाद के कट्टे गायब होने के मामले में अब अधिकारियों पर पूरे मामले को दबाने के आरोप भी लग रहे हैं। मलारना चौड़ निवास रामावतार मीना ने बताया कि मलारना चौड़ जीएसएस में 700 यूरिया खाद के कट्टे पहुंचे थे, लेकिन अधिकारियों की मिली भगत से गोदाम में केवल 600 कट्टे पहुंचे। सौ से अधिक कट्टे किसी व्यक्ति के घर रखे गए। किसानों को संदेह हुआ तो गोदाम में कट्टे गिने। इनमें 103 कट्टे कम मिले। विरोध को देखते हुए अचानक 103 कट्टे वापस गोदाम पहुंच गए। इस संबंध में शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जिला कलक्टर और एसपी को यूरिया की किल्लत बताते किसान नेता [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
जिला कलक्टर और एसपी को यूरिया की किल्लत बताते किसान नेता [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]

कलक्टर एसपी का घेराव

यहां भाड़ौती कस्बे में यूरिया खाद नहीं मिलने से गुस्साए किसानों ने भारतीय किसान संघ जिलाध्यक्ष कांजी मीना के नेतृत्व में भड़ौती – मथुरा मेगा हाइवे जाम कर दिया। अभी किसान सड़क पर बैठे ही थे कि सवाईमाधोपुर जिला कलक्टर सुरेश कुमार ओला व पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार विश्नोई का काफिला भी इसी हाइवे पर पहुंच गया। अन्य वाहनों की तरह एसपी व कलक्टर के वाहन भी जाम में फंस गए। बाद में कलक्टर ने किसानों से जाम लगने का कारण पूछा तो किसानों ने यूरिया नहीं मिलने की बात कही। किसानों की शिकायत पर कलक्टर ने एसडीएम किशन मुरारी मीना को मौके पर जा कर खाद वितरण शुरू करवाने के निर्देश दिए। इसी तरह खण्डार उपखण्ड क्षेत्र के किसानों ने भी टोंक-चिरगांव हाइवे 552 को जाम कर दिया। भारतीय किसान संघ जिलाध्यक्ष कांजी मीना ने यूरिया की उपलब्धता को लेकर अधिकारियों पर गुमराह करने के आरोप भी लगाए हैं।

गुमराह कर रहे अधिकारी

मलारना डूंगर पंचायत समिति प्रधान देवपला मीना ने कहा कि, "सहकारी समिति में राजस्थान राज्य क्रय-विक्रय संघ लिमिटेड (राजफैड) इफको, आईपीएल व कृभको कंपनी का यूरिया खाद वितरण करता है। निजी डीलरों को अन्य कम्पनियों खाद दिया जाता है। कृषि अधिकारी फसल बुवाई के आंकड़ों के आधार पर खाद की डिमांड भेजते है। कहीं न कहीं आवश्यकता व आपूर्ति के आंकड़ों में चूक हुई है। यही वजह है यूरिया की किल्लत आ रही है। अधिकारी सही आंकड़े भेजते तो यह स्थिति नहीं बनती।"

प्रधान ने कहा कि खाद वितरण पर नियंत्रण भी फेल होता नजर आ रहा है। ऐसे में काला बाजारी की आशंका से भी इंकार नहीं कर सकते। इस संबंध में द मूकनायक ने केंद्रीय सहकारी बैंक सवाईमाधोपुर प्रबंधक मुरार सिंह जाड़ावत से बात करना चाहा, लेकिन फोन पर उनका जवाब नहीं मिल सका।

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