MP: भोपाल में पेड़ों को बचाने के लिए तेज हो रहा आंदोलन, आज तुलसीनगर में कैंडल मार्च

29 हजार पेड़ों को काटे जाने के विरोध में शहर में लगातार प्रदर्शन हो रहा है, सोमवार शाम सड़कों पर उतरेंगे लोग, कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी।
सांकेतिक चित्र.
सांकेतिक चित्र.The Mooknayak
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के 29 हजार से ज्यादा पेड़ काटने के प्लान का विरोध तेज होता जा रहा है। हर दिन आंदोलन में शामिल लोगों की संख्या बढ़ रही है। बुधवार से शुक्रवार तक लगातार 3 दिन तक लोग सड़क पर उतरे। अब सोमवार शाम को तुलसीनगर इलाके में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। इस आंदोलन में महिलाओं की संख्या ज्यादा है। बीते दिनों में तो महिलाएं पेड़ों से चिपक कर भावुक हो गई थीं।

पेड़ काटे जाने के प्रस्ताव के विरोध में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा समेत कांग्रेसियों ने पहले ही मोर्चा संभाल रखा है। इसके साथ ही पूर्व संघ प्रचारकों की जन हित पार्टी भी मैदान में हैं। पार्टी ने हजारों पेड़ो पर तख्तियां लगा दी हैं। दो दिन तक 5 नंबर स्टॉप और एक दिन नूतन कॉलेज के सामने प्रदर्शन हो चुका है। इसमें नेता सहित पर्यावरणविद् भी शामिल हुए।

अब तुलसी नगर में भी सोमवार को प्रदर्शन होने जा रहा है। पूर्व पार्षद अमित शर्मा ने बताया कि 29 हजार पेड़ों को बचाने के लिए सड़क पर उतर रहे हैं। ये पेड़ 50 से 70 साल तक पुराने हैं। 17 जून को शाम 5.30 बजे सेकेंड स्टॉप तुलसी नगर से कैंडल मार्च निकालेंगे। भोपाल के हजारों लोग शामिल होंगे और अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

शहर में लगातार प्रदर्शन

पेड़ों को काटे जाने के विरोध में शहर में लगातार प्रदर्शन हो रहा है। बुधवार को 5 नंबर स्टॉप पर बड़े स्तर पर प्रदर्शन हो चुका है। इसके बाद गुरुवार को शिवाजी नगर एवं तुलसी नगर की महिलाएं पेड़ों से चिपक गई थीं। महिलाओं ने कहा कि पेड़ काटे जाते हैं तो उग्र प्रदर्शन करेंगे। फिर चाहे सरकार उन्हें जेल में ही क्यों न डाल दे।

महिलाओं का कहना था कि प्लान को सरकार मंजूर न करें। शुक्रवार को नूतन कॉलेज के सामने पुनः प्रदर्शन हुआ था, जिसमें लोगों ने पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधे थे। शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में लोग प्रदर्शन में शामिल हुए थे।

भोपाल के पर्यावरणविद सुभाष सी पांडे ने बताया कि पेड़ों की रक्षा के लिए शहर के सांसद, विधायक और अधिकारियों के पास जा रहे हैं। जरूरत पड़ी तो कोर्ट की शरण में जाएंगे। शहर के हजारों पेड़ काटना ठीक नहीं है।

इस इलाके सर्वाधिक हरियाली

हालांकि, पर्यावरण संरक्षक सरकार के पेड़ों को शिफ्ट करने के तर्क को भोपाल में हुए पुराने पेड़ों की शिफ्टिंग के उदाहरण को देते हुए सिरे से खारिज करते नजर आते हैं। पर्यावरणविदों के मुताबिक ये पेड़ भोपाल के लंग्स हैं, ये इलाका सबसे ज्यादा ग्रीनरी वाला है। पहले भी सरकार ने स्मार्ट सिटी के पेड़ों को कलियासोत इलाके में शिफ्ट किया था, लेकिन एक भी नहीं बचा। इन पेड़ों के काटने से हीट स्मोग बढ़ने से ओजोन पॉल्यूशन बढ़ेगा, जिससे तापमान भी बढ़ेगा।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए पर्यावरणविद सुभाष सी पांडे ने बताया कि एक सर्वे में सामने आया है कि बीते दस सालों में निर्माण कार्यों को लेकर जिस प्रकार पेड़ काटे गए हैं, उससे भोपाल की हरियाली में 30 फीसदी की कमी आई है। इसके साथ ही पिछले पांच वर्षों में इसमें 20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

व्यापक स्तर पर पेड़ों की कटाई वाले नौ स्थानों पर 225 एकड़ हरित क्षेत्र के सफाए के बाद वहां कंक्रीट के जंगल बना दिए गए। इससे गर्मियों के दिनों में शहर में भीषण गर्मी पड़ती है। उन्होंने आगे कहा- "इस बार औसत तापमान पांच से सात डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। शहर के पर्यावरण को सर्वाधिक नुकसान वर्ष 2014 से 2021 के बीच हुआ है। इसी समय लगभग 80 फीसदी पेड़ काटे गए। जबकि 20 फीसद पेड़ों की कटाई 2009 से 2013 के बीच हुई है।

प्रोफेसर राजचंद्रन की वर्ष 2016 की रिपोर्ट में प्रकाशित शोध, गूगल इमेजनरी और अन्य सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण से कम हो रहे ग्रीन बेल्ट को समझ सकते हैं। इसके लिए शहर को 15 प्रमुख क्षेत्रों में बांटा गया और तीन सड़कों (बीआरटीएस होशंगाबाद रोड, कलियासोत डेम की ओर जाने वाली रोड एवं नार्थ टीटी नगर की स्मार्ट रोड) को सैंपल के रूप में लिया गया। इन सड़कों के पास मौजूद प्रमुख 11 इलाकों के 345 एकड़ क्षेत्र का विश्लेषण करने पर पता चला कि 10 वर्ष में यहां की हरियाली पूरी तरह से समाप्त कर दी गई है। सिर्फ 11 क्षेत्र में ही 50 साल पुराने 1.55 लाख से अधिक पेड़ काटे गए।

इन प्रोजेक्ट के लिए काट दिए हज़ारों पेड़

भोपाल तेजी से विकास कर रहा है। 10 सालों में ही कई बड़े प्रोजेक्ट बनाकर तैयार हुए। कुछ अभी भी चल रहे हैं। इन प्रोजेक्ट के लिए हजारों की संख्या में पेड़ों को काटा गया है। बता दें, स्मार्ट सिटी के निर्माण में 6 हजार, बीआरटीएस कॉरिडोर बनाने के लिए तीन हजार, विधायक आवास बनाने के लिए 1150 पेड़, सिंगारचोली सड़क निर्माण और चौड़ीकरण 1800 के लिए पेड़, हबीबगंज स्टेशन निर्माण के लिए 150, खटलापुरा से एमवीएम कालेज तक सड़क चौड़ीकरण दो सौ पेड़, भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए तीन हजार पेड़ और कोलार सिक्सलेन के लिए 800 पेड़ काट दिए गए।

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