MP बरोदिया नौनागिर दलित हत्याकांड: सीबीआई तो दूर एसआईटी तक नहीं हुई गठित!

मृतिका अंजना अहिरवार ने चाचा राजेन्द्र की हत्या के कुछ दिन पहले पुलिस को बताया था कि उसके परिवार पर मामले में समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है।
सीएम डॉ. मोहन यादव, ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की.
सीएम डॉ. मोहन यादव, ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की.

भोपाल। मध्य प्रदेश के चर्चित बरोदिया नौनागिर दलित हत्याकांड मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग तेजी से उठ रही है। इसको लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी मुख्यमंत्री को पत्र भी लिख चुके है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी मांग कर चुके है, लेकिन सरकार ने इस मामले में सीबीआई तो दूर एसआईटी जांच तक के आदेश नहीं दिए। एक साल के भीतर दलित परिवार के दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। भाई की हत्या की मुख्य गवाह बहन की संदिग्ध मौत हो जाने से यह मामला संवेदनशील है। इस मामले में विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी कहा कि वह पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई से निराश है। जो एक दलित परिवार की सुरक्षा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा था कि वे सीएम से मांग करते है। स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदारों को यहां से हटा दिया जाए। क्योंकि उन्हें अब उनसे कोई उम्मीद नहीं है।

बीते रोज प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने मृतक राजेन्द्र अहिरवार के परिवार से मुलाकात कर सवा आठ लाख की आर्थिक मदद देने की घोषणा की। उस गांव में पुलिस चौकी खोलने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त सीबीआई, एसआईटी जैसी किसी भी जांच के लिए सीएम ने निर्देश नहीं दिए। एक साल पहले हुई नितिन अहिरवार की हत्या का प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन था। आरोपी जेल में थे। इसके बावजूद भी पीड़ित परिवार पर राजीनामा करने का दबाव बनाया जा रहा था। पीड़ित परिवार का आरोप है कि आरोपी राजनीतिक संरक्षण के चलते उन्हें धमकाते रहे। पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।

जिस तरह सालभर में दो हत्या हुई है। उसे देखते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए थी। पीड़ित परिवार भी इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलवाना चाहता है, लेकिन शासन की ओर से कोई निर्देश नहीं दिए गए। इधर, राजेन्द्र की हत्या के करीब 10 दिन पहले ही पीड़ित परिवार के घर से पुलिस सुरक्षा हटाई गई थी। जबकि इस मामले में जून में सागर जिला न्यायालय में हत्या के सभी मुख्य गवाहों की गवाही होनी थी। इससे पहले राजेन्द्र की हत्या कर दी गई और मृतक नितिन की बड़ी बहन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।

मृतिका अंजना अहिरवार ने चाचा राजेन्द्र की हत्या के कुछ दिन पहले पुलिस को बताया था कि उसके परिवार पर मामले में समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मीडिया को कहा कि पुलिस प्रशासन को शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की।

सीबीआई जांच हुई तो निपट जाओगे- पटवारी

मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी और मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक गत मंगलवार को सागर जिले के खुरई विधानसभा के बरोदिया नौनागिर गांव पहुँचे थे। राजेंद्र अहिरवार की हत्या और मृतक भतीजी अंजना की संदिग्ध मौत के मामले में पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर घटना के संबंध में उन्होंने जानकारी ली थी। मौके पर ही राहुल गांधी को संपूर्ण घटना की जानकारी देकर मृतिका अंजना के बड़े भाई से मोबाइल पर बात कराई। राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाया है कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह उनके साथ है और उन्हें हर स्तर पर न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ेगी।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने पूरे मामले में पुलिस और प्रशासन की पक्षपातपूर्ण और असंवेदनशील रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि "भाजपा सरकार और सीएम मोहन यादव के राज में अनुसूचित जाति, आदिवासी, गरीब और कमजोर वर्ग सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में जंगल राज चल रहा है। देश में कमजोर वर्ग के साथ अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि हम सरकार से मांग करेंगे कि इस घटना की सीबीआई जांच कराई जाए क्योंकि इस मामले में हत्या के बाद हत्या हो रही हैं और एक बेटी की संदिग्ध मौत हुई है। अगर सरकार नहीं मानी तो सीबीआई जांच के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे." वहीं प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, "अगर सीबीआई जांच हुई तो सब निपट जाओगे."

जानिए पूरा मामला

सागर जिले के बरोदिया नौनागिर गांव के दलित परिवार की लड़की अंजना ने साल 2019 में गाँव के ही कुछ लोगों पर छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया था। इसी मामले में समझौता का दबाव बना रहे आरोपी 24 अगस्त को इस पीड़ित लड़की के घर पहुंचे। माफीनामे की बातचीत पर एक राय नहीं बनी तो आरोपी विक्रम सिंह ठाकुर, कोमल सिंह ठाकुर, आजाद सिंह ठाकुर और कुछ अन्य लोगों ने पहले दलित के घर पर तोड़फोड़ की। फिर वहां से लौटते वक्त रास्ते में पीड़ित युवती के भाई नितिन अहिरवार को आरोपियों ने मिलकर बेरहमी से पीटा।

नितिन के साथ मारपीट की जानकारी मिलते ही मां दौड़ते हुए वहां पहुंची और अपने बेटे को बचाने की कोशिश करने लगी, आरोपियों ने पीड़ित की माँ को भी पीटा और उसके कपड़े उतार कर निर्वस्त्र कर दिया। दलित युवक को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने के कारण नितिन को सागर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन यहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया था।

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