उत्तर प्रदेश: "डीएम साहब... हमारे स्कूल में लाइब्रेरी, कम्प्यूटर, ब्लैकबोर्ड नहीं हैं"- छात्राएं

एक दर्जन छात्राओं ने डीएम को स्कूल की बदहाली के लिए लिखा पत्र
उत्तर प्रदेश: "डीएम साहब... हमारे स्कूल में लाइब्रेरी, कम्प्यूटर, ब्लैकबोर्ड नहीं हैं"- छात्राएं

अलीगढ़। यूपी के अलीगढ़ जिले के इग्लास के राजकीय हाईस्कूल रायतपुर की लगभग एक दर्जन से भी ज्यादा छात्राओं ने जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में छात्राओं ने स्कूल की बदहाली बयान की है। वहीं विद्यालय का प्रबंधन देख रहे अधिकारियों की निष्पक्ष जांच की अपील की है।

छात्राओं का कहना है कि स्कूल में बैठने के लिए मेज और कुर्सी के अलावा कुछ भी नहीं है, जबकि पास के ही विद्यालय में अच्छी सुविधाएँ दी गई हैं। हमारे स्कूल में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है, यदि उन्हें यह सब सुविधाएँ मिलेंगी तो उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा।वहीं इस मामले में द मूकनायक ने जिलाधिकारी अलीगढ़ और बेसिक शिक्षा अधिकारी को फोन किया। खबर लिखने तक उक्त अधिकारियों से कोई स्पष्ट जवाब न मिल सका।

दरअसल, यूपी के अलीगढ़ जिले के इग्लास के राजकीय हाईस्कूल रायतपुर की छात्राओं द्वारा लिखित दो पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इस पत्र को एक दर्जन से भी ज्यादा छात्राओं ने हस्ताक्षर करते हुए लिखा है। छात्राओं ने यह पत्र जिलाधिकारी को सम्बोधित करते हुए लिखा है, "इगलास (अलीगढ़) को खुले लगभग 10-12 साल हो गए हैं,लेकिन आज भी स्कूल मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सरकार स्कूलों में काफी पैसा दे रही है,लेकिन इस स्कूल में कोई काम नहीं हुआ। स्कूल में छात्रों के फर्नीचर के अतिरिक्त कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, यहाँ तक की छात्रों को पढ़ाने के लिए ब्लैकबोर्ड तक नहीं है, जबकि राजकीय हाईस्कूल जवार में काफी इंफ्रास्ट्रक्चर है।"

छात्राओं ने पत्र के माध्यम से उठाए प्रश्न

छात्राओं ने इस पत्र में प्रश्न उठाते हुए लिखा है, 'एक ही जिले के एक ही समय के स्कूलों में सरकार से हर वर्ष अलग अलग बजट तो आता नहीं होगा? इससे प्रतीत होता है कि यहाँ के प्रिंसिपल ने स्कूल में कोई काम नहीं किया है। हर वर्ष सारे बजट का गोलमाल किया है। स्कूल में लाइब्रेरी, स्पोर्ट्स किट, आरओ, बिजली, ब्लैकबोर्ड, लैबोरेटरी, कम्प्यूटर, न्यूजपेपर आदि की कोई सुविधा नहीं है। स्कूल में प्रिंसिपल सहित मात्र चार मास्टर हैं जिसमें प्रिंसिपल तो स्कूल में आते ही नहीं है, जिस कारण से स्टूडेंट्स की विज्ञान की पढ़ाई नहीं हो पा रही है।'

छात्राओं ने पत्र में आगे लिखा है कि प्रिंसिपल सप्ताह में एक दिन मात्र दो घण्टे के लिए स्कूल आते हैं, उसमें भी वह पढ़ाते नही हैं, स्कूल में न कोई साफ-सफाई है न ही शुद्ध पेयजल है। हैंडपम्प में पानी के साथ बालू आती है, जिसके कारण हम सब पास ही के जूनियर स्कूल में पानी पीने जाते हैं।

स्कूल की बदहाल दशा के कारण छात्र नहीं ले रहे एडमिशन

छात्राओं ने अपने पत्र में लिखा है कि स्कूल की बदहाल स्थिति के कारण ही अन्य छात्र स्कूल में एडमिशन नहीं लेते हैं। यहाँ के प्रधान को पिछले वर्ष स्कूल की लड़कियों ने एक पत्र भी लिख कर दिया था, जिसमें वह स्पोर्ट्स किट की मांग कर रही है, जिसके लिए प्रिंसिपल से कहा भी गया था, फिर भी वह आज तक स्पोर्ट्स किट लेकर नहीं आए। पूछने पर मास्टर भी कुछ बताते नहीं है, कहते हैं प्रिंसिपल से बात करिए। प्रिंसिपल को फोन किया तो उन्होंने भी गोलमोल जबाव दिया।

स्कूल बजट की हो जाँच

छात्राओं ने जिलाधिकारी को पत्र लिखते हुए कहा है कि स्कूल के बजट कि जांच होनी चाहिए। जिसके बाद स्कूल में आने वाले बजट का ठीक उपयोग हो रहा है इसकी जानकारी हो सकेगी। छात्राओं ने प्रिंसिपल की जांच कराकर कार्यवाही करने की मांग की है।

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