यूपी: दलित और अल्पसंख्यक छात्रों की पढ़ाई प्रभावित करने के लिए रोकी छात्रवृत्ति!

स्कॉलरशिप फार्म रोक रहे शिक्षण संस्थान, जबरन फीस भरने के लिए दबाव बनाने का आरोप.
यूपी: दलित और अल्पसंख्यक छात्रों की पढ़ाई प्रभावित करने के लिए रोकी छात्रवृत्ति!

लखनऊ। विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अध्यनरत छात्रों को राज्य और केंद्र सरकार द्वारा छात्रवृत्ति मुहैया कराई जाती है। छात्रवृत्ति से पढ़ने वाले सबसे अधिक अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे होते हैं। इन छात्रों की पढ़ाई को प्रभावित करने के लिए शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति रोके जाने के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। दलित चिंतकों का कहना है कि संविधान में प्राप्त अवसरों से वंचित करने के लिए शिक्षण संस्थानों से ही उनकी पढ़ाई प्रभावित करने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है। इसके कारण बीते चार सालों में लगभग एक करोड़ अट्ठारह लाख छह सौ पचास छात्रों को छात्रवृत्ति से वंचित रहना पड़ा है।

दरअसल, यूपी सरकार में स्कूल और कालेज में पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के छात्रों को शिक्षा में बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार स्कॉलरशिप देती है। इस स्कॉलरशिप के कारण छात्र अपनी शिक्षा पूरी कर पाते हैं।

ताजा मामला लखनऊ के भाल चंद्र इंस्टीट्यूट का है। इस इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले छात्रों का आरोप है कि उनकी स्कॉलरशिप कालेज स्तर पर रोकी जा रही है। उन्हें कालेज की पूरी फीस भरने के लिए दबाव बनाया जाता है। फीस न जमा करने पर एडमिशन फार्म रोकने की धमकी दी जाती है। इसके साथ ही स्कॉलरशिप फार्म को भी रोकने की धमकी जाती है। इन छात्रों में से द मूकनायक ने एक छात्र से सम्पर्क किया।  

छात्र मूलरूप से सीतापुर के मिश्रिख कस्बे का रहने वाला है। पिता एक किसान हैं। परिवार की मासिक आमदनी मात्र चार हजार रुपए प्रतिमाह ही है। वह लखनऊ के हरदोई रोड स्थित भालचंद्र इंस्टीट्यूट से बीएससी एग्रीकल्चर तृतीय वर्ष का छात्र है। तृतीय वर्ष की परीक्षा पूरी हो चुकी है, अब चौथे समेस्टर में दाखिला लेना चाहता है, लेकिन कालेज के कर्मचारी बिना फीस जमा किये स्कूल में दाखिला लेने से मना कर रहे हैं। छात्र का आरोप है कि उसे फीस जमा करने के लिए कालेज में धमकाया जा रहा है। 

छात्र अपनी पीड़ा बताते हुए कहता है-'मैंने कालेज में जुलाई 2022 में दाखिला लिया था। मेरे कोर्स की एक सेमेस्टर की फीस पंद्रह हजार रुपए है। एक साल की कुल फीस तीस हजार रुपए है। मैंने फीस की प्रतिपूर्ति के लिए सरकार की छात्रवृत्ति योजना में आवेदन किया था। सरकार की तरफ से मात्र 8 हजार रुपए ही आये। जब फीस नहीं जमा हुई तो मेरा परीक्षा फार्म रोक लिया गया।"

छात्र बताता है-'जनवरी 2024 में स्कॉलरशिप का फार्म आया था। मैंने इसके लिए आवेदन किया था। इस फार्म को मैंने संस्था में जनवरी में ही जमा कर दिया था। लेकिन मेरी बची हुई फीस जमा न होने के कारण मेरा स्कॉलरशिप फार्म कालेज स्तर पर रोक लिया गया। फार्म के जमा करने की अंतिम तिथि समाप्त हो रही थी। इस कारण मैंने 6 मार्च 2023 में पूरी फीस जमा करके फीस रसीद भी सौंप दी। इसके बाद भी मेरा स्कॉलरशिप फार्म कालेज द्वारा एक महीने बाद भी समाज कल्याण विभाग को फारवर्ड नहीं किया गया। जब मैंने कालेज में सम्पर्क किया तो बताया गया कि मैंने फार्म संस्थान में जमा ही नहीं किया है।'

छात्र आगे बताता है-'मैंने एक बार फिर से फार्म 30 मार्च 2024 दोबारा संस्थान में जाकर जमा किया। इसके बावजूद भी मेरा फार्म संस्थान द्वारा समाज कल्याण को नहीं भेजा गया। वह मुझ पर चौथे समेस्टर की फीस एडवांस में जमा करने का दबाव बनाने लगे। वह मुझे धमकी दे रहे हैं। वह कहते हैं कि "अगर फीस नहीं जमा करोगे तो फीस  प्रतिपूर्ति का फार्म फारवर्ड नहीं करेंगे,जो करना है कर लो।" इस मामले में द मूकनायक ने भालचंद्र इंस्टीट्यूट में छात्रवृत्ति का काम देख रहे सुखपाल सिंह से सम्पर्क किया गया। सुरखपाल सिंह ने फीस जमा होने के बाद ही फार्म फॉरवर्ड करने की बात कही।  

छात्र आगे बताता है-'मैंने किसी तरह रिश्तेदारों से उधार लेकर कालेज की फीस परीक्षा से एक दिन पहले जमा की, इन सबके बीच मेरी पढ़ाई भी काफी प्रभावित हुई। अब एक बार फिर चौथे सेमेस्टर में दाखिला लेने का समय आया है तो कालेज द्वारा मुझ पर दबाव बनाया जा रहा है। वह मुझे धमकी दे रहे हैं, वह कहते हैं कि अगर फीस नहीं जमा करोगे तो फीस  प्रतिपूर्ति का फार्म फारवर्ड नहीं करेंगे।" इस मामले में द मूकनायक ने भालचंद्र इंस्टीट्यूट में छात्रवृत्ति का काम देख रहे सुखपाल सिंह से सम्पर्क किया। सिंह ने फीस जमा होने के बाद ही फार्म फॉरवर्ड करने की बात कही।   

"गरीब हूँ, पैसा कहां से जमा करेंगे?"

कानपुर के गवर्मेंट पॉलिटेक्निक से मार्केटिंग में डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहा छात्र कहता है- "मैं पोस्ट ग्रेजुएशन का छात्र हूँ। कालेज ने मेरी स्कॉलरशिप में ग्रेजुएशन का गलत डाटा भरकर भेज दिया। स्कॉलरशिप पोर्टल पर त्रुटि दिखाने लगा। मैंने कालेज में सम्पर्क किया, जिसके बाद मुझसे सभी दस्तावेज मांगे गए। मैंने लगभग तीन बार सही दस्तावेज जमा किये। कालेज के कर्मचारियों ने आवेदन फार्म सही करने के लिए हर बार सौ रुपए भी लिया। लेकिन यह समस्या हल नहीं हो सकी। पोर्टल पर मेरा स्कॉलरशिप स्टेटस अभी भी सही नहीं हो सका है।"

इस मामले में कानपुर पॉलिटेक्निक में समाज कल्याण का काम देख रहे संतोष यादव द मूकनायक से बताते हैं-'जिन छात्रों के फार्म में गलतियां हुई है, उसे ऑफलाइन माध्यम से समाज कल्याण को भेजा गया है। पोर्टल लॉक हो चुका है। अतः ऑफलाइन पत्राचार जारी है। 100 रुपये लेकर फार्म सही करने के आरोप गलत हैं। यह हमारा काम है और स्कॉलरशिप छात्रों को सरकार की तरफ से मिलती है। हमारा प्रयास रहता है कि इसका लाभ सभी को मिल सके।

फार्म पूरी तरह जमा किया, लेकिन नहीं आई स्कॉलरशिप

बलिया के जननायक चंद्रशेखर विवि में एमए प्रथम वर्ष के छात्र अजय कुमार द मूकनायक को बताते हैं - "24 फरवरी 2024 को मेरा आवेदन फार्म छात्रवृत्ति समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था। मैंने सभी आवश्यक दस्तावेज भी जमा कर दिए थे। आवेदन फार्म सभी स्तरों पर स्वीकृत भी कर लिया गया था, लेकिन मेरी अभी तक छात्रवृत्ति नहीं आई है। इसके कारण मुझे काफी परेशानी हो रही है। मेरी आर्थिक स्थिति कमजोर है। मुझसे अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए इसकी जरूरत है। मेरे अन्य साथी छात्रों की स्कॉलरशिप आ चुकी है।" इस मामले में जिला समाज कल्याण अधिकारी पिछड़ा वर्ग बलिया ने द मूकनायक को बताया जिन छात्रों की छात्रवृत्ति नहीं पहुंची है,आगामी सप्ताह में उनके खातों में भेज दी जाएगी।

2018-19 में 35 लाख को नहीं मिली छात्रवृत्ति 

यूपी छात्रवृत्ति 2018-19 के आंकड़े के मुताबिक कुल एक करोड़ तेरह लाख चौव्वन हजार नौ सौ पैंतीस  (1,13,54,935) छात्रों में मात्र (89,28,877) छात्रों ने पूर्ण रूप से फार्म जमा किये। इन छात्रों में मात्र अठत्तर लाख चौव्वन हजार आठ सौ तैतालिस (78,54,843) छात्रों की छात्रवृत्ति/फीस प्रतिपूर्ति ही स्वीकृत की गई। इस दौरान इस वित्तीय वर्ष में पैंतीस लाख बानवे (35,000,92) छात्रों को छात्रवृत्ति/फीस प्रतिपूर्ति से वंचित रहना पड़ा। वहीं शिक्षण संस्थानों की लापरवाही के कारण दस लाख चौहत्तर हजार चौतीस (10,74,034 ) छात्रों के फार्म स्वीकृत नहीं किये गए। छात्रवृत्ति में मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 11-12),पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति (11-12 के अलावा),प्री-मैट्रिक के छात्र शामिल हैं।

2019-20 में साढ़े 37 लाख छात्र रहे वंचित 

यूपी छात्रवृत्ति 2019-20 के आंकड़े के मुताबिक कुल एक करोड़ पंद्रह लाख पैंसठ हजार पांच सौ बीस (1,15,65,520) छात्रों ने छात्रवृत्ति/फीस प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन किया था। जिनमे से मात्र (89,57,764) नवासी लाख सत्तावन हजार सात सौ चौसठ छात्र ही पूर्ण आवेदन जमा कर सके। इन छात्रों में मात्र सतहत्तर लाख अट्ठानवे हजार एक सौ छियानवे (77,98,196) छात्रों के फार्म ही शिक्षण संस्थानों ने स्वीकृत किये। इस दौरान कुल सैंतीस लाख सढ़सठ हजार तीन सौ चौबीस (37,67,324) छात्रों को इससे वंचित रहना पड़ा और उनकी शिक्षा पर प्रभाव पड़ा। इस सत्र में शिक्षण संस्थानों ने ग्यारह लाख उनसठ हजार पांच सौ अड़सठ (11,59 568) छात्रों के फार्म स्वीकृत नहीं किये गए। छात्रवृत्ति में मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 11-12),पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति (11-12 के अलावा),प्री-मैट्रिक के छात्र शामिल हैं।

2020-21 में लगभग 23 लाख छात्र हुए वंचित 

यूपी छात्रवृत्ति 2020-21 के आंकड़े के मुतबिक कुल अड़तालीस लाख अड़तीस हजार चौवन (48,38,054) छात्रों ने छात्रवृत्ति/फीस प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन किया। इसमें तेईस लाख पैंतीस हजार नौ सौ चौदह (23,35,914) छात्रों ने फार्म पूर्ण रूप से जमा किये। जिनमें से मात्र पांच लाख सत्राह हजार आठ सौ तेईस (5,17,823) छात्रों के आवेदन शिक्षण संस्थानों ने स्वीकृत किये। इस दौरान तेतालीस लाख बीस हजार दो सौ इकत्तीस (43,20,231) छात्रों को इससे वंचित रहना पड़ा। वहीं शिक्षण संस्थान ने बाइस लाख चौरासी हजार एक सौ इकत्तीस (22,84,131) छात्रों के फार्म स्वीकृत नहीं किये।

इस पूरे मामले को लेकर द मूकनायक ने उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण से बातचीत की। असीम ने द मूकनायक को बताया-'इस मामले में संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे।' 

क्या है छात्रवृत्ति योजना ?

यूपी छात्रवृत्ति योजना के अनुसार स्कॉलरशिप सभी श्रेणी के छात्रों के लिए है। इसमें प्री मैट्रिक की पढ़ाई करने वाले छात्र के अभिभावक की वार्षिक आय 1 लाख रुपये तथा पोस्ट मैट्रिक वाले छात्र के अभिभावक की आय 2 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस स्कॉलरशिप की राशि और प्रतिपूर्ति योग्य शुल्क डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम छात्र के खाते में जमा की जाती है। 

छात्रों को दिया 1862 करोड़ का बजट   

योगी सरकार के वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में इस बार समाज कल्याण विभाग की तरफ से दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजना के लिए 1862 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अनुसूचित जाति व समान वर्ग के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिए 1862 करोड़ रुपये की व्यवस्था दी है।

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