सीतापुर में 48 लाख की छात्रवृत्ति घोटाला: सात स्कूल और मदरसों के 14 कर्मचारी नामजद

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में 48 लाख रुपये से अधिक की गड़बड़ी का खुलासा, सात स्कूल और मदरसे जांच के घेरे में
छात्रवृत्ति घोटाला.
छात्रवृत्ति घोटाला.Graphic- The Mooknayak
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लखनऊ : वित्तीय अनियमितताओं पर बड़ी कार्रवाई करते हुए सीतापुर पुलिस ने सात शैक्षणिक संस्थानों के 14 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें तीन मदरसे भी शामिल हैं। आरोप है कि इन लोगों ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजना के तहत जारी 48 लाख रुपये से अधिक की राशि का गबन किया।

यह राशि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की केंद्रीय छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत वित्तीय वर्ष 2021–22 और 2022–23 के लिए जारी की गई थी। आरोप है कि इसे फर्जीवाड़े के जरिए हड़प लिया गया।

यह कार्रवाई जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नरेश कुमार की शिकायत पर हुई है। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक के निर्देश पर यह एफआईआर दर्ज की गई। ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों की जांच रिपोर्ट में इन संस्थानों में गड़बड़ियां उजागर हुई थीं।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नरेश यादव ने बताया कि जांच केंद्र सरकार की अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में हुई अनियमितताओं पर केंद्रित है। व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान कई संस्थाओं द्वारा दी गई सूचनाएं संदिग्ध पाई गईं। कुछ ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति प्राप्त की या आवेदन किए।

जिन संस्थानों की जांच हो रही है, उनमें शामिल हैं:

  • ब्रजेश मेमोरियल पब्लिक स्कूल

  • माया देवी स्मारक पब्लिक इंटर कॉलेज

  • राम जानकी विद्या मंदिर इंटर कॉलेज

  • बच्ची देवी शिवपाल सिंह कॉलेज

  • मदरसा हज़रत गुलजारुल उलूम

  • मदरसा अनवारुल उलूम

  • मदरसा इस्लामिया अरबी मिस्बाहुल उलूम

एफआईआर में जिन 14 कर्मचारियों को नामजद किया गया है, उनमें सचिन, विजय प्रसाद, शीला गौतम, ऋषिनाथ शुक्ला, रघवेंद्र सिंह, हिना, सत्यम सिंह, सतेंद्र जोशी, सुनील कुमार श्रीवास्तव, शफीकुद्दीन, निजामुद्दीन और शाहजहां खातून शामिल हैं।

इन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316 (5) (आपराधिक विश्वासघात) और 318 (धोखाधड़ी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सभी आरोपियों पर सरकारी धन के 48 लाख रुपये से अधिक के गबन में शामिल होने का आरोप है। अधिकारियों के अनुसार, जांच जारी है और इसमें और भी लोग, जिनमें सरकारी अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं, फंस सकते हैं।

सीतापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंकुर अग्रवाल ने केस दर्ज होने की पुष्टि की है और कहा कि कानूनी कार्रवाई तेजी से चल रही है। सिटी कोतवाली के इंस्पेक्टर अनुप शुक्ल ने बताया कि जांच के आधार पर आगे और धाराएं बढ़ाई जा सकती हैं और जरूरत पड़ने पर गिरफ्तारियां भी की जाएंगी।

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