मध्य प्रदेश: दृष्टिबाधित छात्रों ने स्कूल की खामियों को लेकर सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

छात्रों ने कहा कि संगीत की क्लास के लिए 20 साल पुराने वाद्य यंत्र इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके साथ छात्रावास के कर्मचारी छात्रों को नशे की लत लगा रहे हैं।
अपनी मांगों लेकर नारेबाजी करते छात्र।
अपनी मांगों लेकर नारेबाजी करते छात्र।

भोपाल। मध्य प्रदेश के जबलपुरमें दृष्टिबाधित छात्रों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। छात्र स्कूल में ही अपनी मांगों के लिए हड़ताल पर बैठ गए हैं। शहर में बाईपास स्थित शासकीय दृष्टिबाधित स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने शनिवार को एमपी शासन डाउन-डाउन के नारे लगाते हुए स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और जमकर हंगामा किया।

यह छात्र शासन और स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। छात्रों ने कहा कि संगीत की क्लास के लिए 20 साल पुराने वाद्य यंत्र इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके साथ छात्रावास के कर्मचारी छात्रों को नशे की लत लगा रहे हैं। शनिवार को शुरू हुए प्रदर्शन में छात्रों ने कोई भी क्लास नहीं लगने दी। मौके पर मौजूद शिक्षकों ने छात्रों को समझाने की कोशिश की लेकिन छात्रों की मांग है कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा तब तक वह क्लास नहीं लगने देगें।

सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूल में 80 से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं। छात्रों का कहना है कि अपनी समस्याओं को लेकर हमने वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत और समस्या रखी लेकिन समाधान नहीं हुआ। इसलिए न चाहते हुए भी छात्र हड़ताल करने को मजबूर हो गए हैं।

शासकीय दृष्टिबाधित स्कूल के छात्र राजाराम पटेल ने बताया कि स्कूल में फैली अव्यवस्था को लेकर छात्रों के द्वारा विगत पांच सालों से मांग की जा रही है। संगीत के स्कूल में बीस साल पुराने यंत्र हम लोगों को दिए जाते हैं, जो कि पूरी तरह से खराब हो चुके हैं। स्कूल जर्जर हो चुका है, कभी भी छात्रों के ऊपर गिर सकता है। प्रशासन किसी बड़ी घटना घटने का इंतजार कर रहा है। स्कूल में आठ से दस शिक्षकों की जरूरत है, लेकिन सिर्फ तीन शिक्षकों से यह स्कूल चल रहा है। अपनी समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों से, कलेक्टर से चर्चा की लेकिन निराकरण कुछ नहीं निकला, इसलिए हम आज से हड़ताल कर रहें है।

'छात्रों को नशे की लत लगा रहे कर्मचारी'

छात्रों का कहना है कि हमारे स्कूल में कुछ ऐसे कर्मचारी हैं, जो कि नशा करते हैं। इन कर्मचारियों की संगत में स्कूल के कई छात्र नशे की गिरफ्त में जा रहें हैं। छात्रों ने कहा कि यहां पढ़ने वाले छात्रों की शिक्षा बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। स्कूल के प्रभारी प्राचार्य शिव शंकर का कहना है कि जिन कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत मिली थी उन पर कार्यवाही करते हुए उन्हें हटा दिया गया है। इसके अलावा छात्रों के पास जो संगीत यंत्र और शिक्षक की कमी है, इसके लिए शासन को लगातार पत्राचार किया जा रहा है। शिक्षकों की कमी पर अभी अतिथि टीचर को रखा गया है।

इस मामले में निशक्तजन विभाग के आयुक्त संदीप रजक का कहना है कि, छात्रों की मांग संबंधी जानकारी मिली है। पहले की अपेक्षा स्कूल को काफी हद तक ठीक भी किया गया है। जबलपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर निर्देश दूंगा कि स्कूल में जाकर बच्चों की समस्या का समाधान करें।

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