मध्य प्रदेश: छात्रवृत्ति घोटालेबाजों ने दलित छात्रा के 300 रुपए तक नहीं छोड़े, 69 लाख का गबन!

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से की गई जांच में सामने आया कि लहार विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 सुमन दौहरे ने भिन्न भिन्न व्यक्तियों, हितग्राहियों के छात्र-छात्राओं की राशि एक से अधिक बार अपने खाते में जमा कराई है।
छात्रवृत्ति घोटाला
छात्रवृत्ति घोटालाGraphic- The Mooknayak
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भोपाल। मध्य प्रदेश में दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के छात्रों की हकमारी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हाल ही में भिंड जिले के लहार विकासखंड शिक्षा कार्यालय में 69.36 लाख रुपए की गड़बड़ी सामने आई है। यह गड़बड़ी वर्ष 2018 से 2023 के बीच हुई है। यहां भी बिल बनाने वाले बाबुओं ने बच्चों की छात्रवृत्ति की राशि अपनों के खातों में ट्रांसफर कर ली। गबन करने वाले आरोपियों ने छात्रों को मिल रही 300 रुपए की छात्रवृत्ति तक खाते डलवा ली। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के निर्देश दिए हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से की गई जांच में सामने आया कि लहार विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 सुमन दौहरे ने भिन्न भिन्न व्यक्तियों, हितग्राहियों के छात्र-छात्राओं की राशि एक से अधिक बार अपने खाते में जमा कराई है। उनके खाते में इस प्रकार का कुल आठ लाख 82 हजार 800 रुपए का भुगतान पाया गया है जो कि गबन माना गया है। उन्होंने कार्यालय में कंप्यूटर के प्रिंटर खरीदने के लिए भी 20 हजार रुपए का भुगतान अपने ही खाते कराया है। इसके अलावा शेष राशि अन्य खातों में ट्रांसफर कराई। जानकारी के अनुसार यह खाते गबन के आरोपी के रिश्तेदार और पहचान वालों के हैं।

ऐसे हुआ खुलासा

दरअसल, आईएफएमआईएस पोर्टल पर उपलब्ध कोषालयीन रिकार्ड में भिंड कोषालय से संबंधित आहरण एव संवितरण अधिकारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, लहार में हुए भुगतानों के परीक्षण में पाया गया कि एक ही खाता क्रमांक से एक से अधिक नामों के कर्मचारियोंध् वेंडरों व लाभार्थियों के नाम दर्शाए हैं, जिससे इन खातों में हुए भुगतान संदिग्ध श्रेणी में पाए गए।

ऑडिट में प्रथम दृष्टया कुल 1209 ऐसे खाते चिह्नित किए हैं। जो खाता धारक लाभार्थी के नाम के नहीं थे। छात्रवृत्ति घोटाले शिक्षा विभाग की मॉनिटरिंग में नहीं बल्कि आयुक्त मध्य प्रदेश कोष एवं लेखा की ऑडिट में पकड़े गए हैं। इसके बाद शिक्षा विभाग को सूचित किया गया तो मामले की जांच हुई।

छात्रवृत्ति घोटाले में स्कूल के बाबू से लेकर टीचर तक शामिल हैं। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के कर्मचारी प्रेमनारायण ने लहार के जगनपुरा स्कूल के अजय नाम के छात्र जो कि पिछड़ा वर्ग से है। उसकी छात्रवृत्ति की राशि अपने खाते में जमा करा ली। एक और कर्मचारी अनिल बरुआ के खाते में शासकीय जीएमएस रायरी की छात्रा मुस्कान की छात्रवृत्ति के 300 रुपए जमा हुए हैं। रामादेवी के द्वारा सहायक शिक्षक देवप्रकाश की फरवरी 2016 में सेवानिवृत्ति और मृत्यु उपरांत वेतन एरियर्स की राशि 2.63 लाख रुपए अपने खाते में जमा करा ली गई। रामशंकर सिंह अतिथि शिक्षक द्वारा सोनम कुमार की राशि एक लाख 19 हजार 25 रुपए अपने खाते में जमा कराई गई।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी आरपी नागर ने बताया कि प्रकरण में मुख्य आरोपी सहायक ग्रेड-2 सुमन दौहरे को निलंबित कर दिया है। एफआईआर दर्ज कराने के भी निर्देश दिए हैं। फिलहाल जांच की जा रही है।

53 लाख की छात्रवृत्ति हड़पी थी

इसी साल जून 2023 में भोपाल के कोहेफिजा पुलिस थाने में अनुसूचित जाति/जनजाति पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले मामले में तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस मामले में भी आरोपियों ने लाभार्थियों के अलावा अन्य लोगों को लाभ पहुंचाया व फर्जी आईडी बनाकर धोखाधड़ी की थी। सीएजी ऑडिट के बाद 53 लाख 32 हजार 166 रूपए का घोटाला सामने आया था, जिसके बाद जनजाति कार्य विभाग के सहायक आयुक्त ने तीनों कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था।

भोपाल के कलेक्टर कार्यालय में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग में पदस्थ क्लर्क खड़क बहादुर सिंह और चपरासी विनोद मांझी व मनोज मालवीय ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति में घोटाला करके 53 लाख 32 हजार 166 रुपए गबन कर लिया था। पुलिस को जनजाति कार्य विभाग के सह आयुक्त द्वारा की गई शिकायत में बताया गया था कि आरोपियों ने 22 लोगों की फर्जी आईडी बनाकर 40 लाख 51 हजार 90 रुपए का भुगतान कर रुपए हड़प लिए थे।

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