मध्य प्रदेश: दलित-आदिवासी छात्र-छात्राओं की स्कॉलरशिप अटकी, कैसे पूरी होगी पढ़ाई?

स्कॉलरशिप पोर्टल बंद होने से छात्र नहीं कर पा रहे आवेदन, छात्रवृत्ति आने में होगी देरी।
मध्य प्रदेश: दलित-आदिवासी छात्र-छात्राओं की स्कॉलरशिप अटकी, कैसे पूरी होगी पढ़ाई?

भोपाल। "स्कॉलरशिप पोर्टल अभी शुरू नहीं हुआ है। इस बार भी स्कॉलरशिप देरी से आएगी। मैं किराए का कमरा लेकर रहता हूँ। पूरी तरह छात्रवृत्ति पर निर्भर हूँ। शहर में रहना-खाना और पढ़ना बहुत महंगा है। सोच रहा था स्कॉलरशिाप आएगी तो पढ़ाई हो जाएगी। अभी कॉलेज की फीस भरना है, एग्जाम आ रहे है। कॉलेज की फीस नहीं भरते तो टीचर दवाब बनाते है। घर की आर्थिक हालात भी ठीक नहीं है। अब फीस की व्यवस्था कैसे और कहां से करूंगा?”

यह सवाल है जो छात्र आकाश वर्मा को लगातार परेशान कर रहा है। आकाश अनुसूचित जाति वर्ग से आते है। मूलतः धार जिले के रहने वाले है। वहीं भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष के छात्र है। वे कुछ दिनों से एमपी ऑनलाइन शॉप के चक्कर काट रहे है ताकि स्कॉलरशिप के लिए उनका ऑनलाइन आवेदन हो जाए।

यह व्यथा मध्य प्रदेश में एक नहीं बल्कि आरक्षित वर्ग के हजारों छात्र-छात्राओं की है। छात्रवृत्ति पोर्टल बंद होने से छात्र-छात्राएं आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। पोर्टल में तकनीकी काम चल रहा रहा है। आवेदन देरी से जमा होने के कारण छात्रवृत्ति मिलने में भी देरी होगी। इधर, परीक्षा फार्म भरने की तारीख भी नजदीक आ रही है। इस कारण से छात्रों को पहले स्वयं फीस देनी पड़ सकती है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को परेशानी हो रही है। प्रदेशभर के करीब डेढ़ लाख छात्र-छात्राएं पोर्टल बंद होने से प्रभावित हो रहे हैं।

पीजी फर्स्ट ईयर में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को जनकल्याण योजना (संबल) का लाभ मिलता है। वहीं पीजी फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा की फीस जमा करने की अंतिम तारीख 5 जनवरी है। ऐसे में छात्रों को पहले फीस जमा करनी होगी और उसके बाद यह उनके खाते में आएगी। इसमें परीक्षा फीस करीब 1400 रुपए लगेगी, जबकि प्रवेश फीस ढाई हजार रुपए है। कुछ छात्र स्कॉलरशिप की राशि की मदद से ही पढ़ाई करते हैं। क्योंकि दूसरे शहर में रूम, हॉस्टल में रहने-खाने की व्यवस्था कठिन हो जाती है।

वहीं मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के लाभार्थी छात्र-छात्राएं अपना रजिस्ट्रेशन इस लिए नहीं करवा पा रहे हैं, क्योंकि इनकी फीस भी कॉलेजों को नहीं मिली है। ऐसे विद्यार्थी जो मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्ध स्कूलों के छात्र रहे हैं और जिनके 12वीं में 70 प्रतिशत अंक हों उन्हें इस योजना का लाभ मिलता है। इस योजना के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थी अब परेशान हो रहे हैं।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए आदिवासी विकास परिषद के छात्र प्रभाग के प्रदेशाध्यक्ष नीरज बारीवा ने बताया कि पिछले कई दिनों से स्कॉलरशिप पोर्टल बंद है। हजारों छात्र आवेदन भरने का इंतजार कर रहे हैं। आदिवासी/दलित छात्र हमेशा से स्कॉलरशिप के लिए परेशान होते रहे है। पहले से ही छात्रवृत्ति की राशि देरी से आ रही है। हम शासन को पत्र भेज चुके है कि पोर्टल जल्द शुरू होना चाहिए।

जानकारी के मुताबिक, सिक्योरिटी ऑडिट चल रहा है। इस वजह से पोर्टल बंद है। इसे बंद हुए 15 दिन का समय बीत चुका है। अब इसके 15 जनवरी के आस-पास खुलने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि पहले छात्रों को फीस जमा करनी होती है उसके बाद उन्हें यह राशि उनके खाते में जमा कर दी जाती है, लेकिन छात्रवृत्ति की राशि देरी से आने के कारण छात्रों को परेशानी होगी। इस मामले में हमने तकनीकी शिक्षा विभाग में फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने कोई भी जवाब देने से मना कर दिया।

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