तमिलनाडु: मन्दिर उत्सव के दौरान आखिर क्यों टूटा दलित बस्ती पर कहर, क्या थी वजह?

सवर्णों ने दलितों के घरों पर किया पथराव,35 वाहन भी तोड़ डाले.
तमिलनाडु: मन्दिर उत्सव के दौरान आखिर क्यों टूटा दलित बस्ती पर कहर, क्या थी वजह?

तमिलनाडु। मदुरई जिले में लगभग दो सप्ताह से चल रहे एक उत्सव ने गत 2 जून की शाम को जातीय संघर्ष का रूप ले लिया। इस दौरान दो गुटों में लड़ाई हुई। आरोप है कि सवर्ण जाति के युवकों ने दलित समाज के लोगों के घर जाकर तोड़फोड़ की। लोगों के घरों पर पथराव किया, और उनके घर के बाहर खड़े करीब 35 दोपहिया वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। मारपीट की घटना के बाद पनपे तनाव के कारण भारी पुलिस बल लगाना पड़ा।

जानिए क्या है पूरा मामला?

तमिलनाडु के मदुरई जिले के ओथाकदाई क्षेत्र में थिरुमहूर कलामेगापेरुमल मंदिर में लगभग दो सप्ताह से उत्सव चल रहा है। जानकारी के मुताबिक 2 जून को उत्सव करने वाले आयोजकों ने 'अदल-पदल' सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया था। कार्यक्रम के दौरान दलित समाज और सवर्णों के युवाओं के बीच छुआछूत को लेकर लड़ाई हो गई। इस दौरान मौके पर मौजूद आयोजकों ने दोनों गुटों के बीच मध्यस्थता का काम किया और उस समय तक के लिए विवाद समाप्त हो गया। कार्यक्रम देर शाम को शांति पूर्वक खत्म हो गया।

जानकारी के मुताबिक, सवर्ण जाति के कुछ युवक शराब पीकर नोंदी शामी मन्दिर के पास पहुंच गए। इस गली में दलित समुदाय के लोगों के घर हैं। युवकों ने दलितों के घर के बाहर खड़े दोपहिया वाहनों में तोडफोड़ शुरू कर दी। युवकों ने घरों पर भी पथराव किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। तोड़फोड़ की आवाज सुनकर स्थाई निवासी घर के बाहर निकल आये और दोनों पक्ष में विवाद हो गया। इस दौरान सवर्णों ने और लोगों को बुला लिया और दलितों के साथ जमकर मारपीट की और उनके 35 दोपहिया वाहन तोड़ डाले। इस दौरान लगभग 4 दलितों को गम्भीर चोट आई है।

घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया। घायलों को अस्पताल भेजा। 4 लोगों को गम्भीर चोट आई हैं, उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस इस मामले में 22 लोगों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत नामजद मुकदमा दर्ज किया है। 3 मई को पुलिस ने 12 आरोपियों की गिरफ्तारी भी की है।

मामले में मदुरई के एसपी आर शिव प्रसाद ने कहा, "पुलिस इलाके में पहुंची, लेकिन स्थिति को नियंत्रण में लाने में थोड़ा समय लगा, क्योंकि वहां भारी भीड़ थी। इस सिलसिले में 12 लोगों को गिरफ्तार कर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत करीब दो दर्जन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है."

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