यूपी: काम दिलाने के बहाने दलित युवती के साथ गैंगरेप, दस दिन बाद दर्ज हुआ मुकदमा

गैंगरेप करने वाले तीन आरोपियों ने वीडियो बना कर फिर से पीड़िता के नंबर पर व्हाट्सएप के जरिये भेजा और दोबारा शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया।
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सांकेतिकफोटो साभार- इंटरनेट

उत्तर प्रदेश। प्रयागराज जिले के जार्ज टाउन इलाके में एक दलित युवती से गैंगरेप का मामला सामने आया है। गैंगरेप करने वाले तीनों आरोपियों ने वीडियो भी बना लिया। एक आरोपी ने इस वीडियो को पीड़िता के नंबर पर व्हाट्सएप के जरिये भेजा और दोबारा शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया। इस घटना से युवती पूरी तरह सहम गई। युवती ने पुलिस से शिकायत करने का फैसला किया। युवती का कहना है कि पुलिस से शिकायत की बात पर एक अज्ञात नंबर से फोन आया और मामले में सुलाह करने का दबाव भी बनाया गया। आरोप है कि इस दौरान पुलिस भी युवती को सीमा विवाद में उलझाकर टालती रही।

इन सबके बीच लगभग दस दिन बाद दो नामजद, एक मकान मालिक तथा एक अज्ञात के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। दस दिन बाद मुकदमा दर्ज करने से गैंगरेप के मामले में मेडिकल रिपोर्ट पूरी तरह प्रभावित हो गई। युवती ने गैंगरेप की घटना का वीडियो पुलिस को सौंपा है। इस सबूत को ठोस मानते हुए पुलिस आगे की कार्रवाई करने में जुट गई है। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

द मूकनायक ने इस मामले में पीड़िता से बातचीत की है। पीड़िता ने घटना की जानकारी देते हुए बताया, “मैं मूलरूप से प्रतापगढ़ जिले के हथिगंवा क्षेत्र में पड़ने वाले एक गांव की रहने वाली हूँ। प्रयागराज के फाफामऊ इलाके में एक कपड़े की दुकान में काम करती हूँ। इसी क्षेत्र में मैं एक किराए के मकान में रह रही हूँ। दुकान पर काम करने के दौरान रमेश पटेल नाम का एक व्यक्ति आता-जाता रहता था। उसने मुझे ज्यादा सैलरी पर काम दिलाने की बात कही और मेरा नंबर ले लिया। कुछ दिन बीत जाने के बाद मैंने वहां नौकरी छोड़ दी। इस दौरान रमेश पटेल का मेरे पास फोन आया और मुझे नौकरी दिलाने की बात कही।”

पीड़िता ने द मूकनायक को बताया, “बीते 10 फरवरी को रमेश पटेल ने मुझे फोन करके सोहबतबगिया आने के लिए कहा। नौकरी की बात सुनकर मैं सोहबतबगिया पहुंच गई। वहां मुझे रमेश पटेल मिला और कुछ लोगों से मिलाने की बात कहकर सोबतबगिया में मौजूद एक घर के कमरे में ले गया। यहां दो लोग मौजूद थे। कमरे के अंदर आते ही रमेश ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया और मुझे पीछे से पकड़ लिया। रमेश ने कमरे में मौजूद एक अन्य व्यक्ति का नाम अमित लेते हुए मेरा पैजामा उतारने के लिए कहा। कमरे में मौजूद अमित और एक अन्य व्यक्ति ने मेरा पैजामा उतार दिया। रमेश पटेल मुझे कसकर पकड़ा हुआ था। तीनो ने मिलकर मेरे सारे कपड़े उतार दिए और बारी-बारी मेरे साथ रेप किया।”

पीड़िता आगे रोते हुए बताती है, “वे मेरे साथ तीनों रेप कर रहे थे। मैं दर्द से चीख रही थी। मेरे प्राइवेट पार्ट में जलन महसूस हो रही थी। मेरे प्राइवेट पार्ट से खून निकल रहा था। यह मेरे लिए असहनीय था। दर्द से मेरे दिमाग की नसें फटी जा रही थी। मुझे चक्कर आने लगे और मैं बेहोश हो गई। इसके बाद मेरे साथ क्या हुआ मुझे कुछ भी याद नहीं। मैं जब होश में आई तो उन लोगों के आगे मैंने हाथ जोड़े उनके पैर पकड़े, उनके आगे गिड़गिड़ाई और छोड़ देने के लिए कहा। इस पर उन तीनों ने मुझे धमकाया। वह कह रहे थे अगर मैंने यह सब किसी को बताया तो वह मुझे जान से मार देंगे। मैं डरी हुई थी। मैने यह बात किसी को न बताने की बात कही, तब उन्होंने मुझे जाने दिया। मैं कपड़े पहनकर बाहर निकली तो एक व्यक्ति कमरे के बाहर बैठा हुआ था। मुझे बाद में पता चला कि वह इस मकान का मालिक है। मैं चुपचाप अपने घर लौट आई।”

पीड़िता आगे बताती है, “अगले दिन मेरे मोबाईल पर उसने एक वीडियो भेजा। मैं वीडियो देखकर सहम गई। यह वही वीडियो था, जिसमें एक दिन पहले मेरे साथ हुई घटना थी। तीनों मेरे साथ रेप कर रहे थे। वीडियो भेजकर रमेश पटेल ने मुझे दोबारा कमरे पर आने का दबाव बनाया। उसका कहना था कि अगर मैं नहीं आई तो वह इस वीडियो को वायरल कर देगा। मैंने आने से मना कर दिया और मामले में पुलिस से शिकायत करने का फैसला लिया। इस पर मेरे पास एक अज्ञात नंबर से कॉल आया और मामले में पैसा लेकर सुलाह करने के लिए दबाव बनाया गया। लेकिन इस बार मैंने शिकायत करने की ठान ली थी। मैं 12 फरवरी को घटनास्थल की क्षेत्रीय चौकी पर शिकायत लेकर गई थी। चौकी पर मौजूद दारोगा ने घटनास्थल का अपने क्षेत्र में न होने की बात कहते हुई कार्रवाई करने से मना कर दिया। मैं मामले की शिकायत लेकर दो थानों के चक्कर काटती रही। मैंने एक वकील किया और मामले की जानकारी उन्हें दी। 19 फरवरी को मैं वकील के साथ थाने गई। वहां भी आरोपियों के 9-10 वकील मौजूद थे। वह इस पूरे मामले को झूठा साबित करने में जुटे थे। मैंने थाना प्रभारी को घटना का वीडियो सौंपा जिसके बाद मेरी एफआईआर दर्ज हो सकी।”

इस मामले में पीड़िता के वकील मदन सरोज ने द मूकनायक को बताया, “इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा था। मेरे पास भी एक प्रभावशाली व्यक्ति का फोन आया था। वह मामले में पैसे लेकर सुलाह करने के लिए दबाव बना रहे थे। अनेक प्रयासों के बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा सकी है।"

इस मामले में प्रयागराज के जार्ज टाउन थाने में 20 फरवरी 2024 को दर्ज हुई शिकायत की प्रति द मूकनायक के दफ्तर में मौजूद है। इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा-376 डी (एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा किसी स्त्री की ईच्छा के विरुद्ध संम्भोग करना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 506 (जान से मारने की धमकी देना/ महिला के चरित्र व सम्मान को दोष देकर आरोप लगाना), 34 (दो या दो से अधिक व्यक्ति द्वारा सामान्य आशय किसी कार्य को करने में अपनी सहमति देना), अनुसूचित जाति एवं जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम 1989 (संशोधन-2015) की धारा 3 (2 )(v), सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम-2008 की धारा 67 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

पीड़िता का अब तक नहीं हुआ 164 का बयान

द मूकनायक ने इस मामले में थाना प्रभारी जॉर्ज टाउन से बातचीत की। थाना प्रभारी ने बताया, “एक आरोपी रमेश पटेल को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। युवती का अभी 164 का बयान नहीं हो सका है। 164 के बयान में युवती जो बताएगी उस आधार पर कार्रवाई की जायेगी। पीड़िता ने हमें घटना का वीडियो उपलब्ध कराया है। उसे साक्ष्य बनाकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।”

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