तमिलनाडु: दलित महिला को गोमांस ले जाने का आरोप लगाकर रोडवेज बस से उतारा, जानिए फिर क्या हुआ?

प्रकरण को लेकर दलित संगठनों के आक्रोश को देखते हुए अब उक्त बस चालक और कंडक्टर को निलंबित कर दिया गया।
महिला
महिला सांकेतिक फोटो
Published on

धर्मपुरी। तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में गत दिनों राज्य परिवहन निगम के बस चालक-परिचालक ने 59 वर्षीय दलित महिला को कथित तौर पर गोमांस ले जाने के आरोप में असुरक्षित स्थान पर बीच रास्ते में बस से उतार दिया। प्रकरण को लेकर दलित संगठनों के आक्रोश को देखते हुए अब उक्त बस चालक और कंडक्टर को निलंबित कर दिया गया है।

घटना गत मंगलवार को दोपहर के आस-पास हरूर-कृष्णागिरी बस में हुई। महिला यात्री पंचलाई, धर्मपुरी जिले के मोरप्पुर ब्लॉक के नवलाई गांव की निवासी है। सूत्रों के अनुसार, बस चालक दल ने अपनी मर्जी से कार्रवाई की और किसी ने भी यात्री या उसके सामान पर आपत्ति नहीं जताई। सूत्रों ने कहा कि बस चालक दल को पता था कि वह क्या ले जा रही है और उन्होंने उसे बस से उतरने के लिए कहने से पहले उसके सामान की जांच नहीं की।

यात्रा के दौरान कंडक्टर ने दोपहर 12ः20 बजे अचानक बस रोक दी और महिला को उतरने के लिए मजबूर किया। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि ड्राइवर को पता था कि अनुसूचित जाति की महिला हरूर से गोमांस खरीदेगी, उसे अपने पैतृक नवलाई गांव में ले जाएगी और वहां आजीविका के लिए बेच देगी। हालांकि नियमानुसार चालक दल को सामान की जांच करने का कोई अधिकार नहीं था।

महिला ने ड्राइवर और कंडक्टर से विनती करने की कोशिश की कि कम से कम उसे अगले बस स्टैंड पर छोड़ दिया जाए, लेकिन उन्होंने उसकी दलीलों को खारिज कर दिया और उसे मोरप्पुर के पास एक असुरक्षित इलाके में उतार दिया और चले गए। मामला तब सामने आया जब मोरप्पुर के लोगों के एक समूह ने ड्राइवर और कंडक्टर से उनके आचरण पर स्पष्टीकरण की मांग की। शाम को मोरप्पुर बस स्टैंड पर बस रुकते ही उन्होंने उनसे पूछताछ की। सूत्रों ने बताया कि मोरप्पुर के निवासियों ने आरोप लगाया कि ड्राइवर और कंडक्टर ने महिला के साथ भेदभाव किया है क्योंकि वह एससी समुदाय से है। हरुर से टीएनएसटीसी अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की।

टीएनआईई से बात करते हुए, टीएनएसटीसी सलेम धर्मपुरी जोन के प्रबंध निदेशक एस पोनमुडी ने कहा कि ड्राइवर एन शशिकुमार और कंडक्टर के रघु को जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है। चालक दल के पास सामान की सामग्री की जाँच करने का कोई काम नहीं था और कोई शिकायत नहीं की गई थी या जाँच के लिए कोई संदिग्ध व्यवहार नोट किया गया था। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ड्राइवर और कंडक्टर ने एक बुजुर्ग यात्री को उसकी सुरक्षा का ख्याल किए बिना अज्ञात स्थान पर उतार दिया था। व्यापक जांच की जाएगी।

महिला
क्या है वह विधेयक जिसके तहत कर्नाटक सरकार मंदिरों से वसूलेगी 10 प्रतिशत टैक्स?
महिला
यूपी: "सरकार एस्मा लगाए या जेल में डाल दे, हमें आवाज उठाने से नहीं रोक सकती"- सरकारी कर्मचारी
महिला
किसानों ने कहा - “आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है सरकार”

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com