सहारनपुर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के रामपुर मनिहारान में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां 7 दोस्तों ने मिलकर 10वीं कक्षा के एक दलित छात्र के साथ जंगल में कुकर्म की वारदात को अंजाम दिया। इस घिनौने अपराध का कारण महज 50 रुपये की क्रिकेट शर्त थी, जिसे हारने के बाद पीड़ित छात्र ने दोस्तों को नहीं दे पाया। इसके बाद आरोपियों ने उसे ब्लैकमेल करने के लिए उसका अश्लील वीडियो बनाया और एक महीने तक उसका यौन शोषण करते रहे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रामपुर मनिहारान का रहने वाला यह छात्र अपने मोहल्ले के कुछ युवकों के साथ नियमित रूप से क्रिकेट खेलता था। करीब एक महीने पहले एक क्रिकेट मैच के दौरान उसने 50 रुपये की शर्त लगाई, लेकिन वह मैच हार गया। पैसे न दे पाने की स्थिति में उसने आरोपियों से कुछ समय मांगा। लेकिन आरोपियों ने उसे बहाने से जंगल में ले जाकर उसके साथ मारपीट की और कपड़े उतारकर कुकर्म किया। इस दौरान उन्होंने उसका अश्लील वीडियो भी बना लिया।
पीड़ित छात्र ने पुलिस को बताया कि जंगल में दो आरोपियों ने उसके हाथ-पैर पकड़े, एक ने उसका मुंह दबाया, और दो अन्य ने उसके साथ कुकर्म किया। इस दौरान बाकी युवकों ने वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद आरोपियों ने वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। पीड़ित ने पैसे देने की पेशकश की, लेकिन आरोपियों ने पैसे लेने से इनकार कर दिया और उसे बार-बार जंगल बुलाकर कुकर्म करते रहे। यह सिलसिला लगातार एक महीने तक चला।
पीड़ित छात्र के व्यवहार में बदलाव देखकर परिजनों को शक हुआ। वह डरा हुआ और गुमसुम रहने लगा था। जब परिजनों ने प्यार से पूछताछ की तो उसने रोते हुए पूरी घटना बताई। परिवार वालों के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत रामपुर मनिहारान कोतवाली में जाकर आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने सातों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं, SC/ST एक्ट, और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही पीड़ित का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया।
सहारनपुर के एसपी सिटी व्योम बिंदल ने बताया कि परिजनों की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पीड़ित का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह मामला न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि समाज में बढ़ती असंवेदनशीलता और जातिगत उत्पीड़न के मुद्दों को भी उजागर करता है।
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