राजस्थान: जाट की हत्या के बाद दलित परिवार के लोगों को क्यों छोड़ना पड़ रहा गांव?

कौशल किशोर जाट की हत्या के बाद से ही गांव में तनाव। हत्यारोपी दलित समाज से होने के कारण गांव के अन्य दलितों को बनाया जा रहा निशाना.अब दलित परिवार के लोग इधर उधर छिपते फिर रहे हैं।
घरों में तोड़ फोड़ कर दलितों को गांव नहीं छोड़ने पर जान से मारने की धमकी दी गई।
घरों में तोड़ फोड़ कर दलितों को गांव नहीं छोड़ने पर जान से मारने की धमकी दी गई।

जयपुर। राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के बहरावंडा कलां थाना क्षेत्र के किशनगढ़ छाहरा गांव के रहने वाले कौशल किशोर जाट की 30 जनवरी को बिचपरी मिश्रान गांव में हत्या हुई थी। हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने 4 जनवरी को छाहरा गांव के ही दीपक बैरवा को गिरफ्तार किया था। हत्या के आरोप में दलित युवक की गिरफ्तारी के बाद यहां के रहवासी दलित समाज के लोगों की मुसीबत बढ़ गई है। गांव में तनाव का माहौल है। दलित परिवार घरों को छोड़ कर अन्यत्र रह रहे हैं। अतिरिक्त पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया है, लेकिन पुलिस ने जातीय तनाव की बात से इनकार किया है।

आरोप है कि, कौशल किशोर जाट की हत्या के बाद मृतक के परिजन व समाज के लोगों ने दलित समाज के लोगों की फसल नष्ट कर दी है। घरों में तोड़ फोड़ की और गांव में रहने पर जान से मारने की धमकी दी है। यह घटना 5 जनवरी की है। इस संबंध में रामचरण बैरवा की तहरीर पर पुलिस ने जाट समाज के 16 लोगों को नामजद करते हुए 25 से 30 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है, लेकिन अभी भी पीड़ित परिवार के लोग घरों को छोड़ कर छिपते फिर रहे हैं। उनके मवेशी भूखे प्यासे हैं। हालांकि, पुलिस ने पूरे दलित समाज के लोगों को धमकाने या गांव से निकालने के आरोपों का खंडन किया है।

पुलिस ने भी माना है कि दलित समाज के लोगों की फसल को नष्ट किया गया है, यह किसने किया है इसकी जांच चल रही है। पुलिस के अनुसार कौशल किशोर जाट की हत्या के बाद से ही रामचरण का परिवार घर छोड़ कर गायब हो गया था। हत्यारोपी रामचरण का भतीजा है। इसलिए यह पहले ही घर छोड़ गए थे। पुलिस का कहना है कि एसपी के यहां से परिवाद प्राप्त हुआ तो उन्होंने बिना देर किए फसल नष्ट करने व अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच पुलिस उपाधीक्षक एससी, एसटी सेल बृजेश कुमार को जांच सौंपी है।

दलित परिवार की फसल नष्ट कर दी गई.
दलित परिवार की फसल नष्ट कर दी गई.

बहरावंडा कला थाना अंतर्गत किशनगढ़ छाहरा गांव में दलित परिवार की फसल नष्ट करने के बाद पीड़ित रामचरण बैरवा ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर सुरक्षा की गुहार लगाते हुए फसल नष्ट करने वाले आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।

इस पर एसपी के निर्देश पर बहरावंडा कलां थाना पुलिस ने लक्ष्मीनारायण जाट, परसराम जाट, हनुमान जाट, बृजवासी जाट, किशोर जाट, हरी जाट, पवन जाट, हरिमोहन जाट, घनश्याम जाट, मोती जाट, विधयाधर जाट, अर्जुन जाट (छोटू), छोटू जाट, रामअवतार जाट, फोरया व गिरिराज जाट को नामजद करते हुए गांव के 25-30 अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा धारा 143, 42७, 447, 506  व अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस के अनुसार रामचरण बैरवा ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे परिवाद में बताया कि, "प्रार्थी ग्राम किशनगढ़ छाहरा थाना बहरावण्डा कलां का रहने वाला है। 5 जनवरी को दोपहर 2-3 बजे उक्त सभी आरोपी साथ आए और प्रार्थी की सरसों, चना, गेहूं की खड़ी फसल व मोटर (वाटर पंप) के पाइप को तोड़ कर के ट्यूबवेल में नीचे गिरा दिया। पत्थर भर दिए। मकान को तोड़ दिया। 11-12 बीघा में खड़ी फसल को ट्रैक्टर चला कर नष्ट कर दिया। इससे प्रार्थी को लगभग 10 लाख रुपये की क्षति हुई है।"

रामचरण ने एसपी को सौंपे परिवाद में आरोप लगाया कि, "जाट समाज के लोगों ने हमें जान से मारने की धमकी दी। नुकसान हाल ही में हुई जाट युवक की हत्या को लेकर किया गया है। हत्या कांड से प्रार्थी का कोई लेना देना नहीं है। प्रार्थी व उसके समाज के लोगों पर जातिय द्वेषता के कारण ही अत्याचार किया जा रहा है। ऐसे में गांव में पुलिस सुरक्षा की व्यवस्था करवाई जाए। ताकि प्रार्थी व प्रार्थी के बैरवा समाज के लोग मनबढ़ों के भय से मुक्त होकर अपना गृहस्थी, जानवर, खेत खलिहान की देख रेख कर अपना जीवन यापन कर सके।"

क्या गांव में बढ़ रहा जातीय द्वेष?

बहरावंडा कलां थाना क्षेत्र के किशनगढ़ छाहरा गांव में दलित समाज के अलावा जाट समाज के लोग भी निवास करते हैं। पुलिस के अनुसार 30 जनवरी को बैरवा समाज के लोग एक शादी समारोह में बिचपरी मिश्रान गांव गए थे। इनके साथ कौशल किशोर जाट ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर गया था। यहां किसी बात को लेकर विवाद के बाद कौशल जाट की हत्या कर शव ट्रैक्टर ट्रॉली में डाल दिया गया था। इस संबंध में हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच के बाद पुलिस ने हत्या के आरोप में किशनगढ़ छाहरा गांव के ही दीपक बैरवा को गिरफ्तार किया था।

कौशल किशोर जाट की हत्या में दीपक बैरवा की गिरफ्तारी के बाद गांव में तनाव हुआ था। लोगों में भय का माहौल बना। अगले दिन 5 जनवरी को भीड़ ने रामचरण बैरवा की खड़ी फसल को नष्ट कर दिया। रामचरण का परिवार डर के मारे घर छोड़ गया। इस घटना के बाद बैरवा समाज के लोगों में डर का माहौल है। हालांकि, पुलिस का दावा है कि गांव में शामिल कायम है। आरएसी का अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया है। हत्या मामले से जुड़े दोनों पक्षों के अलावा गांव में सभी समाजों के बीच सौहार्द की बात भी कही जा रही है।

हत्यारोपी दीपक बैरवा के रिश्तेदार प्रीतम बैरवा ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि "जाट समाज के लोगों ने हमें गांव से निकाल दिया। हम दूसरे गांवों में रिश्तेदारों के यहां छिप कर रह रहे हैं। मनबढ़ गांव में आने पर मारने की धमकी दे रहे हैं। हत्यारोपी हमारा रिश्तेदार है, लेकिन उस परिवार से पन्द्रह साल से बोल चाल बंद है। इसके बावजूद जाट समाज के लोगों ने हमारी फसल को नष्ट कर दिया। घरों में तोड़ फोड़ की। हम गांव में जाकर अपनी खेती व मवेशियों की देखभाल करना चाहते हैं, लेकिन आरोपियों के डर से घर नहीं जा पा रहे हैं। पुलिस हमें सुरक्षा दे, ताकि हम भी अपने घर जा सके."

फसल नष्ट कर घरों में तोड़फोड़ के आरोप में दर्ज मुकदमे की जांच कर रहे पुलिस उपाधीक्षक एससी, एसटी सेल बृजेश कुमार ने द मूकनायक से कहा कि, "जाट समाज के युवक की हत्या के बाद फसल नष्ट करने की बात कही गई है। रामचरण के परिवाद पर मुकदमा दर्ज हुआ है। इस संबंध में मौका देखा है। फसल नष्ट हुई है। हम जांच कर रहे हैं। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। हत्या के मामले की जांच बहरावंडा कलां थाना अधिकारी कर रहे हैं। गांव में पुलिस गश्त बढ़ाने के एसएचओ को निर्देश दिए हैं।"

मामले पर बहरावंडा कलां थानाधिकारी रामवीर सिंह ने द मूकनायक को बताया कि, "30 जनवरी को कौशल किशोर जाट की हत्या हुई थी। दीपक बैरवा को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। हत्या आरोपी के रिश्तेदार की फसल नष्ट हुई है। यह किसने की, अभी स्पष्ट नहीं है। मुकदमा दर्ज हुआ है। आरपीएस अधिकारी इसकी अलग से जांच कर रहे हैं। गांव में बैरवा समाज के अन्य परिवारों को किसी ने भी नहीं धमकाया है। जाट व बैरवा समाज के लोगों की बैठक करवाई गई है। इसमें दोनो पक्षों ने हत्या मामले में किसी प्रकार की सामाजिक द्वेष्ता से इनकार किया है। आरएसी के दस जवान बैरवा समाज के घरों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं। जिनकी फसल नष्ट हुई वो परिवार हत्या के बाद से ही घरों से गायब है। दूरभाष पर उनसे बात कर घर आने को कहा है, लेकिन वो नहीं आ रहे हैं। पूरे बैरवा समाज को डराने, धमकाने या फिर गांव छोड़ने के दबाव बनाने के आरोप निराधार है। यह दो परिवारों का आपस का मामला है।"

घरों में तोड़ फोड़ कर दलितों को गांव नहीं छोड़ने पर जान से मारने की धमकी दी गई।
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