राजस्थान: धौलपुर में दलित इंजीनियर के बाद चिकित्सक पर हमला, थम नहीं रहे मामले !

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भी दलित अत्याचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, विशेष कर दलित लोक सेवकों पर हमले चिंता बढ़ाने वाले हैं।
सांकेतिक फोटो.
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जयपुर। राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद भी दलितों पर अत्याचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। धौलपुर जिले में बाड़ी कस्बे में विद्युत निगम कार्यालय में घुस कर दलित सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मीकि पर जानलेवा हमले को लोग अभी भुला नहीं पाए हैं। अब बसेड़ी कस्बे में मनबढ़ों ने अनुसूचित जाति के सरकारी चिकित्सक पर हमला कर दिया। लोक सेवकों पर हमले चिंता बढ़ाने वाले हैं। हमलावर मनबढ़ों को राजनीतिक संरक्षण से इनकार नहीं किया जा सकता है।

घटना 25 मार्च 2024 की है। डॉ. कमल किशोर दोहर होली के पर्व पर इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे थे। इतने में ठाकुर जाति के मनबढ़ों ने अस्पताल में घुस कर हमला कर दिया। घटना अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में भी रिकॉर्ड हुई है। पीड़ित चिकित्सक की रिपोर्ट पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। एक आरोपी अभी तक पुलिस पकड़ से दूर है।

थानाधिकारी बसेड़ी बृजेश कुमार मीना के अनुसार डॉ. कमल किशोर दोहर (56) पुत्र द्वारिका प्रसाद जाटव निवासी रतनगढ़ जिला चूरू ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि वह 2018 से बसेड़ी के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बसेड़ी में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत है। 25 मार्च को होली पर अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर था। ड्यूटी के दौरान वह अस्पताल के बाहर एक दुकान पर कुछ सामान लेने गया। जहां कुछ लोग शराब पी रहे थे। इनमें से एक आरोपी ने उनके साथ अभद्रता की।

इसके बावजूद वह अस्पताल वापस चले गए। कुछ देर बाद आरोपी अनुराग पुत्र रजनीश ठाकुर निवासी टीचर कॉलोनी, सूरज पुत्र वीरेंद्र ठाकुर निवासी अनुरूप का पुरा, शिवम पुत्र नंदकुमार भड़भूजा निवासी टीचर कॉलोनी बसेड़ी अस्पताल में घुस आए। जातिसूचक शब्दों से अपमानित कर मारपीट की। घसीट कर अस्पताल के बाहर सड़क पर ले गए। आरोपियों से छूट कर वापस अस्पताल में आया तो आरोपियों ने पीछा कर अस्पताल में फिर मारपीट की। तहरीर के आधार पर पुलिस ने चार लोगों को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज की।

जवाब दिया, इसलिए किया हमला

द मूकनायक से पीड़ित चिकित्सक डॉ. कमल किशोर ने कहा "होली की छुट्टी थी। सुबह 11 बजे अस्पताल बंद होने के बाद मैं इमरजेंसी ड्यूटी पर था। एक बलात्कार का केस आने पर अस्पताल गया था। ठाकुर जाति के लोगों ने अस्पताल में घुस कर मुझे जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया।"

चिकित्सक ने आगे कहा- "अस्पताल के बाहर दुकान में कुछ सामान लेने गया था। दुकानदार ने मना कर दिया। में वापस आने लगा तो वहां बैठ कर शराब पी रहे रजनीश ठाकुर ने मुझे गाली दी। मैंने गाली देने को मना किया। मेरा जवाब देना उन्हें अखर गया (बुरा लगा ) और अपने बेटे अन्य लोगों को बुलाकर उसने मुझ पर हमला कर दिया।"

लोक सेवक पर नहीं सरकार पर हमला

अनुसूचित जाति अधिकार अभियान राजस्थान (अजार) के संयोजक एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी सत्यवीर सिंह ने कहा "कोई भी लोक सेवक सरकार का सेवक होता है। सरकार के प्रतिनिधि के रूप में जनता की सेवा करता है। लोक सेवक सरकार का प्रतिनिधि है, लोक सेवक पर हमला मतलब सीधा सरकार पर हमला है। सरकार खुद पर हुए हमले रोकने में नाकाम है। ऐसे में आमजन की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा।"  

"लोक सेवक दलित समुदाय का है और समाज का दृष्टिकोण दलितों के प्रति दोयम दर्जे का है। यह सरकार के लिए चिंता की बात है। उन्नति, विकास और संविधान की रक्षा के लिए सरकार बनती है। यदि सरकार अपने प्रतिनिधि और संविधान की रक्षा नहीं कर पाती है तो यह सरकार और कानून व्यवस्था से जुड़ी सभी सरकारी एजेंसियों का फेलियर है।"-सिंह ने कहा।

"तीन लोगों को गिरफ्तार किया है"-एसपी

धौलपुर एसपी सुमित मेहरड़ा ने धौलपुर जिले में दलित लोक सेवकों पर बढ़ते हमले के सवाल पर द मूकनायक से कहा "यहां जातीय संघर्ष के मामले सभी समुदायों के बीच सामने आते हैं। मनिया इलाके में दो जातियों में संघर्ष हुआ, लेकिन दलितों के साथ नहीं है।"

मेहरड़ा ने आगे कहा- " दलितों के साथ अत्याचार की बात को एक दम से नहीं नकारा जा सकता। हर जगह का अपना एक सामाजिक ढांचा होता है। कास्ट फैक्टर एक दिन में नहीं बदल सकते। ऐसे मामलों को रोकने के लिए अनुसंधान महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पर हम गंभीरता से काम कर रहे हैं। जातीय संघर्ष या फिर दलित अत्याचार के पुराने मामलों को भी फिर से देखा जा रहा है। जिले में जातीय टकराव जैसी घटना या दलितों पर अत्याचार के मामलों को रोका जा सके। इस तरह के मामलों में वांछित आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर भी सख्ती से निर्देश दिए गए हैं।"

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