
भोपाल। मध्य प्रदेश के खण्डवा में नगर निगम के सफाई कर्मी डेढ़ माह से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आन्दोलनरत हैं। कुछ सफाई कर्मियों द्वारा भूख हड़ताल की जा रही है।
निगम तिराहे पर सफाई कामगार रंजिता चौहान सहित अन्य कर्मचारियों द्वारा भूख हड़ताल की जा रही थी। करीब 24 दिनों की अनशन के कारण रंजीता चौहान की तबियत बिगड़ गई थी। इसके बावजूद रंजीता सफाई कर्मियों की मांग को लेकर पंडाल में डटी रहीं। बुधवार रात पंडाल पर पहुँचे पुलिस प्रशासन ने बलपूर्वक रंजीता को अस्पताल में भर्ती कराया। आंदोलन कर रहे अन्य लोगों को पुलिस ने मौके से हटाया और पंडाल हटा दिया। सफाई कर्मी रंजीता ने पुलिस प्रशासन पर जबरन अस्पताल में भर्ती कराने का आरोप लगाया है।
दरअसल तीन सूत्रीय मांगों को लेकर निगम के सफाई कामगार भूख हड़ताल कर रहे थे। पिछले 24 दिन से हड़ताल जारी थी। लेकिन अचानक पहुँचे पुलिस प्रशासन ने आमरण अनशन पर बैठी सफाईकर्मी रंजीता चौहान को एम्बुलेंस से अस्पताल भेज कर भर्ती करा दिया और अन्य आंदोलनकारियों को पंडाल से हटा दिया। सफाई कर्मी नगर निगम विनियमतिकरण समाप्त कर स्थायी करने, ठेका प्रथा समाप्त करने व आवासों का मालिकाना हक की मांग कर रहे थे। करीब डेढ़ माह पहले निगम की सफाई कर्मी रंजीता चौहान सहित अन्य कर्मियों द्वारा प्रदर्शन की शुरुआत की गई थी। जब निगम प्रशासन की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला तब रंजीता चौहान और अन्य कर्मियों ने भूख हड़ताल शुरू की थी।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए रंजीता चौहान ने बताया कि वह पिछले 24 दिनों से भूख हड़ताल पर थीं। बुधवार की आधी रात को अचानक करीब 60 पुलिसकर्मी अनशन पंडाल पर आगए उनके साथ एसडीएम सहित अन्य प्रशासन के अधिकारी थे। उन्होंने एम्बुलेंस लगाकर महिला पुलिस कर्मियों ने जबरन मुझे एम्बुलेंस में बैठाया और जिला अस्पताल में ले जाकर भर्ती करा दिया। रंजीता चौहान ने बताया कि उनके पति और अन्य लोगों को पुलिस थाने ले गई थी। और हमारा पंडाल हटा दिया गया। रंजीता का आरोप है कि पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें हटाया है। लेकिन उनका आंदोलन मांग नहीं माने जाने तक जारी रहेगा। रंजीता ने कहा- कि जो लोग शहर को साफ रखने में जी जान लगा देते है। उन्हें पक्की नौकरी का अधिकार होना चाहिए।
खण्डवा नगर निगम के करीब एक हजार सफाई कामगारों ने फिलहाल काम बन्द कर दिया है। इन सफाई कर्मियों को 7 हजार से 11 हजार तक भुगतान नगर निगम करता है। यह सभी अस्थाई कर्मचारी है। जिनकी ठेका टेंडर प्रक्रिया और कुछ कर्मी 29 दिवसीय संविदा स्कीम के तहत भर्ती की गई है।
सफाई कर्मियों ने पिछले दिनों निगम तिराहे पर करीब 1 घंटे तक चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान वहाँ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। आक्रोशित कर्मचारियों का कहना है कि कामगारों को स्थायी करने के साथ ही आवासों का मालिकाना हक दिलाने, विनियमितिकरण योजना समाप्त करने के लिए यह आंदोलन किया जा रहा है। हम शांति से हड़ताल कर रहे थे पर प्रशासन ने हमें बलपूर्वक हटा दिया है। शासन से अपेक्षा है कि हमारी मांगों का जल्द निराकरण करें।
भीम आर्मी संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा "मुख्यमंत्री शिवराज चौहान जी आप हमारी बहनों का दर्द तो सुन नहीं सकते है और ढिंढोरा पीट रहे हो "लाड़ली बहना योजना" का!
मध्यप्रदेश पुलिस ने भाजपा सरकार के आदेश पर बलपूर्वक 24 दिन से आमरण अनशन पर बैठी हमारी क्रांतिकारी बहन रंजिता चौहान को हटाया !!
बहन रंजीता व उनके साथी अभी भी अनशन पर है अगर बहन को कुछ भी हुआ तो इसकी जिम्मेदार मध्यप्रदेश सरकार होगी। सफाई कर्मचारी अपना हक माँग रहे है कोई भीख नहीं। याद रखना मुख्यमंत्री जी, भाजपा की इस तानाशाही का जवाब मध्यप्रदेश की जनता 2023 में वोट से देगी!"
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