ओडिशाः दलित छात्र और उसके माता-पिता से किया जातीय भेदभाव, शिक्षक निलम्बित

सदर हाई स्कूल की संस्कृत शिक्षिका अनुसुया देवी ने स्कूल में सरस्वती पूजा के अवसर पर दावत के लिए पकाए गए खाद्य पदार्थों को फेंक दिया.
सांकेतिक फोटो।
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बौध: ओडिशा के बौध जिले में कंटामाल ब्लॉक के अंतर्गत एक सरकारी स्कूल में एक शिक्षक को एक दलित छात्र और माता-पिता के प्रति आपत्तिजनक व्यवहार करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. जांच रिपोर्ट के आधार पर बौध जिला शिक्षा अधिकारी ने सोमवार को शिक्षक के खिलाफ ये कार्रवाई की है.

जानकारी के मुताबिक कांटामल इलाके के जोगिंदरपुर पंचायत के सदर हाई स्कूल की संस्कृत शिक्षिका अनुसुया देवी ने 14 फरवरी को स्कूल में सरस्वती पूजा के अवसर पर दावत के लिए पकाए गए खाद्य पदार्थों को फेंक दिया. क्योंकि एक दलित छात्र ने भोजन के कंटेनर को छू लिया था. इस घटना से स्कूल में छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों में भी तनाव फैल गया.

टीचर के इस व्यवहार का विरोध करते हुए छात्र के माता-पिता ने शिकायत दर्ज कराई. मामले को सुलझाने के लिए स्कूल के हेडमास्टर ने हस्तक्षेप किया, लेकिन आरोपी शिक्षिका ने अभिभावक के साथ भी दुर्व्यवहार किया. छात्र के पिता ने इस मामले को अंबेडकर दलित समाज विकास परिषद के संज्ञान में लाया और इसके समर्थन से उन्होंने न्याय की मांग करते हुए पुलिस से संपर्क किया.

उधर जिला पैना-गंडा विकास परिषद के सचिव सुधांशु डांगा ने इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया. आरोपों के बाद बौध जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) गेंडेरा कुजूर ने अतिरिक्त डीईओ घनश्याम मेहर और कांतमल ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सनोज सेठी को घटना की निष्पक्ष जांच के लिए निर्देश दिया. अधिकारियों की जांच रिपोर्ट के आधार पर डीईओ ने दोषी शिक्षिका को निलंबित कर दिया.

दलित महिला ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

अमेठी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में दलित महिला ने यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये। महिला ने बताया कि दरोगा (विवेक सिंह इंस्पेक्टर) और कुछ पुलिसकर्मियों ने आधी रात उसके घर में नशे की हालत में घुस कर बेटी और उसके संग अश्लील हरकत करने का प्रयास किए। विरोध करने पर महिला का मोबाइल भी पुलिस वाले छीन लिए। इस दौरान इंस्पेक्टर की कथित टोपी) उसके घर में छूट गई। महिला वह टोपी लेकर पुलिस अधीक्षक के पास न्याय के लिए पहुंच गई। पुलिस अधीक्षक अमेठी ने पूरे मामले की जांच सीओ गौरीगंज को सौंपी है.

पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह ने बताया कि जनसुनवाई के समय एक महिला पेश हुई थी, जिसका आरोप था कि कुछ पुलिसकर्मियों के द्वारा उसके साथ बदतमीजी की गई थी जिससे संबंधित सीओ को जांच दे दी गई है. जांच के बाद जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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