हाथरस कांड: मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास, तीन अन्य आरोपी बरी

कोर्ट ने रेप की धारा हटाई, आईपीसी की धारा 304 के तहत मिली सजा, मृतक पीड़िता के परिजनों में निराशा
हाथरस कांड: मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास, तीन अन्य आरोपी बरी

लखनऊ। हाथरस गैंगरेप हत्याकांड के चार में से 3 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने केस से रेप की धाराएं भी हटा दी है। मुख्य आरोपी को 304 (ग़ैर इरादतन हत्या), एससी एसटी एक्ट में दोषी करार दिया गया है। इस आरोप में मुख्य आरोपी को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा के साथ पचास हजार का अर्थदंड लगाया है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

यूपी के हाथरस में चंदपा क्षेत्र में ढाई साल पहले यानि 14 सितंबर 2020 को दलित युवती के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया था। आरोप गांव के ही चार युवकों पर लगा था। पीड़िता की बेरहमी से जीभ काट दी गई थी। 29 सितंबर 2020 को युवती ने दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। 29 सितंबर की देर रात ही यूपी पुलिस और प्रशासन पर परिजनों ने जबरन युवती का अंतिम संस्कार करने का आरोप लगाया था। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया था। इसके बाद काफी हंगामा हुआ था।

हाथरस गैंगरेप हत्याकांड पर जमकर राजनीति हुई थी। कई दिनों तक यूपी पुलिस ने परिजनों को मीडिया या दूसरे विपक्षी नेताओं से नहीं मिलने दिया था। पूरे मामले में संदीप ठाकुर, लवकुश, रामू, रवि को हत्या, रेप और एससी एसीटी एक्ट की धारा के तहत जेल भेज दिया था। पूरे मामले की जांच सीबीआई ने की थी।

हाथरस कांड: मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास, तीन अन्य आरोपी बरी
Live Update: हाथरस गैंगरेप मामला, मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास..

सीबीआई ने पूरे मामले में 29 दिसंबर 2020 को 2000 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। सीबीआई ने चारों आरोपियों के खिलाफ़ हत्या, गैंगरेप, एससी-एसटी एक्ट की धारा के तहत चार्जशीट दायर की। इस पूरे मामले में कुल 104 गवाह हैं। चूंकि इस मामले पर जमकर राजनीति हुई थी इसलिए ऐसे हाईप्रोफ़ाइल फ़ैसले के चलते पूरे इलाक़े में सुरक्षा व्यवस्था काफ़ी पुख़्ता की गई। इस मामले में कोर्ट ने 3 आरोपी लवकुश, रवि और रामू को कोर्ट ने बरी कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने केस से रेप क़ी धाराएं भी हटा दी है। मुख्य आरोपी को 304(ग़ैर इरादतन हत्या) , एससी/एसटी एक्ट में दोषी करार दिया गया है। इस आरोप में मुख्य आरोपी को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा के साथ पचास हजार का अर्थदंड लगाया है।

युवती के भाई की तहरीर पर दर्ज हुआ था मुकदमा

युवती के भाई ने गांव के ही संदीप ठाकुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में युवती के बयान के आधार पर 26 सितंबर को तीन अन्य लवकुश सिंह, रामू सिंह और रवि सिंह को भी आरोपी बनाया गया। चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस पर आरोप था कि परिवार को बिना बताए युवती का अंतिम संस्कार कर दिया था। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दावा किया था कि पीड़िता के साथ गैंग रेप नहीं हुआ। यूपी पुलिस के इस बयान के बाद कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई थी। इस मामले में योगी सरकार ने एसआईटी भी बनाई थी। देशभर में इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हुआ था। जिसके बाद इस मामले में योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद सीबीआई ने जांच संभाली और कई बार पीड़िता के परिवार से पूछताछ की थी। सीबीआई ने अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों से पूछताछ की थी। आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट और ब्रेन मैपिंग भी किया गया था।

सीबीआई ने 22 सितंबर को दिए गए पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी और निर्णय कोर्ट के ऊपर छोड़ दिया था। सीबीआई ने हाथरस केस से संबंधित मामले में 4 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। एजेंसी ने चारों आरोपियों के खिलाफ -325, SC-ST एक्ट 376 A और 376 D (गैंग रेप) और 302 की धाराओं में चार्जशीट दाखिल की थी।

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