गुजरात: घोड़ी से खींचकर दलित दूल्हे की पिटाई, आज भी बर्दास्त नहीं हो रही सामाजिक बराबरी!

पुल‍िस ने आरोप‍ियों की पहचान शैलेश ठाकोर, जयेशकुमार जीवनजी ठाकोर, समीरकुमार दिनेशजी ठाकोर और अश्विन कुमार ठाकोर के रूप में की है।
दलित दूल्हे को घोड़ी से खींचते लोग
दलित दूल्हे को घोड़ी से खींचते लोग

गुजरात। गांधीनगर ज‍िले में दलित समुदाय के दूल्हे को घुड़चढ़ी कर बारात ले जाना महंगा पड़ गया। भरी बारात और जश्न के दौरान बीच चौराहे पर कथित जातिवादी धारणा के एक व्यक्ति ने दलित दूल्हे को थप्पड़ जड़ दिया। इस घटना का लाइव वीडियो भी कैमरे में कैद हो गया। दल‍ित समुदाय के दूल्‍हे को घोड़ी पर चढ़ने से रोकने और उससे मारपीट के मामले में कलोल पुल‍िस ने आरोप‍ियों के ख‍िलाफ आईपीसी और अत्‍याचार अध‍िन‍ियम की अलग-अगल धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज क‍िया है।

जानकारी के मुताबिक, यह घटना गांधीनगर जिले के मनसा तालुका के चनास्मा गांव में 13 फरवरी की दोपहर को हुई। घटना की जानकारी देते हुए कन्हैयालाल चावड़ा ने द मूकनायक को बताया यह घटना मेरे बेटे विकास की शादी के दौरान हुई है। इस मामले में मेरे भतीजे संजय चावड़ा ने एफआईआर भी दर्ज कराई है।

संजय चावड़ा ने द मूकनायक को बताया कि, "मेरे भाई विकास की शादी थी। बारात घर से निकली थी। बारात में करीब 100 लोग शाम‍िल थे। जब बारात दुल्हन चांदनी के घर की तरफ जा रही थी तभी एक आरोपी मोटरसाइकिल से वहां आ गया। वह घोड़ी पर बैठे विकास के पास रुका और उसका कॉलर पकड़कर नीचे खींचा और उसे थप्पड़ जड़ दिये। इस घटना का हमारे पास वीडियो भी मौजूद है। हमने मामले की शिकायत क्षेत्रीय थाने में की है।"

पुल‍िस ने आरोप‍ियों की पहचान शैलेश ठाकोर, जयेशकुमार जीवनजी ठाकोर, समीरकुमार दिनेशजी ठाकोर और अश्विन कुमार ठाकोर के रूप में की है। पुलिस ने संजय की तहरीर पर आईपीसी की धारा 323, 341,506-2 और अत्याचार अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ठाकोर समुदाय से हैं जोक‍ि खुद को क्षत्रिय मानते हैं। लेकिन यह सभी अन्य पिछड़ा समुदाय कैटेगरी से संबंधित हैं।

पहले भी कई घटनाएं आ चुकी हैं सामने

मई 2019 में गुजरात के मेहसाणा में एक दलित की घुड़चढ़ी के बाद पूरे दलित समुदाय को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा था। इस मामले को सुलझाने के लिए गुजरात के तत्कालीन  उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल को मेहसाणा के कडी तालुका के ल्हौर गांव आना पड़ा था। बड़ी बात यह थी कई जब तत्कालीन उप मुख्य मंत्री दोनों समुदायों में समझौते की घोषणा कर रहे थे,उसी दौरान तीन दलित लड़कियों को गांव की आटा चक्की से आटा देने से मना किया गया था।

दलित समुदाय द्वारा घोड़ी पर बारात निकालने पर हमले होने का यह पहला मामला नहीं है। बीते फरवरी 2022 में गुजरात में बनासकांठा जिले के मोटा गांव में दलित दूल्हे के घोड़ी पर चढ़ने और बारातियों द्वारा पगड़ी बांधने पर ऊंची जाति के लोगों ने बवाल मचा दिया था। दूल्हे को गाली-गलौज करने के साथ ही बारात पर पथराव किया गया। जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस-बंदोबस्‍त के करना पड़ा था।

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