Follow up डीडवाना-कुचामन दलित दोहरा हत्याकांड: तीसरे दिन भी नहीं हुई आरोपियों की गिरफ्तारी, बहुजन संगठनों का धरना जारी

धरने पर बैठे बहुजन संगठनों के लोग
धरने पर बैठे बहुजन संगठनों के लोग

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर से सौ किलोलीटर दूर नव सृजित जिला डीडवाना-कुचामन सिटी में दलित दोहरे हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कुचामन पुलिस थाने के बाहर तीसरे दिन भी धरना जारी है। मृतकों के परिजनों के साथ मेघवाल महासभा, भीम सेना, भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के कार्यकर्ता भी सार्वसमाज के लोगों के साथ धरने पर बैठे हैं।

दूसरी तरफ एडीजी क्राइम दिनेश एमएन सहित सम्भागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक प्रवीण नायक सहित आला पुलिस अधिकारियों का काफिला भी पुलिस थाने में कैंप किए है। तीन दिन से पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन गतिरोध बना हुआ है। गुरुवार को भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से संघर्ष समिति ने धरना जारी रखने का ऐलान कर दिया।

आपको बता दें कि मकराना थाना क्षेत्र के बिदियाद गांव में रहने वाले राजूराम (23) पुत्र बाबूलाल मेघवाल व चुन्नीलाल (24) पुत्र नवरतनमल मेघवााल (दोनो चचेरे भाई) कलकला की ढाणी मंगलाना में रहने वाले अपने दोस्त किशनाराम (28) पुत्र नंदाराम के साथ 28 अगस्त की शाम को मोटरसाइकिल पर सवार होकर मौलासर गांव में मेला देखने गए थे। मेला देखने के बाद रात दस बजे तीनों वापस गांव आ रहे थे। रास्ते में भूख लगने पर तीनों ने राणासर गांव के पास हाईवे किनारे एक होटल पर खाना खाने के लिए बाइक को रोक दी, लेकिन यहां काफी भीड़ हो रही थी। इससे बिना खाना खाए ही मोटरसाइकिल को वापस हाइवे पर ले आए। इस दौरान होटल परिसर में पहले से तीन अलग अलग वाहनों के साथ खड़े कुछ लोगों ने उन्हें रुकने का इशारा किया। नहीं रुके तो कैंपर वाहन, बोलेरो व स्कॉर्पियों से बाइक का पीछा कर बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक सहित तीनों युवक उछल कर सड़क से दूर खेत में जाकर गिरे। टक्कर मारने के बाद आरोपी अपने वाहनों को लेकर खेत में पहुंचे। जहां बार-बार वाहनों को आगे पीछे कर राजूराम व चुन्नीलाल कुचल कर हत्या कर दी। जबकि किशनाराम गम्भीर घायल का उपचार चल रहा है।

मुखिबर समझ की हत्या?

पुलिस के अनुसार बाइक सवार दलित युवकों की हत्या करने वाले लोगों का सम्बंध किसी अपराधी गैंग से है। इन लोगों को दूसरी गैंग ने होटल पर आने की चेतावनी दी थी। उनकी चेतावनी स्वीकार कर यह लोग राणासर के पास होटल पर खड़े होकर इंतजार कर रहे थे। इस बीच एक मोटरसाइकि होटल परिसर में घूमी और हाथ के हाथ वापस घूम गई। पुलिस का दावा है कि होटल पर दूसरी गैंग का इंतजार कर रहे बदमाशों ने बाइक सवारों को मुखबिर समझ कर पीछा किया। तब नहीं रुके तो उनकी हत्या कर दी। गत दिवस डिटेन किए गए तीन बदमाशों से प्रारम्भिक पूछताछ के बाद पुलिस ने इस बात का खुलाया किया है, लेकिन पुलिस की यह कहानी लोगों के गले नहीं उतर रही है। धरना देकर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि जब पुलिस ने तीन लोगों को डिटेन कर लिया है। सभी बदमाशों को चिन्हित भी कर लिया तो गिरफ्तारी में देर क्यों हो रही है।

हर दिन बढ़ रही भीड़

28 अगस्त की बाइक सवार दो दलितों की हत्या हुई। जैसे-जैसे क्षेत्र के लोगों को पता चला तो अगले दिन 29 अगस्त को कुचामन कस्बे में जमा हो गए। पहले भीड़ जिला अस्पतताल की मोर्चरी के बाहर जमा हुई। जब प्रशासन ने मांगें नहीं मानी तो पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए भीड़ पुलिस थाने के बाहर जाकर धरने पर बैठ गई। इसके बाद धरना स्थल पर लोगों की भीड़ बढ़ती गई। भीम सेना व भीम आर्मी तथा मेघावाल महासभा के कार्यकर्ता परिजनों के साथ धरने पर बैठे। देखते ही देखते राजनीतिक संगठन से जुड़े लोग भी भीड़ के साथ धरना स्थल पर पहुंचने लगे। इस दौरान विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोगों को शामिल करते हुए एक संघर्ष समिति का गठन भी किया गया।

यह मांगें नहीं होती पूरी तो धरना रहेगा जारी

भीम सेना प्रदेशाध्यक्ष रवि कुमार मेघवाल ने धरनास्थल से कहा कि जब तक पुलिस घटना में शामिल सभी लोगों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार नहीं कर लेती धरना जारी रहेगा। इसके अलावा मृतक आश्रितों व घायल परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी व एक-एक करोड़ रुपए आर्थिक मदद नहीं देते हम पीछे हटने वाले नहीं है। मांगें पूरी नहीं होने तक धरना जारी रहेगा।

इससे पूर्व भीम सेना प्रदेशाध्यक्ष रवि कुमार मेघवाल ने कहा धरनास्थल पर लोगों को सम्बोधित करते हुए सवाल किया कि हर बार इन दबे कुचले, शोषित पीड़ित लोगों को ही शिकार क्यों बनाया जा रहा है? बाहुबली व पूंजीपति जो हर तरीके से मजबूत है, उनपर हाथ डाल कर देखो। मजाल ऐसे लोगों पर कोई हाथ डाल दे। यहां केवल कमजोर लोगों को जातिगत रूप से निशाना बनाया जा रहा है। उनकी माताओं बहनों के साथ गम्भीर घटनाएं हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि सुराणा में इन्द्र मेघवाल जातिवाद का शिकार हुआ। जितेन्द्र मेघवाल पाली में जातिवाद का शिकार हुआ। अजमेर के रूपनगढ़ में ओमप्रकाश रेगर की हत्या जाति के कारण की गई। नावा में विशाल मेघवाल, हुनुमान मेघवाल जैसे कई लोगों को उनकी जाति के कारण मौत के घाट उतार दिया गया। राजस्थान में प्रति दिन ऐसी अनगिनत घटनाएं एससी/एसटी के लोगों के साथ हो रही है।

भीम सेना प्रदेशाध्यक्ष रवि कुमार मेघवाल ने पुलिस की स्वतंत्र कार्यप्रणाली पर सवाल करते हुए कहा कि खाकी वाले लोग शासन में बैठे लोगों की जी हुजूरी करते हैं। इनको जैसा आदेश देते हैं यह उसकी पालना करते हैं। जयपुर के अंदर एक जज के बेटे के मंदिर के बाहर से जूते चोरी हो गए तो पूरा प्रशासन तलाशी में लग गया, लेकिन यहां दो दलितों की हत्या करदी गई। सबूत भी है, तीन दिन बाद भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए।

भीम आर्मी प्रदेशाध्यक्ष जितेन्द्र हटवाल ने कहा कि पुलिस को हमने 48 घंटे का समय दिया था। वह समय पूरा हो रहा है, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। हम चाहते हैं कि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर पीड़ित परिवार के साथ न्याय करे। राजनीति दबाव को दूर कर पुलिस ईमानदारी से न्याय नहीं करती है तो फिर भीम आर्मी सड़कों पर उतरेगी। हटवाल ने चेताया कि आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए तो शुक्रवार को प्रदेश की भीम आर्मी जयपुर में सीएम हाउस का घेराव करेगी।

पुलिस अधीक्षक प्रवीण नायक नूनावत ने द मूकनायक को बताया कि दोहरे हत्याकांड में अभी तीन लोग ही डिटेन किए गए हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है। एसपी ने कहा कि दो वाहन भी कब्जे में लिए हैं। बदमाशों का किसी राजनीतिक संगठन या किसी नामचीन गैंग से अभी तक कोई सम्पर्क सामने नहीं आया है। स्थानीय स्तर पर ही इन बदमाशों ने गिरोह बना रखा है। उन्होंने कहा कि शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सम्भाग स्तर पर गठित तीस टीमों में शामिल पांच सौ से अधिक पुलिसकर्मी बदमाशों की तलाश में लगे हुए हैं। पुलिस के ऊपर किसी तरह का कोई राजनीतिक दबाव भी नहीं है।

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