दलित नायक: मोबाइल से मदद लेकर किशोर ने बनाया रोबोट

राजस्थान के जालौर जिले के भीनमाल के दांतीवास के रहने वाले रोबोटिक लवर 17 वर्षीय संजय मेघवाल ने हासिल की उपलब्धि.
संजय मेघवाल और उनका रोबोट
संजय मेघवाल और उनका रोबोट

जयपुर। दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो सपनों को उड़ान मिल ही जाती है ऐसा ही कुछ कर दिखाया है राजस्थान के जालौर जिले के भीनमाल के दांतीवास के रहने वाले रोबोटिक लवर 17 वर्षीय संजय मेघवाल ने। संजय ने घर पर ही रोबोट बनाकर यह साबित कर दिया की सफलता संसाधनों की मोहताज नहीं होती है।

आइये जानते है संजय की कहानी

संजय 12वीं में पढ़ते हैं, उनकी की मां आंगनबाड़ी में आशा सहयोगिनी है। शुरूआत से ही संजय का हमेशा से ही कुछ अलग करने का मन था, घर की स्थिति ठीक भी नहीं थी, संसाधन पर्याप्त नहीं थे, फिर भी हौसला और जूनून था कुछ अलग करने का था। संजय ने एक दफा रोबोट बनाने का जिक्र किया, तो उसके दोस्त सब गलत ठहराने और हौसला तोड़ने से बाज नहीं आए, लेकिन संजय ने ठान लिया और रोबोट बनाना शुरू कर दिया।

संजय के लिए मोबाइल हुआ वरदान साबित

अमूमन देखने में आता है कि आजकल युवा हो या बच्चे, मोबाइल पर अपना काफी वक्त जाया करते हैं मगर इस उलटफेर में संजय ने इंटरनेट से सीखा रोबोट बनाने का तरीका और लगातार 6 महीने की दिन रात की मेहनत रंग लाई और संजय ने रोबोट बना लिया। संजय का बनाया रोबोट लगभग 4 से 5 फीट का है, वह चलता फिरता है और बोलता भी है। संजय बड़े होकर इंजीनियरिंग करना चाहते है और ISRO में जाना चाहते है। वे नए- नए आविष्कार करना चाहते हैं, जिससे मानवजीवन आसान हो।

संजय रोबोट का महत्व बताते हुए कहते हैं, "ये उनके लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है जो दिव्यांग है। उनके लिए यह आसानी से काम कर सकता है।"

संजय बताते हैं, वह गांव से है, उनको वो सुविधा नहीं मिल पायी जो आम तौर किसी भी आम इंसान को आसानी से मिल जाती है। अगर घर की स्थिति ठीक होती और मजबूत होती तो वो अपने कारनामे और प्रतिभा से दुनिया को चौंका देते। "जरूरतमदों के लिए उपयुक्त संसाधन उपलब्ध होने की बड़ी चुनौती है, सरकार भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं देती है", संजय ने कहा।

संजय के चाचा भरत कहते है कि उनके पापा और मम्मी का कोई खास व्यवसाय और काम नहीं है। गांव व दलित समाज से होने से उसकी प्रतिभा छुपी हुई रह गयी। अगर मुख्य धारा का मीडिया संजय के काम को दिखाता तो शायद हमारा संजय 'हीरो होता हीरो!' संजय के काम से हमको खुशी होती है। कभी ना कभी संजय का काम एक ना एक दिन इतिहास रचेगा। हम बाबा साहब को मानने वाले लोग हैं। जो ठाना है करके दिखाया है।

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