मध्य प्रदेश: ग्वालियर में दलित दूल्हे को बग्घी से खींचकर पिटाई,बारातियों पर पानी फेंका

पुलिस मामले में केस दर्ज कर जांच में जुटी,दूसरे पक्ष ने भी की शिकायत.
बारात पर हुए हमले के दौरान बनाया गया वीडियो,
बारात पर हुए हमले के दौरान बनाया गया वीडियो, तस्वीर- द मूकनायक

ग्वालियर। एमपी के ग्वालियर जिले में दलित दूल्हे को जातिवादी लोगों ने बग्घी से नीचे खींचकर पीट दिया। वहीं बग्घी में भी तोड़फोड़ की। आरोप है कि बग्घी की छतरी तोड़कर नाले में फेंक दी, लाइटें फोड़ दीं। दूल्हे और बारातियों को जातिसूचक गालियां दीं। घरों की छतों से बारातियों पर पानी फेंका। बारात के बीच घुसकर बंदूकों और कट्‌टों से हवाई फायर किए। आरोपी घर के सामने से दलित की बारात निकलने से नाराज थे। इस मामले में पुलिस मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई में जुटी है।

दरअसल,पूरा मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के करहिया गांव का है। मामला 20 मई की रात का बताया जा रहा है। बारात रिठोदन से करहिया आई थी। दूल्हे के भाई ने बुधवार (22 मई) को करहिया थाने में आरोपियों पर मारपीट और एट्रोसिटी एक्ट में केस कराया है। थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक़-'बरात निकल रही थी। इस दौरान बग्घी पर सवार दूल्हे को आरोपियों ने घसीटकर नीचे उतार लिया। दूल्हे नरेश जाटव को बचाने आए बारातियों से मारपीट की। डीजे बजाने वालों को भी पीट दिया। डीजे पर पथराव भी किया। डिस्को लाइट्स तोड़ दीं, साउंड सिस्टम को भी उखाड़ने का प्रयास किया।

दूल्हे के रिश्ते के भाई रिंकू जाटव ने बताया कि आरोपी उनके घर के सामने से बग्घी में बैठकर निकलने का विरोध कर रहे थे। दूल्हे की सोने की चेन भी लूटी गई है। आरोप है कि हमलावरों में संजय, दलबीर, संदीप और अनिल रावत ने बारात में दहशत फैलाने के लिए बंदूक और कट्‌टों से हवाई फायर किए। बताया जा रहा है कि सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस पहुंची थी। दोनों पक्षों को शांत कराकर बारात को आगे बढ़ा दिया था। दूसरे पक्ष की ओर से भी शिकायत की गई है। उनका आरोप है कि बाराती नाचते हुए नोट लुटा रहे थे। महिलाओं पर नोट गिरे। मना किया तो बाराती झगड़ने लगे। पुलिस ने दूसरे पक्ष के आरोप की जांच कर रही है।

द मूकनायक को एएसपी निरंजन शर्मा ने बताया-"बारात पर हमला हुआ है और दूल्हे से मारपीट की शिकायत हुई है। मामला दर्ज कर लिया गया है। दूसरे पक्ष ने भी महिलाओं से अभद्रता का आरोप लगाया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।"

राजपूत समाज ने घोड़ी पर बिठाकर दलित बेटी की निकाली बिंदौली

राजस्थान के अजमेर में घोड़ी पर बिठाकर दलित बेटी की बिंदौली निकाली गई। लोहागल गांव के कैलाश मेघवाल की 19 साल की बेटी साक्षी के विवाह में राजपूत समाज के लोगों ने उसको घोड़ी पर बिठाकर बिन्दौली निकाली। साथ ही ढोल-नगाड़े बजाए। इस बिंदौली में घोड़ी की लगाम आम जनमत पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम सिंह बनवाड़ा और प्रदेश उपाध्यक्ष श्यामसिंह ने संभाली।

जानकारी के मुताबिक़ कैलाश मेघवाल की 19 साल की बेटी साक्षी की शादी से पहले ये कार्यक्रम मंगलवार रात को आयोजित हुआ। इस दौरान 14 साल के बालक शुभम सिंह बनवाड़ा ने दुल्हन साक्षी को साफा पहनाया। फिर बनवाड़ा राजपूत परिवार ने दुल्हन साक्षी और उसके घरवालों को राजस्थानी परंपरा के मुताबिक बिंदौली के शाही खाने पर बुलाया। इस कार्यक्रम का आयोजन लोहगल स्थित गार्डन रेस्टोरेंट में किया गया, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए और साक्षी का आशीर्वाद दिया। इस अनूठी पहल और कार्यक्रम की फोटोज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं।

प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम सिंह बनवाड़ा ने कहा कि दलित समाज को लेकर कई तरह की नकारात्मकता समाज में फैली हुई हैं। कुछ जगहों पर दलित दूल्हों को घोड़ी बैठने नहीं दिया जाता है, जो कायरता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजपूत समाज हमेशा दलित समाज का साथ दिया है। इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए समाज में ऊंच-नीच की भावना को खत्म किया जा सकता है। प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम सिंह बनवाड़ा ने बताया कि साक्षी के पिता कैलाश मेघवाल उनके पुराने दोस्त है, जो अपनी बेटी की शादी बेटे की तरह करना चाहते थे। इसके चलते बेटी को साफा पहनाकर घोड़ी पर बिंदौली निकली गई।

बारात पर हुए हमले के दौरान बनाया गया वीडियो,
उत्तर प्रदेश: बारात पर हमला, दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारा, बारातियों को पीटा

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