पीलीभीत। यूपी के पीलीभीत जिले में बिजली विभाग की टीम चेकिंग के लिए निकली थी। इस दौरान एक भाजपा नेत्री के घर बिजली चोरी पकड़ ली गई। कर्मचारियों का आरोप है बिजली चोरी की विधिक कार्रवाई करने पर भाजपा नेत्री और उसके साथियों ने कर्मचारियों को बंधक बना लिया। इस दौरान एक अनुसूचित जाति के कर्मचारी को बंधक बनाकर पिटाई की और जातिसूचक गालियां दी। इस मामले में पुलिस ने पहले कोई कार्रवाई नहीं की।
कर्मचारियों के विरोध करने और कार्य बहिष्कार की चेतावनी देने पर पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने बिजली विभाग के जेई की तहरीर पर भाजपा नगर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत 19 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं नगर उपाध्यक्ष की तहरीर पर पुलिस ने पहले ही पावर कॉरपोरेशन टीम पर रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
दरअसल,पूरा मामला पीलीभीत के पूरनपुर क्षेत्र का है। जेई जयपाल ने द मूकनायक को बताया-'बीते सोमवार को दिन में 12 बजे बिजली चोरी की सूचना पर उपखंड अधिकारी शशांक कांडपाल के साथ जेई दानिश खां, अखिलेश यादव, हरीशंकर, महेंद्र कुमार, प्यारेलाल सिरसा रोड पर एक कॉलोनी में एक भाजपा की महिला नेता के घर पहुंचे थे। इस दौरान हमने घर का गेट खुलवा कर चेकिंग की बात कही थी।"
जानकारी के मुताबिक इस दौरान जेई जयपाल सिंह और भाजपा नेत्री के बीच मारपीट हो गई। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामले को शांत कराया। पुलिस ने दोनों पक्षों को मेडिकल के लिए नजदीकी सीएचसी भेजा। जेई का आरोप है कि इस दौरान भाजपा नेत्री के फोन करने पर कुछ हिंदूवादी नेता सीएचसी पहुंच गए और जेई की पिटाई कर दी।
बचाने की कोशिश पर होमगार्ड को भी गालियां दीं। मेडिकल परीक्षण के बाद कोतवाली लाए जा रहे जेई को कोतवाली गेट पर फिर हिंदूवादी नेताओं ने पीटा। कोतवाली गेट पर पिट रहे जेई को कुछ लोगों ने बमुश्किल बचाकर नगरपालिका चेयरमैन की गाड़ी से विद्युत केंद्र भिजवाया।
जेई ने द मूकनायक को बताया- "पुलिस ने हम सभी को मेडिकल परीक्षण के लिए एक होमगार्ड के साथ भेजा था। इस दौरान भाजपा नेत्री के साथी सीएचसी आ गए। उन लोगों ने मेरी पिटाई की। मैंने मामले की सूचना पुलिस को दी। मेरी सूचना पर पुलिस पहुंची और बाद में चली आई। जब मैं वहां से लौट रहा था इस दौरान मुझे एक बार फिर कोतवाली गेट पर रोककर पीटा और जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। पुलिस मामले को गंभीरता से लेती तो मेरी दोबारा पिटाई नहीं होती।"
इस मामले में भाजपा नेत्री की ओर से जेई जयपाल, दानिश और शशांक सहित नौ के खिलाफ मारपीट, छेड़छाड़ आदि धाराओं में कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस कार्रवाई के बाद पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों ने भी कार्रवाई न होने पर मंगलवार को नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन किया था। पुलिस ने जेई जयपाल की ओर से मिली तहरीर पर भी कार्रवाई की।
जेई और भाजपा नेत्री के बीच हुए विवाद में दोनों पक्षों की ओर से उसी दिन तहरीर दे दी गई थी। भाजपा नेत्री की तहरीर पर तो रिपोर्ट दर्ज कर ली गई, लेकिन जेई की तहरीर को जांच में टाल दिया गया था। इसे लेकर सत्ता के दबाव में कार्रवाई न करने के आरोप लग रहे थे। घटना में कार्रवाई न होने पर गुस्साए पावर कॉरपोरेशन के अफसरों और कर्मचारियों में आक्रोश फ़ैल गया।
राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के जिला अध्यक्ष उमेश कुमार सहित संगठन के अन्य पदाधिकारी और जिले भर के तमाम एसडीओ और जेई पूरनपुर पहुंचे थे। उनके द्वारा एफआईआर दर्ज न किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की गई थी। डिवीजन कार्यालय पर बैठक कर अधिकारियों ने कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी। पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीओ आलोक सिंह से शिकायत की। इसके बाद अब बुधवार को कार्रवाई की गई है।
जेई की तहरीर पर भाजपा नेत्री, नगर अध्यक्ष हर्ष प्रधान, संजय मिश्रा, रूप सिंह और 15 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। जेई का आरोप है कि जब पुलिस घटना के बाद सभी को अस्पताल ले गई। इस दौरान अस्पताल में मेडिकल के दौरान भी जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए संजय मिश्रा व उसके साथ अज्ञात पांच लोगों ने गाली गलौज कर उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी भी दी। इसके अलावा थाने से लौटते समय भी गेट पर पहले से मौजूद हर्ष प्रधान, संजय मिश्रा और रूप सिंह सहित 15 लोगों ने लामबंद होकर उनके साथ दोबारा मारपीट की। किसी तरह वह जान बचाकर सीओ कार्यालय पहुंचे थे।
इस मामले में कोतवाल पूरनपुर संजीव कुमार शुक्ला ने द मूकनायक को बताया -"किसी तरह का दबाव नहीं था। एक पक्ष की पूर्व में ही रिपोर्ट दर्ज कर ली गई थी। जेई की ओर से दी गई तहरीर में बदलाव के चलते देरी हुई है। विवेचना में साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।"
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