दलित महिला की मौत के बाद अर्थी तैयार करने के लिए बढ़ई ने मना किया, दलित समाज में रोष

दलित महिला की मौत के बाद अर्थी तैयार करने के लिए बढ़ई ने मना किया, दलित समाज में रोष

लखनऊ। यूपी के संभल जिले में एक दलित महिला की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए अर्थी बनाने के लिए परिजन गांव में बढ़ई को बुलाने गए। आरोप है कि किसी भी बढ़ई ने आने से इन्कार कर दिया। इसे लेकर ग्रामीणों में रोष फैल गया और उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया। पुलिस ने दूसरे गांव से बढ़ई बुलाकर अर्थी तैयार करायी। जिसके बाद दलित महिला का अंतिम संस्कार हो सका। काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।

जानिए क्या है पूरा मामला?

यूपी में सम्भल के एचोंड़ा कम्बोह क्षेत्र में बाबू खेड़ा गांव में 18 मार्च 2023 को धर्मपाल की पत्नी इंद्रेश देवी का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया था। रविवार यानी 19 मार्च 2023 को अंतिम संस्कार किया जाना था। मृतका के देवर सुभाष बताते हैं, "अब तक गांव के ही बढ़ई बांस से अंतिम संस्कार के लिए अर्थी तैयार करते थे। रविवार को वह अर्थी बनवाने के लिए गांव में ही रहने वाले बढ़इयों के पास पहुंचे। सभी ने अर्थी बनाने से आनाकानी कर बहाने बनाते हुए इन्कार कर दिया। काफी देर की मशक्कत के बाद भी कोई बढ़ई अर्थी बनाने को तैयार नहीं हुआ। इस कारण हमारे समाज के सभी लोग नाराज हुए और लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया।"

मामले की जानकारी मिलने पर प्रधान सलीम भी मौके पर पहुंच गए। जहां किसी ने पुलिस को सूचना दी तो थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाया। ग्रामीणों ने पड़ोसी गांव ढकिया से बढ़ई को बुलाकर अर्थी तैयार कराई और उसके बाद महिला का अंतिम संस्कार किया गया।

इस मामले में थाना प्रभारी राकेश कुमार ने बताया, "दलित समाज के लोगों ने बढ़ई द्वारा अर्थी न बनाने की सूचना पुलिस को दी थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर गई और ग्रामीणों को समझाकर शांत किया। अभी तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल गांव में शांति का माहौल है।"

दलित महिला की मौत के बाद अर्थी तैयार करने के लिए बढ़ई ने मना किया, दलित समाज में रोष
उत्तर प्रदेश: नई टाउनशिप नीति से दलित चिंतकों और नेताओं में रोष

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

Related Stories

No stories found.
The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com