बिहार: आग की लपटों में राख हो गया कई दलितों का घर, नहीं मिली आर्थिक मदद

बिहार: आग की लपटों में राख हो गया कई दलितों का घर, नहीं मिली आर्थिक मदद

बिहार। छपरा जिले के भेल्दी इलाके के मदारपुर में बीते 20 अप्रैल को दलित बस्ती की लगभग 100 झोपड़ियों जलकर खाक हो गई। अधिकारियों की जांच में शॉट सर्किट के कारण आग लगने की बात सामने आ रही है। वहीं ग्रामीणों का कहना है तेज आंधी के कारण ऐसा हुआ। घटना में दर्जन भर मवेशी जलकर मर गए थे, दलितों का राशन और गृहस्थी पूरी तरह जल गई। घटना के समय एसडीएम अंचल ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला था। लगभग 10 गाड़ियों की सहायता से आग पर काबू पाया जा सका था। दलितों को मुआवजा देने की सूची तैयार हो गई, लेकिन इस पर जिलाधिकारी की अनुमति नहीं मिल सकी। इस कारण लोगों तक मदद नहीं पहुंच सकी। वहीं घटना के लगभग 6 दिन बाद मंत्री सुरेंद्र राम ने घटना स्थल का जायजा लिया।

जनिये क्या है पूरा मामला?

बिहार के छपरा में भेल्दी क्षेत्र के गोरेया मदारपुर गांव में 20 अप्रैल 2023 को एक दलित बस्ती में भीषण आग लग गई थी। इस आग में झोपड़ीनुमा व पक्के मकान समेत लगभग 100 घर जल गए थे। आग इतनी भयानक थी कि दस से अधिक गैस सिलेंडर भी फट गए थे। इस घटना में लगभग 80 लाख रुपये की संपत्ति जलकर राख हो गई थी। सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की 5 गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने पहुंची थी। वहीं सरकारी आंकड़ों की माने तो लगभग 77 घर गम्भीर रूप से आग की चपेट में आए। इसमें 21 मवेशियों के शेड में आग लग गई थी।

मामले में गांव के रहने वाले रामदयाल राम ने बताया, "मेरा बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। मेरा 25 बोरा गेहूं दो बोरा चावल, दो बोरा राई सहित 6 बकरियां और 9 मुर्गियां जलकर मर गई हैं। खाने का कोई भी सामान नहीं बचा है। पूरा राशन जलकर राख हो गया। अभी तक कोई आर्थिक सहायता नहीं पहुंची।" वहीं अग्निकांड राहत सहायता सूची के मुताबिक अग्निकांड के लिए कुल 9800 रुपये की राशि का भुगतान किया जाना है। इस मामले में आपदा प्रबंधन अधिकारी का कहना है राहत का काम किया गया था। कम्युनिटी किचन और वस्त्र वितरण लोगों को दिया गया था। मढ़ौरा अनुमंडल पदाधिकारी योगेंद्र कुमार ने कम्युनिटी किचन व्यवस्था दुरुस्त होने तक कम्युनिटी किचन चलाने की बात कही। गांव में बिजली दुरस्त करने के लिए मढ़ौरा अनुमंडल के एसडीओ ने बताया बिजली को दुरुस्त कराने के लिए खम्भा (पोल) पर काम जारी है।

तैयार हुई सूची लेकिन 6 दिन बाद भी नहीं पहुंच सकी आर्थिक सहायता

घटना 20 अप्रैल 2023 को हुई थी। अग्निकांड के बाद 22 अप्रैल को लगभग 77 लोगों की सूची तैयार की गई है। इन 77 परिवारों में प्रत्येक परिवार को 9800 रुपये राशि दी जानी है। जिसमें अग्निकांड अनुदान का 6 हजार जबकि क्षतिग्रस्त वस्त्रों का 3800 रुपये है। 77 परिवारों में कुल सात लाख चौवन हजार पांच सौ की आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं अग्निकांड में पशुओं के बाड़े के लिए कुल 21 लोगों को नामित किया गया है। प्रत्येक व्यक्ति को 2100 रुपये की राशि आवंटित होनी है। इसकी कुल राशि 44,100 रुपये है। यह दोनों ही राशि अब तक पीड़ित परिवारों तक नहीं पहुंच सकी है।

मंत्री ने किया दौरा, पहुँचवाई राहत सामग्री

अग्निकांड के 5 दिन बाद 26 अप्रैल को मंत्री घटना स्थल पर आदरणीय सुरेंद्र राम पहुंचे। उन्होंने झोपड़ी का घर बनवाने के लिए एक हज़ार (1000) बांस और बारह सौ (1200) ख़र का बोझा देने की बात कही। इसमें 340 बांस 27 अप्रैल 2023 को पहुंच गए।

क्या कहते हैं जिम्मेदार अफसर?

इस मामले में अंचल एसडीएम ने बताया आर्थिक सहायता प्रदान दिए जाने के लिए सूची तैयार हो चुकी है। उच्चाधिकारियों की अनुमति मिलते ही यह राशि आज से कल तक में वितरित कर दी जाएगी। वहीं एसडीएम ने जानकारी देते हुए यह भी बताया सरकारी प्रावधान के अनुसार 9800 की राशि ही बनती है। जिसे पीड़ित के खाते में भेजा जाएगा।

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