भीलवाड़ा में कथित गोरक्षकों की पिटाई से दलित युवक की मौत, चंद्रशेखर आज़ाद ने उठाई न्याय की मांग

नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने राजस्थान सरकार पर साधा निशाना, कहा- 'यह लोकतंत्र पर कलंक है', दोषियों के लिए की कठोरतम सज़ा की मांग।
Bhilwara mob lynching: Dalit youth beaten to death? Chandrashekhar says, "The culprits should be punished severely."
भीलवाड़ा मॉब लिंचिंग: दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या? चंद्रशेखर बोले- 'दोषियों को मिले कड़ी सज़ा'(द मूकनायक)
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भीलवाड़ा/जयपुर: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में कथित गोरक्षकों द्वारा की गई बर्बर पिटाई के कारण एक युवक की मौत का मामला सामने आया है। घटना के तीन दिन बाद पीड़ित ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस मामले को लेकर भीम आर्मी प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने गहरी संवेदना व्यक्त की है और राजस्थान सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

चंद्रशेखर आज़ाद ने अपने आधिकारिक 'X' (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 16 सितंबर को मंदसौर निवासी शेरू और भीलवाड़ा निवासी मोहसिन एक पशु मेले से अपने घर लौट रहे थे। इसी दौरान, उन पर तथाकथित "गोरक्षकों" के एक समूह ने पशु-तस्करी के शक में हमला कर दिया और दोनों को बेरहमी से पीटा।

इस हमले में शेरू गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें पहले भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ, तो बेहतर इलाज के लिए उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया। दुर्भाग्यवश, 19 सितंबर को इलाज के दौरान शेरू की मृत्यु हो गई।

आज़ाद ने अपने पोस्ट में बताया कि इस मामले में 17 तारीख को कुछ नामजद और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की जा चुकी है और पाँच लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि मुख्य नामजद आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। उन्होंने इसे "सरकार की निष्क्रियता और लापरवाही" का प्रतीक बताया।

चंद्रशेखर आज़ाद ने सरकार से की तीन मांगें

सांसद चंद्रशेखर ने इस हमले को लोकतंत्र और मानवता पर कलंक बताते हुए राजस्थान के राज्यपाल (@RajGovOfficial) को टैग कर सरकार के समक्ष तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:

  1. इस घटना में मॉब लिंचिंग की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए।

  2. सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर उन्हें कठोर से कठोर सज़ा दी जाए।

  3. मृतक शेरू के परिवार को तत्काल उचित मुआवज़ा और पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए।

उन्होंने अपनी पोस्ट में राजस्थान के मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी टैग किया है, जिससे यह स्पष्ट है कि वह इस मामले पर सीधे सरकार से जवाबदेही और तत्काल कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर तथाकथित गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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