बिहार: दलित महिला के बाल पकड़कर घसीटते हुए ले गई पुलिस, कपड़े फाड़े, बच्चों को पीटा — भागलपुर में छापेमारी के नाम पर तांडव!

भागलपुर में पुलिसिया कार्रवाई से दलित बस्ती में हंगामा: महिलाओं से अभद्रता, बच्चों की पिटाई, वृद्ध महिला की बेटी को घसीटकर ले गई पुलिस
Bhagalpur: Allegations of police brutality, case of indecent behaviour with Dalit women and beating of children
बिहार के भागलपुर में पुलिस की बर्बरता का आरोप, दलित महिलाओं से अभद्रता और बच्चों की पिटाई.ग्राफिक- राजन चौधरी, द मूकनायक
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बिहार: भागलपुर जिले के ललमटिया थाने की पुलिस ने थाना क्षेत्र के नाथनगर पासी टोले में शराब रखे जाने की सूचना पर वहां पहुंच कर ऐसा तांडव मचाया जिससे वहां के समूचे ग्रामीण आक्रोशित हो गए. ग्रामीणों का आरोप है कि छापेमारी के दौरान पुलिसकर्मियों ने महिलाओं से अभद्रता की, पुरुषों और बच्चों को बेवजह पीटा. घटना बीते रविवार रात करीब 8 बजे की बताई जा रही है. 

इसी टोले की निवासी रजनी भारती, जो अब दिल्ली में रहती हैं, ने द मूकनायक को बताया कि, “मेरे माँ का पैर फैक्चर हो गया था, जिसे देखने के लिए मेरी बहन ज्योति भारती (52) उनके पास गई थी. रात में पुलिस का छापा पड़ा. वह लोग महिलाओं और बच्चों को पीट रहे थे. घर के बाहर निकल कर मेरी दीदी ने पुलिसवालों को ऐसा करने से मना किया तो कुछ देर बाद पुलिस मेरी दीदी को भी पीटते हुए घसीट कर उठा ले गई.”

“सारे पुलिस वाले भूमिहार हैं — इन्स्पेक्टर से लेकर दरोगा तक. पुलिस वाले महिलाओं को बहुत भद्दी-भद्दी गालियां दे रहे थे. दीदी के पूछने पर वह लोग भड़क गए कि यह छोटी जाति के लोग हमें रोक रहे हैं. वह लोग एक घंटे बाद आए और दीदी के बाल पकड़कर घसीटते हुए पुलिस स्टेशन ले गए. पूरी रात थाने में रखा. दीदी के कपड़े फट गए थे और शरीर नग्न हो गया था”, रजनी ने द मूकनायक को बताया.

रजनी ने बताया कि यहां भागलपुर में जहां पुलिस ने छापा मारा था उसी इलाके में ही उसका भी घर है. लेकिन वह खुद अभी दिल्ली में रहती है. जब यह घटना हुई तब भाई ने बताया. रजनी ने बताया कि, “पुलिस वालों ने दीदी के खिलाफ अटेम्प्ट- टू-मर्डर का केस दर्ज किया है. एक उम्रदराज महिला को ऐसे घसीटते हुए, अपमानित करते हुए ले जाने का यह कौन सा तरीका है…! उनकी गलती सिर्फ यह थी कि बच्चों और महिलाओं की पिटाई करने पर सवाल पूछ लिया..? वह अभी भी पुलिस की कस्टडी में है. पुलिस ने लगभग 15 से 20 लोगों को पकड़ा है, सारे दलित समाज के लोग हैं.”

Gunjan Kumari
गुंजन कुमारी

घटना के वक्त मौजूद नाबालिग मासूम गुंजन कुमारी ने एक मीडियाकर्मी को बताया कि, उसके सामने उसकी माँ को पुलिस वाले ने कई लात मारे. घटना का दृश्य बताते हुए गुंजन फफक पड़ती है.  

यहां यह उल्लेखनीय है कि इस छापेमारी में एक भी महिला पुलिसकर्मी शामिल नहीं थी. सारी पुलिसिया कार्रवाई पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा की गई. जिसमें उनपर महिलाओं से अभद्रता करने का भी आरोप है. प्रत्यक्षदर्शियों का मानना है कि लोगों के नाराजगी का यह भी कारण है.

Prema Devi
प्रेमा देवी

पुलिसकर्मियों की बर्बरता में घायल हुई प्रेमा देवी बताती हैं कि, “जबरदस्ती घर का ताला खोलकर सभी को मारे हैं. हमें भी 2-3 लाठी मारे हैं. मेरे देवर को ऐसा मारा है कि उसकी टांग टूट गई है.”

Ashok Chaudhary
अशोक चौधरी

घटना के दौरान किराना दुकान में खड़े अशोक चौधरी को भी पुलिसकर्मियों ने नहीं बख्शा. पुलिस की पिटाई से अशोक के हाथ में चोटें आईं हैं. जबकि, अशोक का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था.

भागलपुर के सिटी डीएसपी-2, राकेश कुमार ने घटना पर मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि, “पासी टोला में, रवि चौधरी के आवास पर शराब रखे जाने की सूचना पर छापेमारी किया गया. छापेमारी में जब पुलिस टीम वहां पहुंची तो उनके परिजनों द्वारा पुलिस पर पत्थरबाज़ी किया गया. इस पत्थरबाज़ी में हमारे तीन जवान हल्के-फुल्के घायल हुए हैं.”

मीडियाकर्मियों से जब यह पूछा गया कि छापेमारी के दौरान एक लड़की को पुलिस ने थप्पड़ मारा था तब लोग आक्रोशित हो गए थे? सवाल पर सिटी डीएसपी-2 ज्यादा कुछ कहने से बचते हुए बोले, “इसके बारे में जानकारी नहीं है.”

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