उत्तर प्रदेश: बागपत ज़िले में जातीय हिंसा का एक गंभीर मामला सामने आया है। बिनौली क्षेत्र के धनौरा सिल्वरनगर स्थित एक इंटर कॉलेज में दलित छात्रों ने आरोप लगाया है कि 26 अगस्त को प्रार्थना सभा के दौरान ‘जय भीम’ का नारा लगाने पर शिक्षकों ने उनकी पिटाई की।
छात्रों के मुताबिक, प्रार्थना के समय कुछ लड़कों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। इसके जवाब में दलित छात्रों के एक समूह ने ‘जय भीम’ कहा। आरोप है कि इसके बाद विद्यालय के पीटीआई (शारीरिक शिक्षा शिक्षक) और दो अन्य अध्यापकों ने पांच छात्रों को अलग कमरे में बुलाया।
एक छात्र ने बताया, “दो शिक्षकों ने हमारे हाथ पकड़ रखे थे और तीसरे ने डंडे से पीटा। हमें मुर्गा बनने की सज़ा भी दी गई।”
छात्रों का आरोप है कि प्रिंसिपल ने न केवल जातिसूचक टिप्पणियां कीं बल्कि स्कूल से निकालने की धमकी भी दी। एक अन्य छात्र ने कहा, “हमें केवल ‘जय भीम’ कहने पर अपमानित किया गया। प्रिंसिपल ने यहां तक कह दिया कि हम इस स्कूल में पढ़ने लायक नहीं हैं।”
पीड़ित छात्र पहले बिनौली थाने पहुंचे, लेकिन वहां कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद शुक्रवार को वे पुलिस अधीक्षक (एसपी) के दफ़्तर पहुंचे और न्याय की मांग की।
एसपी सूरज कुमार राय ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा, “शिकायत प्राप्त हो गई है। बिनौली थाने के एसएचओ राकेश कुमार शर्मा को जांच के निर्देश दिए गए हैं।”
वहीं, ज़िला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) राघवेंद्र सिंह ने कहा, “अब तक मेरे कार्यालय में कोई लिखित शिकायत नहीं आई है। शिकायत मिलने पर विस्तृत जांच कराई जाएगी और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।”
छात्रों का कहना है कि यह मामला केवल मारपीट का नहीं बल्कि उनके सम्मान से जुड़ा है। एक पीड़ित छात्र ने सवाल उठाया, “हमने सिर्फ ‘जय भीम’ कहा था। इसके लिए हमें क्यों सज़ा दी गई?”
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.